धनबाद: एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह मर्डर केस: संजीव ने कोर्ट में कहा- घटना के समय मैं अपने आवास सिंह मेंशन में था
एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह मर्डर केस में लगातार दूसरे दिन भी शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपितों का सफाई बयान दर्ज किया। इस दौरान आरोपित एक्स एमएलए संजीव सिंह ने कहा कि नीरज के मर्डर के समय मैं अपने आवास सिंह मैंशन में था ... रंजिश के तहत मुझे फंसाया जा रहा है।
धनबाद। एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह मर्डर केस में लगातार दूसरे दिन भी शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपितों का सफाई बयान दर्ज किया। इस दौरान आरोपित एक्स एमएलए संजीव सिंह ने कहा कि नीरज के मर्डर के समय मैं अपने आवास सिंह मैंशन में था ... रंजिश के तहत मुझे फंसाया जा रहा है।
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इसके पूर्व संजीव के एडवोकेट मो जावेद ने कोर्ट से नि वेदन कि या कि उन्हें लिखित में अपना सफाई बयान देने की अनुमति दी जाए। इसका अपर लो क अभि जक कुलदी शर्मा ने विरोध किया। कोर्ट ने इसे नकारते हुए पहले बयान दर्ज करने का फैसला किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। सबसे पहले संजीव सिंह का बयान दर्ज किया गया संजीव से जज ने नौ सवाल पूछे।संजीव से 38 मिनट तक जज ने सवाल पूछे। इसके बाद रोहित सिं ह का बया न दर्ज कि या गया अंत में विनोद सिंह का बयान दर्ज किया गया। सभी ने खुद को निर्दोष बताया। झूठा आरोप लगा कर मुकदमे में फंसाने की बा त कही। अब तक इस मामले में आठ आरोपितों का सफाई बयान दर्ज किया जा चुका है। शेष ती न आरोपि त अमन सिंह, पंकज सिंह एवं सागर सिंह का बया न दर्ज करने के लि ए 18 जुला ई की तारीख निर्धारित की गई है।
कोर्ट ने संजीव सिंह ने पूछा सभी आरोपितों ने एकमत होकर मर्डर की साजिश रची। स्टील गेट के समीप गाड़ी की स्पीड ही गाड़ी को घेर गोली मारकर चार की मर्डर कर दी गई। आदित्य राज को गोली मारकर जख्मी कर दिया गया और आप मोटरसाइकिल पर पिंटू सिंह के साथ आर्म्स लेकर भाग गये। संजीव ने आरोपों को गलत बताते घटना के समय मैं झरिया का एमएलए था। सरकार मुझे धनबाद जिला बल से चार पुलिस कांस्टेबल व एक हवलदार की सिक्युरिटी दी थी। जैप के छह जवान व एक हवलादर ने भी मेरी सुरक्षा में दी थी। कोर्ट ने कहा कि एकलव्य सिंह ने अपने बयान में कहा है कि चुनाव में नीरज सिंह ने आपको कड़ी टक्कर दी थी। वह आपकी आंख में कांटे की तरह चुभ रहे थे। इसी कारण आपने उनकी हत्या करवा ई?संजीव ने कहा कि यह सरासर झूठा आरोप है। मैंने 34 हजार वोटों से जीता था। कोर्ट ने कहा कि नीरज सिंह संपत्ति की बात करने के लिए कुंती निवास गये थे। इसी बीच आप आ गये और उग्र हो गये जिस कारण आपके व्यवहार से नाखुश हो कर नीरज सिंह वापस चले गये थे। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता और अदावत के कारण आपने अपने सहयोगियों के साथ नीरज की मर्डर करवा दी। जबाव में संजीवन ने कहा कि हमारे बीच में कोई संपत्ति और पारिवार का विवाद नहीं था। यह सरासर गलत बात है।
