गुमला। झारखंड में गुमला के पालकोट में बीजेपी लीडर सुमित केसरी मर्डर केस का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। गुमला पुलिस ने चार एक्युज्ड को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है। इनमें निनई बसिया के पारस राम, सारुबेड़ा पालकोट के मोहन गोप, टेंगरिया तेतरटोली के बासिल इंदवार और सुअरगुड़ा पालकोट के नारायण सिंह के नाम शामिल हैं। इनके पास से पुलिस ने तीन देशी कट्टे और छह जिंदा कारतूस बरामद किये हैं।
आरोपी रहे हैं PLFI संगठन के मेंबर
गुमला एसपी डा.ऐहतेशाम वकारीब ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पुलिस गिरफ्त में आये क्रिमिनल पूर्व में PLFI संगठन के सदस्य थे। वर्तमान में सभी क्रिमिनल एक गैंग बनाकर अपराधिक घटना को अंजाम देते हैं। सुमित केसरी से दो लाख की लेवी मांगी गई थी। लेवी के लिए सुमित केसरी का का किडनैप किया गया था। लेवी नहीं देने की बात कहने पर रोकेडेगा के पास विवाद हो गया जिस कारण उसे गोली मारी गई थी। घायलावस्था में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। सुमित केसरी की मर्डर पुलिस के लिए चुनौती थी। लगभग 17 दिनों के बाद पुलिस को मर्डर केस मामले को सुलाझाने में सफलता मिली है।
दो एक्युज्ड अब भी हैं फरार
एसपी के अनुसार सुमित केसरी मर्डर केस में कुल छह लोग शामिल हैं। चार लोगों को अरेस्ट कर जेल भेजा गया जबकि दो आरोपित - टेगरिया खिुजरटोली के संजय उरांव और थलकोबेड़ा बानो के विक्रम सिंह फरार हैं। एसपी ने कहा कि दोनों की गिरफ्तारी जल्द हो जायेगी। एसपी ने कहा कि गिरफ्तार एक्युज्ड का क्रिमिनल हिस्ट्री रहा है। बसिया, गुमला, कोलेबिरा, पालकोट रायडीह आदि पुलिस स्टेशन में क्राइम के कई मामले दर्ज हैं।
छापेमारी टीम में एसडीपीओ बसिया विकास आनन्द लागुरी, पुलिस इंस्पेक्टर श्याम नन्द मंडल, थाना प्रभारी अनिल लिण्डा, पुअनि निरंजन कुमार सिंह राहुल कुमार झा, धनंजय कुमार, थाना प्रभारी रायडीहअमित कुमार राय, कृष्ण कुमार गुप्ता, राजेश कुमार, संदीप राज सहित पालकोट थाना के पुलिस जवान शामिल थे।