15 लाख के इनामी माओवादी कारू यादव उर्फ दीपक पर झारखंड-बिहार में दर्ज है दर्जनों मामले
महाराष्ट्र के नालासोपारा से अरेस्ट 15 लाख का ईनामी दुर्धांत माओवादी कारु उर्फ दीपक यादव के खिलाफ झारखंड-बिहार में 65 मामले दर्ज हैं। लातेहार के कटिया जंगल में 2013 में हुए आइडी विस्फोट में शहीद छह में दो जवानों का पेट चीर प्रेशर बम लगाने वालों में दीपक भी शामिल था।
हजारीबाग। महाराष्ट्र के नालासोपारा से अरेस्ट 15 लाख का ईनामी दुर्धांत माओवादी कारु उर्फ दीपक यादव के खिलाफ झारखंड-बिहार में 65 मामले दर्ज हैं। लातेहार के कटिया जंगल में 2013 में हुए आइडी विस्फोट में शहीद छह में दो जवानों का पेट चीर प्रेशर बम लगाने वालों में दीपक भी शामिल था।
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ERB का सबसे खूंखार व दुर्दांत,15 लाख का इनामी माओवादी RCM दीपक उर्फ कारू यादव को मुंबई से गिरफ्तार किया गया.
— Hazaribagh Police (@HazaribagPolice) September 23, 2022
हजारीबाग व चतरा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में 17 वर्षों से कई हत्याएं,लेवी वसूली,पुलिस के साथ मुठभेड़ की कई घटनाओ में कारू यादव शामिल था.@JharkhandPolice#JharkhandPolice pic.twitter.com/aSGd9urKuQ
कारू यादव उर्फ दीपक पर झारखंड में 39 सहित बिहार में 25 से भी अधिक मामले दर्ज है। इनमें मर्डर, किडनैपिंग,लेवी, आगजनी, फायरिंग, पुलिस एनकाउंटर के मामले दर्ज है। कारू 2005 में यह माओवादी में शामिल हुआ।वह 17 सालों के यात्रा में सामान्य कैडर से इस्टर्न जोन का रिजनल हेड बना। पांच दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर लाये गये कारू यादव से पूछताछ के बाद यह जानकारी हजारीबाग एसपी मनोज रतन चोथे ने प्रेस कांफ्रेस में दी।
15 सालों में हुए सभी घटनाओं में रहा है शामिल
एसपी ने बताया कि झारखंड में उतरी छोटानागपुर जोन में पिछले 15 सालों में हुए सभी छोटे बड़े नक्सली घटनाओं में कारू शामिल था। इनमें गिरिडीह शस्त्रागार लूटकांड तथा बोकारो खास महल कैंप से हथियार लूट प्रमुख है। एसपी ने बताया कि वह भागने के क्रम में घायल हो गया था और पैर का इलाज महाराष्ट्र में करा रहा था। पुलिस उसके पीछे लगी थी और पुख्ता होते हीं उसे एटीएस महाराष्ट्र की मदद से अरेस्ट कर लिया गया। प्रेस कांफ्रेस अलावा एसडीपीओ बड़कागांव अमित कुमार सिंह, सीसीआर डीएसपी आरिफ अनवर, कोर्रा थाना प्रभारी उत्तम तिवारी भी उपस्थित थे।
दुर्दांत कृष्णा यादव को मानता था गुरु, उसी के राह पर चला
जेपीसी उग्रवादी संगठन के सुप्रीमो कलजीत गंझु द्वारा चतरा के पत्थलगड्डा चौक पर माओवादी कृष्णा यादव की मर्डर कर दी थी। कहा जाता है कि कृष्णा यादव इतना दुर्दांत था कि वह हत्या के बाद अपने दुश्मनों को खून भी पी जाता था। कारू यादव कृष्णा यादव का हाथ पकड़ कर ही संगठन में आया था। उसे अपना गुरु मानता था। वह कृष्णा यादव के नक्शे कदम पर चलने लगा।
माओवादी से बगावत और पुलिस की मुखिबर को मार दिया
कारु यादव जमीन विवाद के कारण नक्सली में शामिल हुआ था। अपने दुश्मनों को चुनकर मारा। संगठन में शामिल होने के बाद वह टारगेट किलिंग करने लगा। उसने 2021 में पुलिस की मुखबिरी करने वाले चतरा जिला के टंडवा मिश्रौल निवासी मुकेश गिरी की दिनदहाड़े गोली मारकर मर्डर कर दी थी। इसी चतरा के पत्थलगड्डा में नागी देवी, ईटखोरी करमा के पुदंरी बाजार में नागेश्वर यादव की मर्डर कर दी थी। केरेडारी में भी एक पूर्व माओवादी को वह छठ के दौरान मौत के घाट उतार दिया था।
चतरा लातेहार और गिरिडीह में कारू से खौफ खाते थे लोग
इस्टर्न जोन का रिजनल कमांडर बनाये गये कारू यादव संगठन के प्रति निष्ठावान था। सरकार ने उसके खिलाफ 15 लाख रुपये का नगद इनाम जारी किया था। पारसनाथ जोन, कौलेश्वरी जोन और लातेहार के महुआटाड़ जोन में कारू यादव की तूती बोलती थी। उसके एक इशारे पर इन क्षेत्रों में कुछ भी हो सकता था। कारू यादव का नाम बिहार के औरंगाबाद और गया में भी था। इन जिलों में लगभग 25 मामले दर्ज है।