- विपक्षी दलों को चार प्रमुख संसदीय पैनल में से किसी की भी अध्यक्षता नहीं दी गई
नयी दिल्ली। संसद की संसदीय समितियों में व्यापक फेरबदल किया गया है। ताजा फेरबदल में विपक्षी दलों को गृह मामलों और सूचना प्रौद्योगिकी समिति समेत चार प्रमुख संसदीय पैनल में से किसी की भी अध्यक्षता नहीं दी गई है। छह प्रमुख संसदीय समितियों गृह, आईटी, रक्षा, विदेश, वित्त और स्वास्थ्य की अध्यक्षता बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास है।
बीजेपी ने इसे रूटीन बदलाव कहा है। विपक्षी दलों ने भेदभावपूर्ण करार दिया। कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की जगह बीजेपी एमपी और उत्तर प्रदेश के रिटायर आईपीएस अफसर बृज लाल को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। कांग्रेस एमपी शशि थरूर को शिंदे गुट के शिवसेना सांसद प्रतापराव जाधव को सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय पैनल के प्रमुख के रूप में बदला गया है। फेरबदल के बाद टीएमसी को किसी भी संसदीय समिति की अध्यक्षता नहीं दी गई है। पहले तृणमूल कांग्रेस के पास खाद्य और उपभोक्ता मामलों के संसदीय पैनल की अध्यक्षता थी।
राज्यसभा में टीएमसी नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि टीएमसी संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को एक भी अध्यक्ष नहीं मिला है। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने स्थायी समितियों के दो महत्वपूर्ण अध्यक्षों को खो दी है। यह न्यू इंडिया की कड़वी सच्चाई है।
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में बदल दिया गया है। खाद्य समितियों के पैनल की अध्यक्षता बीजेपी एमपी लाकेट चटर्जी और स्वास्थ्य पर संससदीय समिति की अध्यक्षता बीजेपी एमपी विवेक ठाकुर करेंगे। डीएमके को उद्योग पर संसदीय पैनल की अध्यक्षता दी गई है जो अब तक टीआरएस के पास थी।