Dhanbad: आरोग्य भारती के पदाधिकारियों की बैठक, सांगठनिक चर्चा

आरोग्य भारती धनबाद के पदाधिकारियों एवं माताओं और बहनों की एक बैठक हेडगवार भवन संघ कार्यालय में सम्पन्न हुई । बैठक में तीन पुरूष और 19 महिलाओं ने प्रतिभाग किया। आरोग्य भारती धन्वन्तरि स्तवन का गायन रमा सिन्हा (महिला आयाम प्रमुख झारखंड) के द्वारा किया गया। इसके बाद कार्यक्रम  विधिवत्  प्रारंभ हुआ।

Dhanbad: आरोग्य भारती के पदाधिकारियों की बैठक, सांगठनिक चर्चा

धनबाद। आरोग्य भारती धनबाद के पदाधिकारियों एवं माताओं और बहनों की एक बैठक हेडगवार भवन संघ कार्यालय में सम्पन्न हुई । बैठक में तीन पुरूष और 19 महिलाओं ने प्रतिभाग किया। आरोग्य भारती धन्वन्तरि स्तवन का गायन रमा सिन्हा (महिला आयाम प्रमुख झारखंड) के द्वारा किया गया। इसके बाद कार्यक्रम  विधिवत्  प्रारंभ हुआ।

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रमा सिन्हा ने  मुख्य अतिथि प्रो.(डॉ) जी एस तोमर, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, आरोग्य भारती का संक्षिप्त परिचय देते हुए स्वागत एवं अभिनंदन किया।  जयप्रकश नारायण सिंह ने अपना वक्तव्य रखते हुए आरोग्य भारती का परिचय और उसके कार्य पर प्रकाश डाला।  मुख्य अतिथि  डॉ तोमर ने आरोग्य भारती के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वो स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। आरोग्य भारती का प्रमुख उद्देश्य हमारे गांव, समाज, एवं राष्ट्र ही नहीं सम्पूर्ण विश्व को स्वस्थ रखना है  इसके लिए हमारा प्रयास है कि खान पान एवं जीवनशैली की सही जानकारी जन जन तक पहुँचे । कोरोना कालखण्ड में भारतीय जीवनशैली एवं खान पान ने सम्पूर्ण विश्व का ध्यान आकृष्ट किया है। शाकाहार आज विश्व की पहली पसंद बनता जा रहा है  पाश्चात्य संस्कृति के लोग भी आज सात्विक आहार की चर्चा करने लगे हैं। स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद में आहार, निद्रा एवं ब्रह्मचर्य तीन उपस्तम्भ बतायेगये हैं । इनमें आहार सबसे महत्वपूर्ण है । दुनियाँ को कुपोषण से बचाने के लिए हम सुपोषण की जानकारी जन जन तक पहुंचाने में लगे हैं।

उन्होंने कतहा कि हमारा पारम्परिक खान पान गेहूँ, चावल एवं मक्का से पहले ज्वार, बाजरा, रागी, सावाँ, कोदों, कुट्टू, रामदाना, कुटकी जैसे मोटे अनाज पर आधारित था । हरित क्रान्ति के बाद सब कुछ बदल गया और हम गेहूं चावल तक ही सिमट कर रह गये । जिससे हमारा स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ। हपीएम नरेंद्र मोदी जी के प्रयास से वर्तमान वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।  मिलेट्स को आम भाषा में मोटा अनाज कहते हैं । प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी महोदय ने इसे श्री अन्न का नाम दिया है।मोटा अनाज हमारी प्राचीन सभ्यता का अभिन्न अंग रहा है। यही हमारे ग्रामीण स्वास्थ्य का रहस्य है  बाजरा, ज्वार, साँवा, कोदों, रागी, कुटकी, रामदाना एवं कुट्टू हमारे ग्राम्यांचल की रसोई का महत्वपूर्ण अंग रहा है। किसान एवं खेतिहर श्रमिकों का मुख्य भोजन मोटा अनाज ही रहा है  यही कारण है कि इस वर्ग में केल्सियम  एवं आयरन की कमी बहुत कम देखने को मिलती है। मिलेट्स में रेशे की मात्रा अधिक होने से इस वर्ग के लोगों में कब्ज भी नहीं मिलता है। मोटा अनाज हमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग एवं मोटापा जैसे विकृत जीवनशैली जन्य संतर्पणोत्थ रोगों से बचाता है। डा साधना स्त्री रोग विशेषज्ञ ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इन सभी बातों को अपने जीवन में अमल करने की बात महिलाओं से कही । महिलाओं में होने वाले बीमारियों से बचाव और उनके लक्षण पर चर्चा की।

बैठक में मधु सिन्हा, अमिता पॉल, विनीता यादव ,अंजली कुमारी ,नीतू श्रीवास्तव ,अंजलि प्रसाद ,शिल्पी सिन्हा ,पूजा प्रियदर्शनी ,जया कुमारी ,अमिता श्रीवास्तव ,संगीता सिन्हा,सुषमा प्रसाद, बबीता झा साधना कुमारी सहित अन्य बहनें तथा भाई बंधु उपस्थित रहे। सभी ने शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया।