यूपी: बलिया डीएम श्रीहरि प्रताप शाही का देसी अंदाज,गमछा लपेट पहुंचे कुम्हार के घर, जमीन पर बैठकर बनाये मिट्टी के दीए

यूपी के बलिया के  डीएम श्रीहरि प्रताप शाही अपनी सादगी  को लेकर फिर चर्चा में हैं। डीएम बुधवार कंधे पर गमछा, पैरों में हवाई चप्पल पहन बिल्कुल देसी अंदाज में नजर आये। डीएम कुम्हार के घर पहुंचकर जमीन पर बैठकर दीवाली के लिए दीए बनाये।

यूपी: बलिया डीएम श्रीहरि प्रताप शाही का देसी अंदाज,गमछा लपेट  पहुंचे कुम्हार के घर, जमीन पर बैठकर बनाये मिट्टी के दीए
  • दीपावली के लिए अपने आवास, कैम्प ऑफिस व कलक्ट्रेट के लिए हजारों दीयों का आर्डर दिये

लखनऊ। बलिया के  डीएम श्रीहरि प्रताप शाही अपनी सादगी  को लेकर फिर चर्चा में हैं। डीएम बुधवार कंधे पर गमछा, पैरों में हवाई चप्पल पहन बिल्कुल देसी अंदाज में नजर आये। डीएम कुम्हार के घर पहुंचकर जमीन पर बैठकर दीवाली के लिए दीए बनाये।
 डीएम आवासीय कैंपस में खुद ट्रैक्टर चलाकर मोटे अनाज की खेती करने वाले डीएम श्रीहरि प्रताप शाही बुधवार को एक अलग रंग में देसी अंदाज खासे चर्चा में है। डीएम अपनेआवास से इनोवा गाड़ी में सवार होकर बांसडीहरोड एरिया के हरपुर गांव में रामप्रवेश कुम्हार के दरवाजे पर पहुंचे। डीएम के साथ उनकी पत्नी व बच्चे भी थे। गर्दन में गमछा लटकाए डीएम चाक के पास बैठ गये। चाक पर बने छेद में लकड़ी डालकर खुद ही उसे नचाया और दोनों हाथों से मिट्टी के दीए बनाये।उन्होंने अपने बेटे के हाथों भी मिट्टी के दीए बनवाये। 
डीएम का उक्त अलग अंदाज देख न सिर्फ रामप्रवेश कुम्हार बल्कि गांव व आसपास के लोग भी हैरान रह गये। डीएम ने दीपावली के के लिए अपने आवास, कैम्प ऑफिस व कलक्ट्रेट के लिए हजारों दीयों का आर्डर भी दिया। इस दौरान डीएम ने कुम्हारों की मूलभूत समस्याओं को सुना। उनके कल्याण के लिए विशेष पहल करने का भरोसा दिलाया। डीएम वहां चारपाई पर अपने बच्चों के साथ बैठकर कुल्हड़ में चाय की चुस्की भी ली।

डीएम ने निर्णय लिया है कि इस दीपावली पर उनके आवास स्थित कैम्प कार्यालय व कलक्ट्रेट में सिर्फ मिट्टी के ही दिये जलाये जायेंगे। उन्होंने लोगों से दीपावली के दिन झालर की बजाय मिट्टी के दीए जलाने की अपील भी की। अपील में डीएम ने कहा है कि पर्यावरण के साथ कुम्हारी कला और दीपावली का असली महत्व कायम रखने के लिए हम सबको ऐसा करना ही चाहिए। वर्तमान में समय व पर्यावरण की आवश्यकता भी यही है। वैसे भी दीवाली मनाने का हम सबका यही पारंपरिक तरीका भी रहा है। इससे दीपावली की चमक बरकरार रहने के साथ किसी की जीविका भी चलेगी और पर्यावरण संतुलन भी ठीक बना रहेगा। उन्होंने कहा कि मान्यता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से शौर्य और पराक्रम में वृद्धि होती है और परिवार में सुख समृद्धि आती है।