हजारीबाग: खुद को समाजसेवी बताने वाला बिजनसमैन प्रशांत प्रधान अरेस्ट,पिस्टल व कारतूस के साथ अरेस्ट
हजारीबाग पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर खुद को समाजसेवी बतानेवाले बिजनसमैन प्रशांत प्रधान को आर्म्स व कारतूस के साथ अरेस्ट किया है। प्रशांत प्रधान शिवपुरी का रहने वाला है।
- कारोबारी के खिलाफ दर्ज हैं 12 मामले
हजारीबाग। हजारीबाग पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर खुद को समाजसेवी बतानेवाले बिजनसमैन प्रशांत प्रधान को आर्म्स व कारतूस के साथ अरेस्ट किया है। प्रशांत प्रधान शिवपुरी का रहने वाला है।
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एक लोडेड सिक्सर, एक माउजर, 65 जिंदा कारतूस और 10 हजार कैश बरामद
बताया जा रहा है कि प्रशांत प्रधान अपने दो साथियों के साथ फॉर्च्यूनर ( JH 02AM-0303) बगोदर की ओर निकला था। पुलिस को पता चला कि वह रांची से हजारीबाग की ओर लौट रहा है। चरही पुलिस स्टेशन को अलर्ट किया गया। जैसे ही फॉर्च्यूनर ( JH 02AM-0303) चरही से गुजरी, उसका पीछा किया गया। मुफस्सिल पुलिस स्टेशन के गेट के पास उस गाड़ी को चारों ओर से पुलिस ने घेर लिया गया। गाड़ी सर्च किया गया तो एक लोडेड सिक्सर, एक माउजर, 65 जिंदा कारतूस और 10 हजार कैश बरामद किया गया।हजारीबाग पुलिस प्रशांत प्रधान के खिलाफ पुराने मामलों को खंगाल रही है। अब तक पुलिस को उसके खिलाफ दर्ज 12 मामले मिले हैं। इनमें हजारीबाग जिला के बिष्णुगढ़ सहित विभिन्न पुलिस स्टेशन के अलावा सरायकेला का भी एक मामला सामने आया है। मर्डर के एक मामले में भी प्रशांत प्रधान बेल पर है। इसके अलावा जमीन से संबंधित कई मामले मिले हैं। कइयों में सनहा दर्ज किया गया। कई पीड़ितों ने प्राथमिक सूचना पुलिस स्टेशन को दी है।
प्रशांत पर 12 पुलिस स्टेशन में लगभग 18 मामले
पुलिस का कहना है कि प्रशांत पर 12 पुलिस स्टेशन में लगभग 18 मामले दर्ज है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार 10 से अधिक मामलों में वह चार्जशीटेड है। पुलिस ने प्रशांत का फॉरच्यूनर कार भी जब्त किया है। हालांकि मौके से घेरांबदी के दौरान कार में सवार उसका सहयोगी अकील अंसारी तथा एक अन्य भागने में सफल रहे। देर रात प्रशांत प्रधान को कोर्ट में पेशी के बाद ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि प्रशांत हिस्ट्रीशीटर है। पिछले तीन से दिन से हजारीबाग पुलिस मुफ्फसिल प्रशांत प्रधान पर नजर रखी हुई थी।
कोयला तस्करी में बेताज बादशाह माने जाने वाले प्रशांत प्रधान की गिरेबां पर हाथ डाल हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चोथे ने खूब वाहवाही बटोरी है। तथाकथित कुछ छोटे-बड़े पुलिस अफसर खासकर रिटायर्ड सीनीयर पुलिस अफसरों के साथ बेहतर ताल्लुकात रहने का दंभ भरने वाले प्रशांत हजारीबाग के लोहसिगना थाना क्षेत्र के शिवपुरी मोहल्ला का रहने वाला है। आर्म्स के साथ पकड़े जाने के बाद प्रशांत प्रधान के चाहने वालों में खलबली मच गई है। हलांकिप्रधान के पकड़े जाने के बाद शुरू में उनके गुर्गों ने यह अफवाह फैलानी शुरू कर दी कि हजारीबाग पुलिस एक सुनियोजित साजिश के तहत पकड़ा है। पुलिस ने आर्म्स और कारतूस प्लांट कर उन्हें दबोचा।
बताया जाता है कि प्रशांत पुलिस को दिये अपने इकबालिया बयान में बताया है कि अपनी जान की सुरक्षा को लेकर वह इलिगल आर्म्स लेकर चलता था। उसके कई दुश्मन हैं। प्रशांत प्रधान के खिलाफ हजारीबाग, बोकारो और धनबाद में 13 मामले दर्ज हैं। इसमें मर्डर, लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट जैसे संगीन क्रिमिनल केस हैं। हजारीबाग जिले के इचाक, सदर, चंद्रपुरा, बगोदर, नवाडीह, विष्णुगढ़ और धनबाद के तोपचांची पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज है।
पहली बार 1996 में चर्चा में आया था प्रशांत
हजारीबाग पुलिस फाइल में प्रशांत प्रधान की कहानी दर्ज है। क्राइम की दुनिया में प्रशांत प्रधान का नाम साल 1999 में तब उछला था, जब बगोदर पुलिस स्टेशन एरिया में एक डकैती हुई थी। इसके बाद लगातार प्रशांत प्रधान के कदम क्राइम में बढ़ता रहा। वह मर्डर, लूट डकैती की घटित कई वारदातों में वह वांटेड हो गया। हजारीबाग पुलिस इससे पहले 2006 में प्रशांत प्रधान को अरेस्ट की थी। प्रशांत प्रधान के ताल्लुकात छोटे-बड़े कई क्रिमिनल गैंग, कोयला माफिया और अन्य लोगों के साथ है।