झारखंड: चास DPS ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की नतिनी को ऑनलाइन क्लास से रोका, मिनिस्टर ने काउंटर पर खड़ा होकर जमा किया फीस
कोरोना काल में स्कूल नहीं तो फीस नही जैसी बात करने वाले झारखंड के स्कूली शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो खुद पीछे हट गये है। मिनिस्टर को प्राइवेट स्कूलों और बच्चों के अभिभावकों की समस्या भी समझ में आ गई है। दिल्ली पब्लिक स्कूल चास ने मिनिस्टर जगरनाथ की नतिनी रिया का नाम ऑनलाइन से ऑफ लाइन कर दिया है। सूचना मिलने पर मिनिस्टर शनिवार को डीपीएस चास पहुंचे व स्कूल के काउंटर पर खड़ा होकर नतिनी का अप्रैल से सितंबर 2020 तक का फी जमा किया।
- डीपीएस ने मिनिस्टर की नतिनी रिया का नाम ऑनलाइन से ऑफ लाइन कर दिया
बोकारो। कोरोना काल में स्कूल नहीं तो फीस नही जैसी बात करने वाले झारखंड के स्कूली शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो खुद पीछे हट गये है। मिनिस्टर को प्राइवेट स्कूलों और बच्चों के अभिभावकों की समस्या भी समझ में आ गई है। दिल्ली पब्लिक स्कूल चास ने मिनिस्टर जगरनाथ की नतिनी रिया का नाम ऑनलाइन से ऑफ लाइन कर दिया है। सूचना मिलने पर मिनिस्टर शनिवार को डीपीएस चास पहुंचे व स्कूल के काउंटर पर खड़ा होकर नतिनी का अप्रैल से सितंबर 2020 तक का फी जमा किया।
शिक्षा मंत्री ने पर मंथ 3,800 रुपये के हिसाब से 22,800 रुपये एजुकेशन फी जमा किया। इसके बाद उन्होंने स्कूल की इंचार्ज प्रिंसिपल शैलजा जय कुमार से नतिनी के नाम काटने से संबंधित जानकारी हासिल की। हालांकि प्रिंसिपल ने उनकी नतिनी का नाम काटने की बात से इनकार किया। इसके बाद मंत्री वहां से निकल गये।
शिक्षा मंत्री की नतिनी को ही ऑनलाइन क्लास से रोका
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का आदेश था फीस के अभाव में बच्चे को पढ़ाई से वंचित नहीं किया जायेगा।साथ ही फीस जमा करने को लेकर अभिभावकों का बाध्य नहीं किया जायेगा। लेकिन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की नतिनी ही प्राइवेट स्कूल की मनमानी के शिकार हो गयी। इसके बाद मिनिस्टर ने खुद स्कूल जाकर फीस जमा किया। उन्होंने स्कूल कैंपस से ही अभिभावकों से अपील भी की कि जितना संभव हो स्कूलों को फीस दें।
क्या है मामला
शिक्षा मंत्री की नतिनी रिया कुमारी चास डीपीएस में क्लास फोर की स्टूडेंट हैं। कोरोना काल में स्कूल बंद होने के का्रण अभी ऑनलाइन क्लास चल रहा है। रिया की ट्यूशन फीस जमा नहीं होने की वजह से ऑनलाइन क्लास से उसका नाम काट दिया गया। बेटी ने इस बात की जानकारी शिक्षा मंत्री को दी। . इसके बाद शिक्षामंत्री खुद स्कूल पहुंच कर अप्रैल से सितंबर महीने तक की ट्यूशन फीस 22,800 रुपये जमा किये।.
शिक्षा मंत्री बोले
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे स्कूल की वस्तुस्थिति जानने आये थे। ट्यूशन फीस जमा नहीं होने की वजह से ऑनलाइन क्लास से नतनी का नाम काट दिया गया था। उन्होंने कहा कि हम यहां बतौर अभिभावक आये हैं। जहां तक रही बात प्राइवेट स्कूलों के मनमानी की तो इस बात को विधानसभा में उठाया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अभिभावक जितना संभव हो स्कूलों की फीस जमा करें।
कैबिनेट की बैठक में होगी चर्चा
जगरनाथ महतो ने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट ने केवल एजुकेशन फीस ही लिया है। इसके अलावा अन्य किसी प्रकार के फीस की वसूली नहीं की गई है। स्कूल ने नतिनी का नाम हटाया है या नहीं यह तो जांच से ही पता चलेगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी इसकी जांच करेंगी। इसके अलावा इन्हें जिले के सभी प्राइवेट के फीस से संबंधित जांच की रिपोर्ट भी सरकार को सौंपना है। कहा कि शिक्षा के मंदिर में राजनीति नहीं होनी चाहिए। अभिभावक यथा संभव शिक्षण शुल्क जमा कर सकते हैं। बच्चों की पढ़ाई नहीं रोकना चाहिए। कैबिनेट की बैठक में भी प्राइवेट स्कूल की ओर से शुल्क की वसूली व अन्य मुद्दे पर चर्चा होगी।
शिक्षा मंत्री ने दिया था आदेश
शिक्षामंत्री के आदेश पर शिक्षा विभाग ने 25 जून को आदेश दिया था कि ऑनलाइन क्लास चलानेवाले स्कूलों के खुलने तक स्टूडेंटस से सिर्फ ट्यूशन फीस ली जायेगी। सेशन 2020-21 के लिए स्कूल फीस में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जायेगी।स्कूलों के पूर्ववत शुरू होने से पहले केवल एजुकेशन फी मंथली रेट पर लिया जायेगा।एजुकेशन फीस जमा नहीं करने पर किसी भी परिस्थिति में स्टूडेंट का एडमिशन कैंसिल न हो।एजुकेशन फीस जमा नहीं करने पर स्टूडेंट को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जायेगा।बिना भेदभावव के सभी स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लास के लिए आइडी, पासवर्ड व एजुकेशनल सामग्री दें।जब तक स्कूल बंद हैं, तब तक एनुअल, बस फीस आदि फीस नहीं लिया जाये। दोबारा स्कूल खुलने, क्लास शुरू होने के बाद समानुपातिक आधार पर ही फीस लिया जायेगा।लेट से फीस पेमेंट करने पर अभिभावकों से विलंब शुल्क नहीं लिया जायेगा।स्कूल के टीचर व स्टाफ के वेतन आदि में कटौती या रोक नहीं लगायी जायेगी।