झारखंड के आधा दर्जन IAS व IPS अफसर ED व CBI के रडार पर! पूजा सिंघल के ठितानों पर रेड से हड़कंप
झारंखड में माइंस सेकरटेरी पूजा सिंघल पर शुक्रवार को हुई ईडी की कार्रवाई के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त स्टेट कैडर के आईएएस व आइपीएस अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। जानकार सोर्सेज का काली कमाई से करोड़ों की नामी व बेनामी संपत्ति अर्जित करने वाले झारखंड के आधा दर्जन IAS व IPS अफसर ED व CBI के रडार पर है।
रांची। झारंखड में माइंस सेकरटेरी पूजा सिंघल पर शुक्रवार को हुई ईडी की कार्रवाई के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त स्टेट कैडर के आईएएस व आइपीएस अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। जानकार सोर्सेज का काली कमाई से करोड़ों की नामी व बेनामी संपत्ति अर्जित करने वाले झारखंड के आधा दर्जन IAS व IPS अफसर ED व CBI के रडार पर है।
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2000 बैच की झारखंड कैडर की IAS अफसर माइंस सेकरटेरी पूजा सिंघर के खिलाफ ED की कार्रवाई अचानक नहीं हुई। इसकी पृष्ठभूमि पहले से ही तैयार हो गई थी। सेंट्रल गवर्नमेंट ने राजभवन से स्टेट के दागी पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की लिस्ट मांगी थी। ऐसे अफसरों की पूरी डिटेल्स देने को कहा गया था। लगभग एक महीने पहले स्टेट गवर्नमेंट ने चार अफसरों के नाम राजभवन को भेजे थे।इनमें रांची डीसी छवि रंजन, ATI निदेशक के. श्रीनिवासन, भवन निर्माण सचिव सुनील कुमार और मनोज कुमार शामिल थे।
बताया जाता है कि स्टेट गवर्नमेंट द्वारा भेजी गयी लिस्ट में राजभवन ने अपने लेवल से सात और अफसरों के नाम जोड़कर कुल 11 अफसरों के नाम सेंट्रल होम मिनिस्टरी को भेजी थी। राजभवन की ओर से जिन अफसरों के नाम लिस्ट में जोड़े गए थे, उनमें सबसे ऊपर पूजा सिंघल का नाम था।सोर्सेज का कहना है कि जल्दी ही कई और अफसरों के खिलाफ पर ED की कार्रवाई होने की संभावना है। इसमें CMO के एक अफसर, सीएम के नजदीकी माने जाने वाले निर्माण कार्य से जुड़े कई विभागों के चीफ का पोस्ट संभाल रहे एक आइएएस अफसर भी शामिल हैं। बाह्य कोटा से आये एक प्रभावशाली व्यक्ति पर भी ED की कार्रवाई होने की संभावना है।
राजभवन ने फरवरी को मांगी थी रिपोर्ट, गवर्नमेंट ने एक माह पहले भेजी
राजभवन ने एक फरवरी को स्टेट गवर्नमेंट को पत्र भेजा था। लिखा था कि जिन अफसरों के खिलाफ निगरानी जांच और केस चल रहे हैं या लंबित हैं उनके बारे में 15 दिन में रिपोर्ट दें। नाम के साथ मामले का पूरा विवरण और स्टेटस रिपोर्ट देने की हिदायत दी गयी थी। राजभवन को एक माह पहले रिपोर्ट मिली थी।सोर्सेज का कहना है कि झारखंड में कथित रुप से आईएस व आइपीएस अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग में चल रहे भ्रष्टाचार की कंपलेन सेंट्रल गवर्नमेंट तक पहुंची है। कैसे एक कॉकस आइएएस व आइपीएस लगातार लाभ वाले पद पर पोस्टिंग हैं। ऐसे कई अफसर पिछली सरकार में क्रीम जिले में पोस्टेड रहे हैं।वर्तमान सरकार में भी सेटिंग-गोटिंग कर क्रीम जिलों की कुर्सी हासिल कर ली है। ऐसे अफसरों पर कथित रुप से कोल व अन्य काले कारोबार के आरोप लगते रहे हैं।
सेंट्रल गवर्नमेंट की नजर ऐसे अफसरों पर हैं। अफसरों का यह ग्रुप सेल कंपनियों व राजनेताओं की दलाली करने वाले लोगों के पास अपने पैसे ठिकाने लगाये हैं। इनमें आधा दर्जन आइएएस व तीन-चार आइपीएस के संदिग्ध होने की चर्चा है। इन अफसरों ने काली कमाई की है। काली कमाई से अर्जित राशि पश्चिम बंगाल व दिल्ली में कथित रुप से बेनामी तौर पर इन्वेस्ट किया है। चर्चा है कि दो आइपीएस अफसरों की काली कमाई धनबाद में इन्वेस्ट की गयी है। ये अफसर पूर्व की सरकार में ही मोटी काली कमाई किया है। पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई के बाद इन अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।