Dhanbad: ट्रेन में मदद के नाम पर सामान टपाने वाले बिहार के चार शातिर क्रिमिनल अरेस्ट

RPF ने महिलाओं के बैग से चोरी करने वाले गैंग के चार शातिर क्रिमिनलों को दबोचा है। RPF द्वारा पकड़े गये क्रिमिनलों में बिहार के दिवाकर उर्फ दीपक कुमार यादव गांव परिया, थाना बरियारपुर मुंगेर, विक्की कुमार, मुहल्ला परवत्ती, भागलपुर, रविश कुमार गांव परिया, थाना बरियारपुर मुंगेर, चुन्ना कुमार, गांधीपुर, थाना बरियारपुर मुंगेर, गोमो मेंउतर कर भागने वाला सार्जन कुमार, मंडलगांव परिया, थाना बरियारपुर मुंगेर शामिल हैं। 

Dhanbad: ट्रेन में मदद के नाम पर सामान टपाने वाले बिहार के चार शातिर क्रिमिनल अरेस्ट

धनबाद। RPF ने महिलाओं के बैग से चोरी करने वाले गैंग के चार शातिर क्रिमिनलों को दबोचा है। RPF द्वारा पकड़े गये क्रिमिनलों में बिहार के दिवाकर उर्फ दीपक कुमार यादव गांव परिया, थाना बरियारपुर मुंगेर, विक्की कुमार, मुहल्ला परवत्ती, भागलपुर, रविश कुमार गांव परिया, थाना बरियारपुर मुंगेर, चुन्ना कुमार, गांधीपुर, थाना बरियारपुर मुंगेर, गोमो मेंउतर कर भागने वाला सार्जन कुमार, मंडलगांव परिया, थाना बरियारपुर मुंगेर शामिल हैं। 

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यह है मामला
धनबाद से खुलने वाली 13305 धनबाद-डेहरी आन सोन इंटरसिटी में आरपीएफ और सीआइबी की टीम क्राइम की रोकथाम के लिए ऑपरेशन के लिए सवार हुई थी। ट्रेन खुलने के बाद देखा कि ऊपर की सीट पर बैठा एक शख्स ट्राली बैग से कुछ निकाल कर अपनी बैग में डाल रहा है। ट्रेन गोमो पहुंचने वाली थी। इसकी सूचना गोमो के आरपीएफ इंस्पेक्टर को तुरंत सूचना दी गई। गोमो इंस्पेक्टर पूरी टीम के साथ पहुंचे पर तब तक ट्रेन खुल गई और इस बीच चलती ट्रेन से कूद कर एक शख्स भाग निकला।इंस्पेक्टर चलती ट्रेन पर सवार हुए और संदिग्ध चार व्यक्तियों को घेर लिया। पैसेंजर के ट्राली बैग से सामान निकालने वाले का बैग चेक करने पर पारदर्शी प्लास्टिक डब्बे में गहने दिखे। उसे देखते ही वहां बैठी महिला चीख पड़ी, अरे ये तो मेरा है। ट्रेन पारसनाथ पहुंच चुकी थी, जहां उन चारों को उतार लिया गया। पूछताछ के बाद उन्हें धनबाद लाया गया।
आंध्र प्रदेश, दिल्ली, बंगलुरू और पुणे में भी कर चुका है वारदात
पकड़े गये क्रिमिनलों ने बताया कि उसका गैंग लीडर गौतम मंडल बिहार के सहरसा खिरयाही मुहल्ला का रहने वाला है। इस गैंग ने आंध्र प्रदेश, दिल्ली, बंगलुरू और पुणे में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया है। बेंगलुरू में गौतम जेल भी जा चुका है। स्टेशन पर सीढ़ियां चढ़ते वक्त महिला पैसेंजर से सामान पकड़ने में मदद करने का काम भी गौतम का ही है।
किराये के घर में रहता है गैंग लीडर
ट्रेनों में क्राइम करने वाला गैंग धनबाद में भी रहता था। गौतम मंडल टाउन के हावड़ा मोटर के खटाल के पास किराये पर घर लिया था। पूरा गैंग 19 दिसंबर 2022 को धनबाद के पैसेंजर का सामान उड़ा कर टाउन से बाहर चला गया था। भागलपुर-रांची वनांचल एक्सप्रेस से शुक्रवार की रात धनबाद आया था। अगले दिन सुबह धनबाद-डेहरी आन सोन इंटरसिटी की महिला पैसेंजर को टारगेट बनाया पर पकड़ गये।
12 हजार की सैलरी पर चार लड़के रखता है गौतम मंडल
ट्रेनों में क्राइम को अंजाम देने और पैसेंजर्स के सामान ठिकाने लगाने के लिए गौतम मंडल ने चार लड़कों को नौकरी भी दी है। हर लड़के को 12 हजार रुपये सैलरी भी देता है। ट्रेन से उड़ाये गये सामान लेकर भागने में लड़के मदद करते हैं। गिरोह के हर मेंबर के सहयोग के लिए एक लड़का काम करता है।
वीडियो कॉल से करायी दिवाकर की पहचान
दिवाकर ने 19 दिसंबर को जिस पैसेंजर का सामान दिवाकर ने उड़ाया था। धनबाद आरपीएफ इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने उस पैसेंजर को वीडियो काल कर दिवाकर को दिखा  उसकी पहचान कराई। गया की रहने वाली प्रीति साव ने दिवाकर की पहचान की। बताया कि दिवाकर ऊपर की सीट पर रखे उनके बैग के पास बैठा था।

बताया जाता है कि महिला के सामान उठवाने से मना करने पर गैंग के मेंबर भांप लेते थे कि बैग में कीमती सामान है। ये क्रिमिनल वहीं सवार होते थे, जहां महिला की सीट है। फिर धीरे-धीरे उनके परिवार के सदस्यों की पहचान करते थे। एक सदस्य ऊपर सामान रखने वाली जगह पर चढ़ कर बैठ जाता था। अन्य सदस्य पूरे परिवार को किसी बातचीत में उलझा कर रखता था। ऊपर बैठा शख्स इसी मौके का फायदा उठा कर कीमती सामान गायब कर देता था। इस बार भी गैंग के मेंबर ने ऐसा ही किया लेकिन धनबाद और गोमो आरपीएफ की घेराबंदी में चार पकड़ लिया गया। आरपीएफ ने चारों कोको जीआरपी के हवाले कर दिया गया है।