धनबाद:राजगंज में ट्रक ड्राइवर को गोली मारने मामले में सब इंस्पेक्टर संतोष रजक डिसमिस
राजगंज में जीटी रोड पर वसूली के लिए जानवर लदे ट्रक ड्राइवर पर गोली चलाने के आरोपित हरिहरपुर के पूर्व थानेदार सब इंस्पेक्टर संतोष रजक को डिसमिस कर दिया गया है।
- अभी गढ़वा जिला में पोस्टेड है संतोष
- डीआइीडी ने गढवा एसपी को भेजा आदेश
धनबाद। राजगंज में जीटी रोड पर वसूली के लिए जानवर लदे ट्रक ड्राइवर पर गोली चलाने के आरोपित हरिहरपुर के पूर्व थानेदार सब इंस्पेक्टर संतोष रजक को डिसमिस कर दिया गया है। एसएसपी असीम विक्रांत मिज के प्रोपोजल पर बोकारो डीआइजी प्रभात कुमार ने संतोष रजक मिसल का आदेश कर दिया है।
सब इंस्पेक्टर संतोष रजक का अभी गढ़वा जिला में पोस्टेड हैं। डिसमिसल का लेटर अनुमोदन के लिए गढ़वा जिला भी भेज दिया गया है।सब इंस्पेक्टर संतोष रजक के खिलाफ धनबाद जिला में डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग चल रही थी। डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग में संतोष रजक दोषी पये गये। इस आधार पर उन्हें नौकरी से डिसमिस करने का प्रोपोजल डीआईजी के पास भेजा गया था। इस मामले की जांच में बाघमारा डीएसपी रहे मजरुल होदा की भी गर्दन फंसी हुई है। एसआइ संतोष रजक पर जानवर लदी ट्रक ड्राइवर को गोली मारे व वा मवेशी वाहनों से वसूली का भी आरोप लगा था।
प्रेशर से इंस्पेक्टर उमेश कच्छप ने कर ली थी सुसाइड
राजगंज में जानवर लदी ट्रक ड्राइवर को गोली मारने की घटना के मामले में तोपचांची पुलिस स्टेशन में एनकाउंटर की फरजी एफआइआर दर्ज करायी गयी थी। इंस्पेक्टर सह तोपचांची पुलिस स्टेशन के ओसी उमेश कच्छप गलत एफआइआर दर्ज नहीं करनी चाहते थे। वरीय अफसर के निर्देश पर एफआइआर दर्ज की गयी। केस जांच में केस डायरी लिखने के लिए उमेश कच्चप पर संतोष व अन्य पुलिस अफसर प्रेशर बना रहे थे। प्रेशर से परेशान इंस्पेक्टर ने अपने आवास में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। उमेश कच्छप के परिवारवालों ने पुलिस को ऐसा बयान दिया था। मामले में राजधानी रांची तक हंगामा हुा। मामलातुल पकड़ने कि धनबाद के तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र झा को हटा दिया गया था।
सीआइडी जांच में पुलिस की जलसाजी का हुआ था खुलासा
यूपी से चमरा लदे ट्रक कोलकाता जा रहा था। वर्ष 2016 की 13 जून की देर रात तोपचांची पुलिस स्टेशन एरिया में जीटी रोड पर बाघमारा के तत्कालीन डीएसपी मजरुल होदा, हरिहरपुर थानेदार संतोष रजक समेत को रोकने की कोशिश हुई। ट्रक मालिक सह ड्राइवर मो. नाजिम तेजी से वाहन भगा लिये गया। डीएसपी व दारोगा ने ट्रक का पीठा किया। राजगंज में ट्रक खड़ा कर ड्राइवर मो नाजिम भागने लगा। एसआइ संतोष रजक ने उसे गोली मार दी। मामला को एनकाउंटर दिखाया गया। जख्मी ड्राइवर मो नाजिम को पीएमसीएच में एडमिट कर पुलिस भाग गयी। ट्रक खलासी को आर्म्स के साथ जेल भेज दिया गया। सीआइडी जांच में खुलासा हुआ कि पुलिस टीम में शामिल हरिहरपुर थाना के तत्कालीन थानेदार संतोष कुमार रजक ने नाजिम को गोली मारी थी।
एनकाउंटर की फरजी एफआइआर
सीआइडी एसपी सह केस के आईओ आमोल वेणुकांत होमकर की जांच रिपोर्ट के आधार पर रांची के तत्कालीन डीआइजी रविकांत धान ने सुपरविजन भी किया था। डीआइजी आरके धान के सुपरिवजन में कहा गया है कि गोली मारे जाने के बाद ट्रक ड्राइवर मो नाजिम को आनन-फानन में लोकल प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाया गया।इसके बाद उसे पुलिस पीएमसीएच (अब एनएनएमएमसीएच) ले गई। जख्मी को एडमिट कराने के बाद वहां से निकल गई। पुलिस ने अपनी गलती पर परदा डालने के लिए झूठी एफआइआर दर्ज कराई। तोपचांची के तत्कालीन थाना प्रभारी उमेश कच्छप प्रेशर दिया जाने लगा। प्रेशर में वर्ष 2016 की 18 जून की रात थाना प्रभारी उमेश कच्छप ने सुसाइड कर ली।
फ्लैश बैक
तोपचांची पुलिस स्टेशन एरिया के शान-ए-पंजाब होटल के समीप वर्ष 2016 की 13 जून की आधी रात के बाद बाघमारा के तत्कालीन डीएसपी मजरुल होदा के नेतृत्व में पुलिस बल जानवर लदे वाहनों की चेकिग करने निकली थी। चेकिग में तोपचांची सर्किल इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार मिश्रा, तोपचांची थानेदार उमेश कच्छप तथा हरिहरपुर थानेदार संतोष रजक के साथ अन्य पुलिसकर्मी थे। चेकिंग के दौरान उत्तर प्रदेश से आए चमड़ा लदा ट्रक रोकने के दौरान दारोगा संतोष रजक ने ट्रक मालिक सह चालक मो. नाजिम के साथ पहले मारपीट की। फिर नाजिम भागने की कोशिश करने लगा, तब संतोष रजक ने राजगंज के समीप नाजिम को गोली मार दी। इसके बाद जख्मी हालत में पुलिस ड्राइवर को पीएमसीएच में एडमिट कराकर वहां से निकल गई।