कोर्ट ने कहा कि घटनास्थल पर आप अन्य आरोपितों के साथ मौजूद थे। मर्डर हो जाने के बाद आप पिंटू सिंह के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर आर्म्स के साथ सिंह मेंशन भाग गये। संजीव ने कहा कि यह झूठा आरोप है। पुलिस ने कोर्ट में जो चार्जशीट सौंपी है उसमें मुझे घटनास्थल पर नहीं बताया है। नही यह कहा है कि मैं मोटरसाइकिल से भाग गया। कोर्ट ने कहा गवाहों ने बताया कि घटना के दिन आप के इशारे पर महंत पांडेय, गया सिंह, कुर्बान अली, रोहित सिंह, अमन सिंह और सागर ने अंधाधुंध गोली चला कर नीरज व अन्य की हत्या कर दी। शूटरों ने आपसे कहा "चल हो संजीव भईया, सब मर गईल"। संजीव ने कहा कि यह आरोप सरासर गलत है। व्यक्तिगत तौर पर मैं केवल संजय सिंह एवं धनंजय सिंह को ही जानता हूं। अन्य को मैं जानता, पहचानता नहीं हूं। गया सिंह और महंत पांडे इस मामले में चार्जशीटेड नहीं हैं।
कोर्ट ने कहा कि अभिषेक सिंह का यह बयान है कि आप पिंटू सिंह के साथ मोटरसाइकि ल से जा रहे थे। रास्ते में उन्हें रुकने का इशारा किया और कहा कि तुम्हारे भाई को मार दिये हैं। अब तुमलोगों की बारी है। संजीव ने कहा कियह आरोप गलत है। पिंटू सिंह से मेरा आज तक कोई संपर्क नहीं रहा। मैं उसे जानता भी नहीं हूं। कोर्ट ने कहा कि हत्या में शामिल अन्य लोगों के साथ आपके मोबाइल से संपर्क स्थापित हुआ है। मोबाइल सीडीआर से यह पता चलता है कि आप हत्या की घटना में उनकी मदद करने में शामिल थे। आप के इशारे पर हत्या हुई। संजीव ने कहा कि ये गलत है। मेरे मोबाइल से किसी आरोपि त से संपर्क स्थापित नहीं हुआ है। कोर्ट ने कहा किआपको अपनी सफाई में क्या कहना है। संजीव ने कहा कि सूचक अभिषेक सिंह और उनके परिवार के लोग मुझसे रंजिश रखते थे। इसी कारण सूचक और उनके परिवार के लोगों ने कांड के अनुसंधानकर्ता के साथ षड्यंत्र कर मुझे इस मामले में झूठा फंसाया है। मैं अपने सफाई में और बातें लिखित रूप से दूंगा।
मेरा नाम चंदन है, पुलिस ने रोहित बना दिया
आरोपित शूटर रोहि त उर्फ चंदन सिंह से जज ने पूछा कि गवाह आदित्य राज ने गाड़ी की लाइट में आपको गोली चला हुए व्यक्ति के रूप में पहचान किया था। चंदन ने कहा कि वह आज तक धनबाद नहीं आया था। पुलिस ने उसे उसके यूपी स्थित घर से उठाकर लाया था। उसकी किसी भी आरोपित के साथ मोबाइल पर कभी बात नहीं हुई। वह मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता है। वह अन्य शूटरों के साथ राम अहलाद राय के मकान में भी कभी नहीं रहा। कोर्ट द्वारा यह पूछे जाने पर कि राम अहलाद राय के मकान में लगे बल्ब पर उसके फिंगर प्रिंट के निशान मि ले हैं। इस पर चंदन ने कहा कि यह गलत है। उसका नाम चंदन सिंह है। पुलिस ने उसका नाम रोहित रख दिया है।
बिनोद ने कहा-पुलिस ने जबरन कराया था हस्ताक्षर
आरोपित विनोद सिंह ने कहा कि पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल जब्त किया था,परंतु उसने कभी भी डबलू मिश्रा व अन्य लोगों से बातचीत नहीं की। उसने पुलिस के समक्ष कभी अपना दोष स्वीकार नहीं किया था। उसने अपराधियों तक किसी सूचना का आदान-प्रदान नहीं कि या। पुलिस ने थाने में जब्ती सूची बनाई और जबरन उससे कई कागजातों पर दस्तखत करा लिया था।