धनबाद: एफसीआई सिंदरी के आवासों पर असमाजिक तत्वों का कब्जा, सेंट्रल गवर्नमेंट तक पहुंचा कंपलेन
एफसीआई सिंदरी के खाली आवासों में अवैध रूप से रह रहे बाहरी और असामाजिक तत्वों का कब्जा है। इनलोगों को चिन्हित करने के लिए जांच की मांग सेंट्रल गवर्नमेंट तक पहुंचायी गयी है।
धनबाद। एफसीआई सिंदरी के खाली आवासों में अवैध रूप से रह रहे बाहरी और असामाजिक तत्वों का कब्जा है। इनलोगों को चिन्हित करने के लिए जांच की मांग सेंट्रल गवर्नमेंट तक पहुंचायी गयी है।
बीजेपी सिंदरी नगर अध्यक्ष अरविंद पाठक ने एफसीआई सिंदरी मैनेजेंट के मिलीभगत से सिंदरी के आवासों में जमें बाहरी और असामाजिक तत्वों के संबंध में जनजातीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा को विस्तार से जानकारी दी। उन्हें बताया कि एफसीआई के आवासों में अवैध रूप से जमें असमाजिक तत्वों ने पूर्व में जिले भर में चोरी, मर्डर, रेप और डकैती को अंजाम दिया है। पुलिस ने ऐसे तत्वों को गिरफ्तार भी किया है। बावजूद सिंदरी के सफेदपोशों ने ऐसे तत्वों को संरक्षण दे रखा है।
अरविंद पाठक ने ऐसे तत्वों को चिन्हित करने के लिए सेंट्रल एजेंसी से जांच की मांग किया है। अर्जुन मुंडा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बंद उर्वरक कंपनी एफसीआई सिंदरी के पास विभिन्न श्रेणी के लगभग छह हजार आवास हैं। इनमें लगभग तीन हजार आवासों में अधिकृत तौर पर लोग रहते हैं। दो हजार से ज्यादा आवासों में एफसीआई सिंदरी के रिटायर स्टाफ के आश्रितों रह रहे हैं। इन्हीं आवासों में असमाजिक तत्वों ने बसेरा बना रखा है। सफेदपोशों के संरक्षण के कारण ऐसे असमाजिक तत्व बेखौफ है।
बीजेपी ने एफसीआई सिंदरी के उन अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग किया है जिन्होंने सिंदरी के आवासों को आय का स्रोत बना रखा है। एफसीआई सिंदरी में एक भी अफसर स्थायी नहीं है सभी अधिकारी रिटेनरशिप में काम कर रहे हैं। इन अफसरों पर सफेदपोशों का आतंक है। सफेदपोशों के अतिक्रमण को यह अफसर आंख बंद कर देख रहे हैं।अरविंद पाठक ने केंद्रीय जनजातीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा को सारे तथ्यों से अवगत कराया है। एफसीआई सिंदरी के आवासों पर असमाजिक तत्वों के कब्जा का मामला केंद्र सरकार के संज्ञान में आते ही एफसीआई सिंदरी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।