गाजीपुर कोर्ट में उसरी चट्टी कांड की सुनवाई: डॉन ब्रजेश और माफिया मुख्तार का आमना-सामना
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला सत्र न्यायालय की एमपी/एमएलए कोर्ट में उसरी चट्टी कांड की सुनवाई एक दूसरे के चीर प्रतिद्वंदी माफिया मुख्तार अंसारी और डॉन बृजेश सिंह का लंबे समय बाद आमने सामना हुआ। इस दौरान कड़ी सुरक्षा में बृजेश सिंह को पेश किया गया। मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बांदा जेल से वर्चुअल जुड़ा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला सत्र न्यायालय की एमपी/एमएलए कोर्ट में उसरी चट्टी कांड की सुनवाई एक दूसरे के चीर प्रतिद्वंदी माफिया मुख्तार अंसारी और डॉन बृजेश सिंह का लंबे समय बाद आमने सामना हुआ। इस दौरान कड़ी सुरक्षा में बृजेश सिंह को पेश किया गया। मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बांदा जेल से वर्चुअल जुड़ा।
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अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एमपी/एमएलए कोर्ट रामसुध सिंह ने 21 साल पहले मुख्तार पर हमले के मामले में कार्रवाई शुरू की। मुख्तार की तरफ से पेश किये कियेगवाह रमेशराम ने इस दौरान ब्रजेश सिंह के सामने ही पूरे हत्याकांड का घटनाक्रम सुनाया।अपनी गवाही को दोहराया। गवाह से वारदात के हालात, समय, हमलावरों की पोजीशन, वाहनों की संख्या समेत कई सवाल पूछे गए। कोर्ट में लगभग तीन घंटे जिरह चलती रही। कोर्ट में गवाह के बयान के बाद बृजेश सिंह के वकील ने रमेश राम से जिरह शुरू की और सवाल पर सवाल दागे। जिरह पूरी नहीं होने के कारण जज ने 13 सितंबर की तारीख तय की है। इसमें आरोपित ब्रजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के अलावा अन्य को तलब किया है।
कोर्ट में सबसे पहले ब्रजेश सिंह की मौजूदगी उनके अधिवक्ता ने दर्ज कराई। गवाह रमेशराम को पेश किया गया। गवाह ने दोहराया कि 15 जुलाई 2001 को दोहपर 12:30 बजे तत्कालीन मऊ एमएलए मुख्तार अंसारी अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ में जा रहे थे। मुहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन एरिया के उसरी चट्टी में पहले से तैयार हमलावरों ने ऑटोमैटिक आर्म्स से फायरिंग शुरू कर दी। मुख्तार को बचाने में सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप गोलियों के शिकार हो गये। उनकी मौके पर मौत हो गई। साथी रुस्तम उर्फ बाबू घायल हो गये, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मुख्तार पर हमला करने वाला एक हमलावर भी मारा गया और कई घायल हुए।
देवकली पंप कैनाल लूटकांड मामला: बृजेश सिंह के खिलाफ अफरोज ने दी गवाही
बहुचर्चित देवकली पंप कैनाल लूटकांड के मामले में सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई। कड़ी सुरक्षा के बीच अफरोज खां को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी की कोर्ट में मुख्य गवाहों में शामिल अफरोज खां ने बृजेश सिंह के खिलाफ गवाही दी। कोर्ट परिसर में पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह की मौजूदगी में गवाह ने उस पर वारदात को अंजाम करने का आरोप लगाया। लूटकांड का घटनाक्रम सुनाया और बयान लिखित रूप से दर्ज कराए। इसके बाद जिरह की कार्रवाई शुरू हुई। हालांकि, जिरह अधूरी रहने पर गवाह को 13 सितंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी कोर्ट में गवाह अफरोज खां की पिछले तारीख से टल रही गवाही मंगलवार को पूरी हो गई। गवाही के बावजूद जिरह के लिए अगली तारीख तय हो गई, जिसमें जिरह पूरी हो सके। गवाह अफरोज खां ने अपने बयान कोर्ट में दर्ज कराये थे जिसमें बताया कि तीन दिसम्बर 1990 को सुबह 7:30 बजे सरफराज अंसारी सैदपुर थाना इलाके में नहर में निर्मित कार्य कर रहा था। इसी दौरान एक नीली मारुति कार से आरोपी त्रिभुवन सिंह, विजयशंकर सिंह और बृजेश सिंह व दो अज्ञात व्यक्ति राइफल से लैस होकर आ गए। उसको पकड़कर मारने पीटने लगे। सरफराज के बैग में रखे रुपये को छीन लिए। उन लोगों ने दहशत पैदा करके मजदूरों को भगा दिया। साइड पर खड़ी ट्रक के टायर में गोली मार कर टायर को फाड़ दिया। मारपीट के दौरान सरफराज के अलावा उसके सहयोगी को थप्पड़ से पीटकर भगा दिया। वादी की सूचना पर थाना सैदपुर में आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
वादी, आरोपी और गवाहों को पेश होने के लिए 13 सितंबर को तलब किया गया है। वहीं गवाह अफरोज ने अपनी सुरक्षा मुहैया कराने के बाबत अर्जी दी है जिस पर न्यायालय ने सुनवाई के लिए सात सितम्बर की तिथि नियत की है।