Karpoori Thakur Bharat Ratna: बिहार के एक्स CM कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न
बिहार के एक्स सीएम व समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलेगा। कर्पूरी ठाकुर को उनके जन्म शताब्दी वर्ष पर सेंट्रल की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश का सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा की है।
- PM नरेंद्र मोदी ने जननायक को बताया 'सामाजिक न्याय का प्रतीक'
नई दिल्ली। बिहार के एक्स सीएम व समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलेगा। कर्पूरी ठाकुर को उनके जन्म शताब्दी वर्ष पर सेंट्रल की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश का सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा की है।
I am delighted that the Government of India has decided to confer the Bharat Ratna on the beacon of social justice, the great Jan Nayak Karpoori Thakur Ji and that too at a time when we are marking his birth centenary. This prestigious recognition is a testament to his enduring… pic.twitter.com/9fSJrZJPSP
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने कर्पूरी को सामाजिक न्याय का पथप्रदर्शक बताते हुए कहा कि यह सम्मान कर्पूरी के योगदान के लिए तो है ही, एक न्यापूर्ण समाज के लिए काम करते रहने के लिए हमें भी प्रेरित करेगा।
दो बार सीएम रहे हैं कर्पूरी ठाकुर
कर्प्ररी ठाकुर वर्ष 1970-79 के बीच बिहार के दो-दो बार सीएम एवं बाद में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गांव में नाई समाज में 24 जनवरी 1924 को हुआ था। 1952 में पहली विधायक चुने जाने के बाद आजीवन वह किसी न किसी सदन के सदस्य रहे। इतने महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बावजूद उनके पास न घर था न गाड़ी। पैतृक जमीन भी नहीं थी। राजनीति में ईमानदारी, सज्जनता एवं लोकप्रियता ने कर्पूरी को जननायक बना दिया था।
समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर:पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। उनकी जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी जी की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। यह भारत रत्न न केवल उनके अतुलनीय योगदान का विनम्र सम्मान है, बल्कि इससे समाज में समरसता को और बढ़ावा मिलेगा।'
कर्पूरीग्राम के कण-कण में हैं जननायक की यादें
बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर की राजनीति ताउम्र अपने विशेष गुणों के कारण ही चलती रही। वर्ष 1952 से लगातार विधायक पद पर जीतते रहे, केवल 1984 का लोकसभा चुनाव हारे। एक बार डिप्टी सीएम, दो बार सीएम और दशकों तक विधायक तथा विरोधी दल के नेता रहे।
चौदह वर्ष की उम्र में नवयुवक संघ की स्थापना
कर्पूरीग्राम के कण-कण में उनकी यादें बसी हैं। स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षक के रूप में सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाले जननायक का जन्म समस्तीपुर के पितौंझिया में 24 जनवरी, 1924 को हुआ था। अब यह गांव कर्पूरीग्राम के नाम से चर्चित है। 14 साल की उम्र में अपने गांव में नवयुवक संघ की स्थापना की। गांव में होम विलेज लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन बने। 1942 में पटना यूनिवर्सिटी पहुंचने के बाद वे स्वतंत्रता आंदोलन और बाद में समाजवादी पार्टी तथा आंदोलन के प्रमुख नेता बने। 1952 में भारतीय गणतंत्र के प्रथम आम चुनाव में ही वे समस्तीपुर के ताजपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। तब 31 साल के थे। संसदीय कार्यकलापों में तो उन्होंने दक्षता दिखाई ही, समाजवादी आंदोलन को जमीं पर उतारने का भी भरसक प्रयास किया।
कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर अभी जडीयू के राज्यसभा सदस्य हैं। कर्पूरी का निधन 64 वर्ष की उम्र में 17 फरवरी 1988 को हुआ था। केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा ऐसे समय में की है, जब कुछ दिनों में ही लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। कर्पूरी के जन्मशताब्दी वर्ष को सभी दलों ने अपने-अपने तरीके से मना रहा है।