धनबाद: रैयतों को मुआवजा दिये बिना शुरु कर दी आउटसोर्सिंग, पूर्णिमा सिंह ने एलबी की कंपनी का बंद कराया काम
झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह ने रैयतों को बिना मुआवजा दिये बस्ताकोला में देवप्रभा आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट का काम शुरु किये जाने पर आपत्ति जतायी है। उन्हों ने खुद शुक्रवार को मौके पर बीसीसीएल अफसरों व झरिया अंचल के स्टाफ के साथ पहुंचकर काम बंद करवाया।
- चांदमारी मांझी बस्ती के 55 लोगों की छह एकड़ जमीन बस्ताकोला आउटसोर्सिंग की जद में
धनबाद। झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह अब कोलयिरी एरिया में भी राजानीति में सक्रिय हो गयी हैं। कमजोर में इलाके में अपनी संगठन को मजबूत करने व विरोधियों को कमजोर करने की रणनीति के तहत मुद्दों के आधार पर काम कर रही है। एमएलए ने रैयतों को बिना मुआवजा दिये बस्ताकोला में देवप्रभा आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट का काम शुरु किये जाने पर आपत्ति जतायी है। उन्हों ने खुद शुक्रवार को मौके पर बीसीसीएल अफसरों व झरिया अंचल के स्टाफ के साथ पहुंचकर काम बंद करा दिया।
एमएलए कहना है कि बीसीसीएल मैनेजमेंट पहले चांदमारी मांझी बस्ती के रैयतों की जमीन की मापी कराकर मुआवजा और नियोजन दे, इसके बाद ही कार्य शुरू करने दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि यह कंपनी बहुचर्चित कंट्रेक्टर लालबाबू सिंह (एलबी) की है। एलबी की कंपनी का पूर्णिमा के घर 'रघुकुल' के लोग पहले ही विरोध करते रहे हैं। कंपनी के खिलाफ एक्स मिनिस्टर बच्चा सिंह, कोल मिनिस्टरी व सीवीसी को लिखते रहे हैं। अब पूर्णिमा भी आउटसोर्सिंग की राजनीति में खुल कर सामने आ गईं हैं।
एमएलए के साथ झरिया अंचल के सीआइ श्यामलाल मांझी भी पहुंचे थे। एमएलए समर्थकों ने बस्ताकोला कोलियरी के पीओ एके शर्मा से फिलहाल कार्य बंद रखने को कहा। एमएलए के साथ आरके पाठक, विनोद सिंह, बबलू सिंह, सूरज सिंह, कमलेश तिवारी, सुनील हेम्ब्रम आदि थे।
यह है मामला
चांदमारी मांझी बस्ती के 55 लोगों की जमीन बस्ताकोला आउटसोर्सिंग की जद में है। ग्रामीणों का कहना है कि रैयतों की लगभग छह एकड़ छह डिसमिल जमीन है। इसमें 61 डिसमिल ऑनलाइन है। मंगली मंझियाइन, शिबू मांझी, हीरामणि मंझियाइन, छोटी देवी, बड़का मांझी व अन्य की यह जमीन है। एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह ने 31 अगस्त को स्टेट गवर्नमेंट व डीसी को सूचना दी थी कि बस्ताकोला आउटसोर्सिंग परियोजना चांदमारी मांझी बस्ती के आदिवासियों की जमीन पर चल रही है। गवर्नमेंट ने डीसी को इसकी जांच कराने का आदेश दिया था। झरिया के सीओ ने जवाब दिया कि यहां आउटसोर्सिंग बंद है।
एमएलए को उनके एक समर्थक ने काम चालू करने का वीडियो भेजा। पूर्णिमा सिंह ने 21 सितंबर को विधानसभा में यह मामला उठाया। गवर्नमेंट ने डीसी को फिर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। डीसी के निर्देश पर ही शुक्रवार को सीओ मौके पर एमएलए के साथ पहुंचे थे। एमएलए वहां काम चालू देख बिफर पड़ीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन सरकार को गलत रिपोर्ट दे रहा है। बस्ताकोला कोलियरी के पीओ एके शर्मा का कहना है कि रैयतों की जमीन की जांच झरिया के सीओ कर रहे हैं। अगर उनकी जमीन इस आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट के जद में आ रही है तो कंपनी के नियमानुसार मुआवजा दिया जायेगा।