गुजरात: 24 मिनिस्टर्स ने ली शपथ, BJP का पटेल और ओबीसी कार्ड, आधे मंत्री इन्हीं समुदायों के
गुजरात नये कैबिनेट में गुरुवार को कुल 24 मंत्रियों ने शपथ ली। सीएम भूपेंद्र पटेल व एक्स सीएम विजय रूपाणी की मौजूदगी में गवर्नर आचार्य देवव्रत ने नये मिनिस्टर्स को पद को गोपनीयता की शपथ दिलायी।
- रूपाणी कैबिनेट के सभी मंत्रियों की छुट्टी
अहमदाबाद। गुजरात नये कैबिनेट में गुरुवार को कुल 24 मंत्रियों ने शपथ ली। सीएम भूपेंद्र पटेल व एक्स सीएम विजय रूपाणी की मौजूदगी में गवर्नर आचार्य देवव्रत ने नये मिनिस्टर्स को पद को गोपनीयता की शपथ दिलायी।
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गुजरात विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी को भी भूपेंद्र पटेल की कैबिनेट में शामिल किया गया है। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में हर्ष संघवी (सूरत), जगदीश पंचाल (अहमदाबाद), बृजेश मेरजा (मोरबी), जीतू भाई चौधरी एवं माही मनीषा वकील को शपथ दिलाई गई। जबकि राज्य मंत्री के रूप में मुकेश पटेल, निमिषा सुथार, अरविंद रैयानी, कुबेर डिंडोर एवं कीर्ति वाघेला ने शपथ ली।गजेंद्र परमार, राघव मकवाणा, विनोद मोरडिया, देवा मालम को भी नई सरकार में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया है।
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बीजेपी के एक्स प्रसिडेंट जीतू वाघाणी, सूरत से एमएलए पूर्णेश मोदी, उत्तर गुजरात के एमएलए ऋषिकेश पटेल, अहमदाबाद से एमएलए प्रदीप परमार,किरीट सिंह राणा, अर्जुन सिंह चौहान, कनु देसाई व नरेश पटेल एवं कांग्रेस से बीजेपी एम आये एमएलए राघव जी पटेल को भी मिनिस्टर बनाया गया है। कच्छ भुज से एमएलए निमाबेन आचार्य को गुजरात विधानसभा की कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
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घाटलोदिया से एमएलए भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। पटेस पाटीदार समुदाय से हैं। बीजेपी 2022 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की किस्मत चमकाने के लिए पटेल पर भरोसा कर रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 99 पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को 77 सीटें मिलीं थी।
पटेल और ओबीसी कार्ड, आदिवासियों को भी लुभाया
गुजरात में बीजेपी ने सत्ता विरोधई लहर से बचने के लिए सीएम के साथ ही पूरे कैबिनेट को भी बदल दिया है। पार्टी ने जातीय समीकरणों को भी साधने का प्रयास किया है। भूपेंद्र पटेल कैबिनेट के जिन 24 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, उनमें आधे मंत्री पटेल और ओबीसी हैं। दोनों समुदायों के छह-छह मिनिस्टरों को शपथ दिलाई गई है। बीजेपी पटेल बिरादरी को साधने का प्रयास किया है, जिसकी ओर से कुछ साल पहले आरक्षण को लेकर आंदोलन किया गया था। इसी का असर था कि 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को मात्र 99 सीटें ही मिल पाई थीं। बीते दो दशकों का यह सबसे कम आंकड़ा था। कहा जा रहा है कि 2022 के चुनाव में 2017 से बेहतर करने के लिए बीजेी ने पटेल समुदाय को बड़े पैमाने पर प्रतिनिधित्व दिया है। ओबीसी समुदाय की गुजरात में अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में बीजेपी ने दोनों बड़े वोटबैंकों को कैबिनेट में जगह देकर साधने का प्रयास किया है। पार्टी ने आदिवासी समुदाय में भी अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए इस वर्ग के चार एमएलए को मिनिस्टर बनाया है।
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दलित समुदाय के तीन, ब्राह्मण और राजपूत समुदाय के दो-दो नेताओं को मंत्री पद मिला है। एक मंत्री जैन समुदाय से भी चुना गया है। विजय रूपाणी की टीम का कोई भी नेता भूपेंद्र कैबिनेट में शामिल नहीं है। नितिन पटेल, भूपेंद्र सिंह चूड़ास्मा जैसे दिग्गजों को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। इन नेताओं को संगठन में कहीं जगह दी जाएगी। जानकारों के मुताबिक भाजपा नेतृत्व ने सत्ता विरोधी लहर की काट के लिए ऐसा कदम उठाया है ताकि जनता के बीच जाने में आसानी हो सके।