Dhanbad: लोदना में बारिश से बीसीसीएल का जर्जर आवास ढहा, तीन की मौत, छह घायल

झरिया के लोदना में बीसीसीएल का जर्जर आवास ढहने से तीन की मौत, नौ लोग मलबे में दबे। प्रबंधन की लापरवाही पर स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा।

Dhanbad: लोदना में बारिश से बीसीसीएल का जर्जर आवास ढहा, तीन की मौत, छह घायल
मलबा हटा रहा जेसीबी।
  • बीसीसीएल मैनेजमेंट की लापरवाही पर हंगामा

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद लोदना आठ नंबर इलाके में बुधवार की देर शाम बीसीसीएल (Bharat Coking Coal Limited) का जर्जर आवास अचानक ढह गया। तेज बारिश से बचने के लिए आवास में शरण लिए नौ लोग मलबे में दब गये। घटना में तीन लोगों की मौत हो गयी, जिनमें गोपाल मिस्त्री, सुषमा कुमारी और चिराग कुमार शामिल हैं।
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घटना के बाद लोकल लोगों ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया तथा घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। जिसमें से तीन लोगों की हालत काफी गंभीर होने की वजह से झरिया के एक नर्सिंग होम में इलाज के लिए भेज दिया। जहां डॉक्टर्स ने गंभीर हालत देख सभी को धनबाद एसएनएमएमसीएच रेफर कर दिया। जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। मरने वालों में लोदन चार निवासी तीस वर्षीय गोपाल मिस्त्री, उसकी भांजी 12 वर्षीय सुषमा कुमारी व बीसीसीएल कर्मी करमु पासवान के 12 वर्षीय पुत्र चिराग कुमार शामिल हैं। घटना में घायल शंभू पासी, आर्यन कुमार, आकिब अंसारी, सचिन यादव, अभी कुमार व बंटी कुमार इलाजरत है। जिसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है।
लोदना आठ नंबर के कई लोगों को बीसीसीएल प्रबंधन व सुशी परियोजना के विस्तार व बस्ती के बीच से सड़क बनाने के लिए लोदना आठ नंबर से कुसुम बिहार व करमाटांड़ में आवास आवंटन कराया था। कई लोग अपना घर खाली कर चले भी गए पर खाली आवास को बीसीसीएल द्वारा तोड़ा नहीं गया।वहीं मौके पर मौजूद आक्रोशित लोगों ने कहा कि कुछ लोग ट्रैक्टर से खाली व बंद आवास से ईंट निकाल रहे थे। तभी यह घटना हुई। मौके पर लोदना ओपी पुलिस व सीआईएसएफ टीम पहुंची। एम्बुलेंस बुलाकर सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। जेसीबी मशीन भी पहुंच कर खुदाई शुरू कर दिया। वहीं स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि घटना की जानकारी देने के लिए अधिकारी को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
बीसीसीएल मैनेजमेंट सवालों के घेर में
मौके पर मौजूद आक्रोशित लोगों ने बीसीसीएल पर आरोप लगाते हुए कहा की बीसीसीएल के लापरवाही का खामियाजा तीन मासूमों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। चार माह पूर्व यहां कई क्वार्टर को खाली करवाया गया था। लेकिन बीसीसीएल ने उसको पूरी तरह ध्वस्त नहीं किया। जबकि नियमावली यह है कि घर आवंटन करने के बाद खाली करते ही पुराने घर को तुरंत ध्वस्त कर देना है। लेकिन बीसीसीएल ने ऐसा नहीं किया। नतीजा आज की घटना से तीन लोगों की मौत हो गयी। चार लोग घायल है। मृतक के परिजन ने बीसीसीएल के ऊपर आरोप लगाया है कि बीसीसीएल दलाल के जरिए ईंट व करकट बेचती है।
लोदना आठ नंबर समीप खाली आवास गिरने से तीन लोगों की मौत व चार लोग घायल होने की सूचना के लगभग दो घंटे बाद सिंदरी डीएसपी आशुतोष कुमार व झरिया सीओ घटनास्थल पहुंचे। लोकल लोगों से मामले की जानकारी ली। वहीं डीएसपी ने मौके पर मौजूद एक साइकिल व ट्रैक्टर को जब्त कर लिया। डीएसपी ने कुछ लोगों को वार्ता के लिए लोदना ओपी बुलाया। डीएसपी ने लोगों से पुरी जानकारी ली। उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि परिजन के लिखित कंपलेन पर कार्रवाई की जाएगी। मामले को लेकर हमलोग गंभीर है।अरुण और धीरेंद्र ने मलबे से बचायी चार की जान
धनबाद के कोयलांचल एरिया लोदना में जर्जर क्वार्टर ढहने से हादसा में एरिया के दो नौजवान अरुण भुइयां और धीरेंद्र कुमार पासवान ने मानवता की मिसाल पेश की। दोनों ने बिना किसी उपकरण के अपने हाथों से मलबा हटाकर चार लोगों की जान बचाई। इस दौरान वे खुद भी जख्मी हो गए, लेकिन हार नहीं मानी। चारों घायलों को तुरंत झरिया के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। 
धीरेंद्र ने बताया कि घटना तब हुई जब एक पुराना जर्जर क्वार्टर अचानक ध्वस्त हो गया। इसके झटके से पास के दो अन्य क्वार्टर भी दरक गये, मलबा भी गिर पड़ा। मलबे में कई लोग दब गये, जिनमें बच्चे और युवक शामिल थे। चारों ओर चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलते ही आसपास के लोग दौड़े। धीरेंद्र और अरुण ने बिना समय गंवाए मलबा हटाना शुरू किया। उपकरण न होने के कारण उन्होंने अपने हाथों से ही मलबा हटाया, जिसमें वे घायल हो गये। फिर भी, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक-एक कर चार लोगों को मलबे से निकाला। इनमें एक ट्रैक्टर ड्राइवर, उसका खलासी, शंभू और एक बच्चा शामिल था। 
तीन महीने पहले भी हुआ था हादसा
धीरेंद्र ने बताया कि तीन महीने पहले भी इसी जगह एक जर्जर क्वार्टर ढहने से एक बच्ची मलबे में दब गई थी। तब बीसीसीएल प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। नतीजा, आज यह बड़ी घटना हो गई। इस हादसे में गोपाल और उनकी भांजी सुषमा की जान चली गई। बारिश से बचने के लिए मामा-भांजी क्वार्टर में छिपे थे, लेकिन तीनों जर्जर क्वार्टर उनके ऊपर ढह गये। गोपाल के पिता कृष्ण शर्मा निजी काम करते हैं और उनकी बेटी मैना देवी की बेटी सुषमा थी। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। 
झरिया एमएलए रागिनी सिंह पर पहुंची, लिया जायजा
घटना की सूचना मिलते ही झरिया एमएलए रागिनी सिंह एसएनएमएमसीएच पहुंचीं। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और शोक जताया। रागिनी सिंह ने कहा, "यह घटना बेहद दुखद है। पीड़ित परिवार के साथ हमारी पूरी सहानुभूति है। प्रशासनिक स्तर पर हरसंभव मदद की जायेगी।