धनबाद: कोरोना काल में लॉकडाउन से भुखमरी की कगार पर पहुंचे कोचिंग संचालकों का मौन प्रदर्शन
धनबाद जिला कोचिंग एसोसिएशन के शिक्षकों ने Teacher's day के अवसर पर ने कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण उत्पन्न समस्याओं से संबंधित अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक मौन प्रदर्शन किया। गोल्फ ग्राउंड से रणधीर वर्मा चौक तक मौन जुलूस निकाला। कार्यक्रम में बैंकिंग, पॉलिटेक्निक, आईटीआई, इंजीनियरिंग आदि 36 कोचिंग का संचालन कर रहे संचालक शामिल हुए।
- गोल्फ ग्राउंड से रणधीर वर्मा चौक तक निकाला जुलूस
धनबाद। धनबाद जिला कोचिंग एसोसिएशन के शिक्षकों ने Teacher's day के अवसर पर ने कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण उत्पन्न समस्याओं से संबंधित अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक मौन प्रदर्शन किया। गोल्फ ग्राउंड से रणधीर वर्मा चौक तक मौन जुलूस निकाला। कार्यक्रम में बैंकिंग, पॉलिटेक्निक, आईटीआई, इंजीनियरिंग आदि 36 कोचिंग का संचालन कर रहे संचालक शामिल हुए। जुलूस के दौरान सभी ने सोशल डिस्टैंसिग एवं कोविड-19 के सुरक्षा नियमों का पालन किया गया।
कहा गया कि लगातार लॉकडाउन के कारण प्राइवेट शिक्षकों एवं कोचिंग संचालकों की स्थिति बहुत ही दयनीय हो चुकी है। दैनिक जीवन यापन से लेकर कोचिंग संस्थान का किराया, बच्चों की पढ़ाई लिखाई और मासिक ईएमआई के कारण हम लोगों की स्थिति बिल्कुल ही नाजुक हो चुकी है। अब क्या करें समझ में नहीं आ रहा है। सरकार सभी के लिए कुछ ना कुछ कर रही है, परंतु समाज के निर्माता होने के बावजूद हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ना जिला प्रशासन, ना राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार। हम लोग ऐसी दयनीय स्थिति से गुजर रहे हैं कि जीविका और जीवन में से किस को चुने समझ में नहीं आ रहा है।
इन विषयों से पहले भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, धनबाद जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि, जिला शिक्षा पदाधिकारी सभी को सूचित किया गया था। लेकिन किसी ने समस्याओं की तरफ देखा तक नहीं। सरकार से अनुरोध है कि जल्द ही हमारी समस्याओं का समाधान किया जाए, अन्यथा अब यह मौन प्रदर्शन जनआंदोलन में बदल जायेगा। कहा गया कि कपड़े और जूते की दुकान खुल सकती है तो कोचिंग क्यों नहीं? सैलून खुल सकता है तो कोचिंग क्यों नहीं? शिक्षा पर राजनीति बंद करो। प्राइवेट शिक्षक भुखमरी और लाचारी से मजबूर होकर अन्य कदम उठाने को को बाध्य हो जाएं।
कार्यक्रम का नेतृत्व दीपक झा ने किया। कार्यक्रम में एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, सचिव विकास तिवारी, कोषाध्यक्ष रविंद्र कुमार विश्वकर्मा, मनोज कुमार, विशाल, संतोष, रंजीत, दुबे, राजकुमार समदर्शी, मोहम्मद शरीफ, विकास कुमार महतो, मृत्युंजय कुमार, कुमार प्रशांत, विनय शर्मा, संदीप तिवारी, मनोज कुमार, राज कुमार , कमल कुमार चौरसिया, सरफराज अख्तर, अभिषेक कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, सैंडी, शशिकांत दुबे, सचिन सिंह, डेविड, विश्वजीत कुमार, राजीव तिवारी, राजू कुमार सिंह, अधीर कुमार सिन्हा, शिवनाथ सिंह शामिल थे।
कोचिंग संचालकों की प्रमुख मांगें
लॉकडाउन की अवधि का पूरा कोचिंग का रेंट माफ करने।
लॉकडाउन अवधि में बिजली बिल पूरी तरह माफ करने।
प्राइवेट शिक्षकों को आर्थिक मुआवजा देने।
शारीरिक दूरी का पालन करते हुए तत्काल कोचिंग खोलने का आदेश देने।