अरुणाचल प्रदेश में गांव बसा रहा है चीन ! MEA ने कहा- हर स्थिति पर हमारी पैनी नजर
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के अंदर इंडिया बोर्डर पर कुछ निर्माण कार्य कर रहा है। एक गांव बसाये जाने की रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट के बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को कहा कि उसने इंडिया के साथ बोडरिंग एरिया में चीन के निर्माण कार्य को लेकर हालिया रिपोर्ट देखी है। गवर्नमेंट उस पर पैनी नजर बनाए हुए है।
- विदेश मंत्रालय ने कहा कि बोर्डर पर अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार बेहतर करने को लेकर प्रतिबद्ध
- गवर्नमेंट रोड, पुल वगैरह सहित कई दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने शुरू किये
- बोर्डर पर लोकल पब्लिक से जरूरी कनेक्टिविटी स्थापित करने में मिली मदद
नई दिल्ली। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के अंदर इंडिया बोर्डर पर कुछ निर्माण कार्य कर रहा है। एक गांव बसाये जाने की रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट के बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को कहा कि उसने इंडिया के साथ बोडरिंग एरिया में चीन के निर्माण कार्य को लेकर हालिया रिपोर्ट देखी है। गवर्नमेंट उस पर पैनी नजर बनाए हुए है। चीन पिछले कई सालों से अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर से सटे इलाकों में इस तरह की बुनियादी ढांचा निर्माण गतिविधि शुरू की है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन की हरकतों के जवाब में, हमारी गवर्नमेंट ने भी सीमावर्ती इलाकों में सड़कों, पुलों आदि के निर्माणकार्य को आगे बढ़ाया है। इससे सीमा के साथ-साथ स्थानीय आबादी को भी जोड़ने का काम किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार अरुणाचल प्रदेश सहित अपने नागरिकों की आजीविका में सुधार के लिए सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाली सभी घटनाक्रमों पर सरकार नजर रखती है। अपनी संप्रभुता और क्षेत्री अखंडता की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है।
उल्लेखनीय है कि NDTV ने यूएस आधारित निजी इमेजिंग कंपनी प्लैनेट लैब्स के सैटेलाइट इमेज का हवाला देते हुए कहा है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 101 घरों को निर्माण कर एक नया गांव बसाया है। यह इंडिया के वास्तविक सीमा से लगभग 4.5 किमी अंदर है। रिपोर्ट में बताया गया है चीन की ओर से जो गांव बसाया गया है वो Tasri chu नदी के किनारे पर है। हालांकि, अब विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है गांव बसाये जाने का मामला बॉर्डर से सटे इलाकों का है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा के अंदर की नहीं है।
प्लैनेट लैब्स की ओर से मिली दो सैटेलाइट तस्वीरों की तुलना करते हुए एनडीटीवी ने बताया है कि पिछले 15 महीनों में गांव का बसाया गया है। पहली फोटो 26 अगस्त 2019 की बताई जा रही है, जिसमें गांव बसाये जाने वाले स्थान पर कोई निर्माण कार्य नजर नहीं आ रहा है। जबकि दूसरी फोटो जो कि एक नवंबर 2020 की बताई जा रहा है उसमें छोटे-छोटे आकार के दर्जनों मकान और रोड बने हुए दिखाई दे रहे हैं।
क्या है मामला
चैनल की खबर में एरिया की दो फोटो दिखाईं गयी है जिसमें उसने दावा किया कि एक गांव बसाया गया है। चैनल के अनुसार 26 अगस्त, 2019 की पहली फोटो में कोई बसावट नहीं दिखाई देती। लेकिन नवंबर 2020 की दूसरी फोटो में कुछ ढांचे दिखाई देते हैं। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश को साउथ तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं भारत इस दावे को खारिज करता रहा है। भारत और चीन के बीच पिछले करीब आठ महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा मुद्दे को लेकर गतिरोध बना हुआ है।