धनबाद: इलिगल कोल कारोबार का सबसे बड़ा सेंटर बना सिंदरी मार्शलिंग यार्ड साइडिंग, धंधे पर कब्जे को लेकर टेंशन
सिंदरी मार्शलिंग यार्ड में कोयले में छाई मिलावटी से खेल हो पर डे लाखों का वारा- न्यारा हो रहा है। पावर प्लांट के लिए कोलियरी से साइडिंग के लिए कोयला लेकर निकली हाइवा रास्ते से दिशाविहीन हो जाती है। साइडिंग में कोयला में छाई मिलाकर रैक से पावर प्लांट भेज दिया जाता है। कोयले व छाई मिलावटी कारोबार में शामिल धंधेबाजों ने पूरी सेटिंग-गेटिंग है। सिंदरी के एक पुलिस अफसर को इस इलिगल कारोबार के मैनेज नाम पर मोटी रकम दी जा रही है।
- कोयले व छाई मिलवाटी का खेल कर लाखों का वारा-न्यारा
- पुलिस व दबंगों की मिलीभगत से चल रहा है कारोबार
- पावर प्लांट के लिए कोलियरी से आनेवाले सैकड़ों टन कोयला रास्ते से हो जाकी है गायब
धनबाद। सिंदरी मार्शलिंग यार्ड में कोयले में छाई मिलावटी से खेल हो पर डे लाखों का वारा- न्यारा हो रहा है। पावर प्लांट के लिए कोलियरी से साइडिंग के लिए कोयला लेकर निकली हाइवा रास्ते से दिशाविहीन हो जाती है। साइडिंग में कोयला में छाई मिलाकर रैक से पावर प्लांट भेज दिया जाता है। कोयले व छाई मिलावटी कारोबार में शामिल धंधेबाजों ने पूरी सेटिंग-गेटिंग है। सिंदरी के एक पुलिस अफसर को इस इलिगल कारोबार के मैनेज नाम पर मोटी रकम दी जा रही है। मामला सार्वजनिक नहीं करने के नाम पर भी पर मंथ लाखों रुपये बांटा जा रहा है।
कोलियरियों साइडिंग पहुंचायी गयी कोयला रैक से भेजी जाती है पावर प्लांट को
बताया जाता है कि BCCL की बांसजोड़ा, कांटापहाड़ी, मोदीडीह, जीनागोरा के एनटी, एसटी से हाइवा व 10 चक्का वाली ट्रकों से कोयला मार्शलिंग यार्ड साइडिंग में पहुंचती है। आधुनिक पावर प्लांट समेत अन्य कंपनियों के लिए कोयला आती है। पर डे दर्जनों हाइवा व ट्रकों से साइडिंग के लिए निकली कोयला पहले जीटी रोड के भट्ठों में पहुंच जाती है। यार्ड में पहले से जमा छाई को कोयले में मिलाया जाता है। छाई मिक्स कोयला रैक पर पेलोडर से लोडिंग कर भेज दी जाती है। इस काले कारोबार में झरिया-धनबाद-सिंदरी के दंबग सिंडिकेट शामिल है। व पुलिस के साथ-साथ सफेदपोशों की मिलीभगत है। कथित तरीके से मीडिया के नाम भी पर भी मंथली पैसे बांटे जा रहे हैं ताकि मामले को सार्वजनिक करने से रोका जा सके।
पावर प्लांट को लिकेंज से सबीसिडी रेट पर मिलता है कोयला
पावर प्लांट व अन्य कंपनियों ओर से बीसीसीएल में डीओ लगाया जाता है। कंपनी को लिंकेज सब्सिडरी मिलती है। कंपनी की ओर से लिफ्टिंग का काम लोकल लोगों को दिया गया है। लिफ्टर कोलियरी से कोयला लोडिंग करा साइडिंग पहुंचाते हैं। साइडिंग से पोलोडर से लोडिंग कर रैक से कोयला कंपनी को भेजा जाता है। कोलियरी से साइडिंग तक कोयला पहुंचाने व लोडिंग में भी भारी खेल किया जा रहा है। कोलियरी से निकली कोयला लदी गाड़ी साइडिंग के बदले रास्ते से ही जीटी रोड समेत अन्य कोल भट्ठों में चली जाती है। संबंधित गाड़ी के कोयले के बदले साइडिंग में वर्षों से जमा एफसीआइ के छाई को काटकर मिलाया के किनारे फेंका जाता है। अब यह मिलावट के काम में आ रहा है।
इलिगल कमाई से आय सेटिंग-गोटिंग
सरकारी जमीन के साथ-साथ रैयतों की जमीन एग्रीमेंट करा साइडिंग बनायी गयी है। जमीन को लेकर भी कई बार विवाद हो चुका है। मामला जिला प्रशासन तक भी पहुंचा है। साइडिंग पर कब्जे को लेकर दो दबंग घराने में कई बार विवाद भी हो चुका है। फिलवक्त एक ही घराने से जुड़़े युवक साइडिंग का काम देख रहा है। साइडिंग पर दंबग युवकों को पैसे देकर देखरेख के लिए रखा गया है। विरोध करने वालों से मारपीट भी की जाती है। झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है। कोलियरी से लेकर पुलिस तक इनलोगों की सेटिंग-गेटिंग है। सिंदरी के एक पुलिस अफसर को डिपार्टमेंट के नाम पर इलिगल कारोबार करने वाले से पर रैक मोटी रकम दी जा रही है। कथित रुप से मीडिया के मैनेज नाम पर भी एक युवक को पैसा दिया जा रहा है। हालांकि मीडिया में लगातार इस इलिगल कारोबार को बराबर उजागर किया जा रहा है।
साइडिंग पर कब्जे लो लेकर दो गुटों में टेंशन
पावर प्लांट को भेजी जा रही है कोयले में छाई मिलावटी के खेल से देश को भारी संपत्ति पहुंचायी जा रही है। आधुनिक कंपनी को छाई मिलावटी कोयला भेजकर कटिंग के माल को जिले के कोल भट्ठों में भेजा जाता है। साइडिंग में स्पष्ट देखा जा सकता है। साइडिंग बगल में वर्षों पुराना छाई का ढे़र कटिंग कर कोयले में मिलाया जाता है। मामला की कंपलेन पुलिस में करने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं करती है। इस इलिगल कोल कारोबार पर कब्जा के लिए अंदर ही अंदर विवाद सुलग रहा है। कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि नीचे से उपर से तक सेटिंग है। कहीं कुछ नहीं होने वाला है। सिंडिकेट से जुड़े लोगों के बीच मोबाइल में हुई बातचीत से सेटिंग का पता चलता है।
साइडिंग पर कब्जे को लेकर दो गुटों में टल रही टेंशन कभी भी हिंसक रुप ले सकती है। पहले भी विवाद हो चुका है। मारपीट का मामला पुलिस तक भी पहुंचा है। अधिक मुनाफा के कारण लोक पुलिस मामले को लेकर गंभीर नहीं है। कब्जे को लेकर असमाजित तत्वों का भी जुटान लगा रहता है। हालांकि कारोबार करने वाले लोगों का कहना है कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं की जा रही है। कोलियरी से आया कोयला रैक से लोडिंग कर सीधे प्लांट को भेजा जाता है।