देवघर में जमीन खरीद मामले में गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी को मिली अंतरिम राहत, किसी भी प्रकार की पीड़क कार्रवाई पर रोक
झारखंड हाई कोर्ट से गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम को बड़ी राहत मिली है। श्रीमती गौतम की याचिका के जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनामिका गौतम के खिलाफ किसी भी प्रकार की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
रांची। झारखंड हाई कोर्ट से गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम को बड़ी राहत मिली है। श्रीमती गौतम की याचिका के जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनामिका गौतम के खिलाफ किसी भी प्रकार की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अनामिका गौतम जांच में पूरा सहयोग करेंगी। अगर पुलिस को लगता है कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस स्वतंत्र है। इससे पहले सुनवाई के दौरान अनामिका गौतम के एडवोकेट दिवाकर उपाध्याय ने अदालत को बताया कि इनपर लगायेए गये सभी आरोप निराधार हैं।इन्होंने देवघर में जमीन खरीद में कोई गड़बड़ी नहीं की है और न ही सरकार को कोई राजस्व का नुकसान हुआ है। इसलिए एफआइआर कैंसिल किया जाए। इसके बाद कोर्ट ने अनामिका गौतम को अंतरिम राहत प्रदान करते गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।
क्या है मामला
गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम और उनकी कंपनी ऑनलाइन इंटरटेनमेंट प्रा.लि. के खिलाफ विष्णुकांत झा व किरण सिंह ने एफअाइआर दर्ज कराई है। विष्णुकांत झा की एफआइआर में कहा गया है कि अनामिका गौतम ने जो जमीन खरीदी है, उसका सरकारी मूल्य लगभ 20 करोड़ रुपये है। इसके अनुसार स्टांप ड्यूटी नहीं दी गई है। किरण सिंह की केस में कहा गया है कि धोखाधड़ी करके उक्त जमीन खरीदी गई है, क्योंकि उस जमीन को पहले उन्होंने खरीदा था।