झारखंड कांग्रेस प्रसिडेंट के खिलाफा ग्रासरूट कार्यकर्ता सम्मेलन रद्द, न तो कोई नेता मिला... नहीं जुटे कार्यकर्ता

झारखंड कांग्रेस प्रसिडेंट राजेश ठाकुर से विक्षुब्ध में चल रहे तीन नेताओं अपने शुरुआती कार्यक्रम में मुंह की खानी पड़ी।  ने कहने को तो ग्रास रूट कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया था, लेकिन जहां कांग्रेस के तीन पूर्व प्रवक्ताओं ने बागी रुख तो अपनाया लेकिन उन्हें प्रस्तावित ग्रासरूट कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए न तो कोई नेता मिला और ना ही कोई कार्यकर्ता। अंतत: तीनों नेताओं ने कार्यक्रम डालते हुए इसके रद्द होने की घोषणा कर दी।

झारखंड कांग्रेस प्रसिडेंट के खिलाफा ग्रासरूट कार्यकर्ता सम्मेलन रद्द, न तो कोई नेता मिला... नहीं जुटे कार्यकर्ता
  • कांग्रेस के तीन पूर्व प्रवक्ताओं ने बागी रुख तो अपनाया लेकिन ौ औंधे मुंह गिरे
  • पार्टी अलाकमान नहीं ले रही है नोटिस
  • अबअनुशासनात्मक कार्रवाई का खतरा

रांची। झारखंड कांग्रेस प्रसिडेंट राजेश ठाकुर से विक्षुब्ध में चल रहे तीन नेताओं अपने शुरुआती कार्यक्रम में मुंह की खानी पड़ी। 
ने कहने को तो ग्रास रूट कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया था, लेकिन जहां कांग्रेस के तीन पूर्व प्रवक्ताओं ने बागी रुख तो अपनाया लेकिन उन्हें प्रस्तावित ग्रासरूट कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए न तो कोई नेता मिला और ना ही कोई कार्यकर्ता। अंतत: तीनों नेताओं ने कार्यक्रम डालते हुए इसके रद्द होने की घोषणा कर दी।

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प्रवक्ता के दायित्व से मुक्त किये जाने के बाद से ही बागी रुख

तीनों की ओर से दावा यह दावा किया गया है कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने दिल्ली बुलाया है, इसलिए कार्यक्रम नहीं करेंगे। जबकि यह बात भी फौरी तौर पर झूठी साबित हो रही है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के तीन पूर्व प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता छोटू एवं आलोक दुबे फिलहाल स्टेट लीडरशीप से से नाराज चल रहे हैं। प्रवक्ता के दायित्व से मुक्त किये जाने के बाद से ही बागी रुख अख्तियार किये हुए हैं। इन नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ कार्यकर्ताओं को जुटाने का दावा करते हुए मंगलवार को ग्रासरूट्स कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया था। इस कार्यक्रम को लेकर शहर में कई जगहों पर पोस्टर भी लगाई गई थी। इन नेताओं ने कांग्रेस कोटे के चारों मिनिस्टर और सभी एमएलए को ने व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित भी किया था। 

कार्यक्रम में स्टेट का कोई बड़ा कांग्रेसी कार्यक्रम में आने को तैयार नहीं हुआ
तीनों नेताओं के कार्यक्रम में स्टेट का कोई बड़ा कांग्रेसी कार्यक्रम में आने को तैयार नहीं हुआ। कार्यकर्ताओं का भी जुटान संभव नहीं हो सका। अंतत: सम्मेलन को स्थगित करना पड़ा। इसके बाद एक मजबूत और इज्जत बचाने वाला बहाना बनाते हुए तीनों नेताओं ने दावा किया है कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने उन्हें दिल्ली मिलने के लिए बुलाया है। इसी कारण से सम्मेलन को रद कर दिया गया है।

तीनों नेताओं ने प्रभारी से मिलने का समय मांगा था,उन्हें समय दिया गया 

इस मामले में अविनाश पांडेय के नजदीकी सोर्सेज ने यह जानकारी दी है कि तीनों नेताओं ने मिलने का समय मांगा था और उन्हें समय दिया गया है। किसी को बुलाया नहीं गया है। इसके पूर्व भी इन्होंने प्रदेश प्रभारी से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उस वक्त उत्तराखंड चुनाव में रहने के कारण इन्हें समय नहीं दिया गया था। 

केंद्रीय नेतृत्व की भी नजर

ग्रासरूट कार्यकर्ता सम्मेलन कांग्रेस की प्रमंडल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलनों के ठीक बाद बुलाया गया था। प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल चुके नेताओं पर केंद्रीय नेतृत्व भी नजर रख रहा है। अब तक की सूचनाओं का संज्ञान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय को भी है। सोर्सेज के अनुसार वे अभी किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं। डिजिटल मीडिया पर कांग्रेस नेताओं ने उन्हें यह सूचना भेजी है। सूचनाओं के प्राप्त होने की पुष्टि करती रिपोर्ट भी पार्टी ऑफिस में मौजूद हैं।

कार्यक्रम के करते की जाती कार्रवाई
प्रदेश कांग्रेस से अनुमति लिए बगैर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाने और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ तमाम बयान पर नेतृत्व नजर रख रहा था। अभी तक अधिकृत तौर पर प्रतिक्रिया से पार्टी बचती दिख रही है थी। अगर मंगलवार को कार्यक्रम के आयोजन होता तो पार्टी की कार्रवाई भी शुरू हो जाती। कारण बताओ नोटिस से शुरू होकर निलंबन तक की कार्रवाई के दायरे में सभी नेता आते दिख रहे थे। पूर्व प्रवक्ता आलोक दुबे ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष अभी भी पूर्व प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह (अब भाजपा में शामिल) से नियमित संपर्क में रहते हैं। कम से कम दिन में तीन बार बातें करते हैं। दुबे ने कहा था कि अगर उनकी बात गलत साबित होती है तो वे थूककर चाटने को तैयार हैं।