हिमाचल प्रदेश: पीएम नरेंद्र मोदी ने रोहतांग में वर्ल्ड की सबसे लंबी अटल टनल का उद्घाटन किया,बोले- 26 साल का काम छह साल में पूरा किया
एम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश रोहतांग में वर्ल्ड की सबसे लंबी हाईवे टनल अटल टनल का उद्घाटन किया। अटल टन खुल जाने से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई।
मनाली। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश रोहतांग में वर्ल्ड की सबसे लंबी हाईवे टनल अटल टनल का उद्घाटन किया। अटल टन खुल जाने से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई। अटल टनल लाहुल के लोगों सहित आर्मी को भी बल देगी। आर्मी को लेह लद्दाख में बोर्डर तक पहुंच आसान होगी। समारोह में डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह, हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर समेत अन्य मौजूद थे।
उद्घाटन समारोह के बाद पीएम मोदी लाहौल स्पीति के सीसू और सोलांग घाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। मौके पर डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह, सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, सीडीएस विपिन रावत और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे सहित बीआरओ के डीजी हरपाल सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।
जान जोखिम में डालने वाले, जवानों, इंजीनीयरों मजदूरों को नमन
पीएम मोदी ने हिमाचल में बिताये दिनों को याद किया, वह अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मोदी अक्सर यहां आया करते थे। मोदी ने कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना नहीं पूरा हुआ है, आज हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का भी दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला है। इस टनल से मनाली और केलॉन्ग के बीच की दूरी तीन-चार घंटे कम हो ही जायेगी। पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर तीन-चार घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है। उन्होंने कहा कि मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है जो अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला। बतौर भाजपा प्रभारी हिमाचल से गहरा नाता रहा है। अटल जी जब प्रीणी स्थित आवास पर आते थे तो वह तत्कालीन सीएम प्रेम कुमार धूमल के साथ उनसे मिलते थे। अटल जी से सुरंग निर्माण को आग्रह करते थे और बाद में यही प्रोजेक्ट उनका सपना बन गया। आज यह सपना पूरा हो गया। अभेद्य पीरपंजाल को भेदकर, आज कठिन स्थिति से पार पाया गया है। जान जोखिम में डालने वाले, जवानों, इंजीनीयरों मजदूरों को नमन करता हूं।
अटल सरकार जाते ही भुला दिया, 2014 में काम में लाये तेजी
उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार जाने के बाद इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वर्ष 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था। अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया। वर्ष 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था। एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस स्पीड से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी स्पीड से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती। आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता, उनका सपना पूरा होता।
पीएम ने कहा कि पिछली सरकार की उपेक्षा के बावजूद उनकी सरकार ने तेजी दिखाई। अटल टनल के काम में 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई। नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई। सिर्फ छह साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया। उन्होंने कहा कि असम में पुल का काम अटल जी के समय शुरू हुआ था। कोसी महासेतु के काम पर ध्यान नहीं दिया गया। हमारी सरकार में पुल पर तेजी से काम किया।अटल जी के साथ ही एक और पुल का नाम जुड़ा है- कोसी महासेतु का। बिहार में कोसी महासेतु का शिलान्यास भी अटल जी ने ही किया था। वर्ष 2014 में सरकार में आने के बाद कोसी महासेतु का काम भी हमने तेज करवाया। कुछ दिन पहले ही कोसी महासेतु का भी लोकार्पण किया जा चुका है। पीएम ने कहा कि लाहुल के उत्पाद दिल्ली तक पहुंचेंगे। टनल से देश को नई ताकत मिलेगी। देश की सुरक्षा व समृद्धि का बड़ा जरिया है। लंबे समय से मांग होती रही, मगर प्लानिंग का हिस्सा नहीं बना। अटल सरकार जाते ही टनल को भूला दिया गया। 2013 तक मात्र डेढ़ किलोमीटर काम हुआ था। ऐसे काम चलता रहता तो 2040 तक काम पूरा होता, 2014 से तेजी लाई गई। 300 मीटर की जगह टनल बनाने की रफ्तार 1300 मीटर प्रति वर्ष हुई।
बोर्डर एरिया में कनेक्टिविटी तेजी से होनी चाहिए
पीएम ने कहा देरी से टनल लागत तीन गुना बढ़ गई। बोर्डर एरिया में कनेक्टिविटी तेजी से होनी चाहिए, लेकिन आर्मी की जरूरतों को नहीं समझा गया। लदाख में दोलत बेग ओल्डी एयर स्ट्रिप 40 साल बंद रखी, ऐसी क्या मजबूरी थी। लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी के रूप में सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण एयर स्ट्रिप 40-45 साल तक बंद रही। क्या मजबूरी थी, क्या दबाव था, मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता।अब बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए पूरी ताकत लगा दी गई है। सड़क बनाने का काम हो, पुल बनाने का काम हो, सुरंग बनाने का काम हो, इतने बड़े स्तर पर देश में पहले कभी काम नहीं हुआ। इसका बहुत बड़ा लाभ सामान्य जनों के साथ ही हमारे फौजी भाई-बहनों को भी हो रहा है। छह साल में काम पूरा कर लिया।उन्होंने कहा कि 'हमारी सरकार के फैसले साक्षी हैं कि जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं। देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं।' उन्होंने कहा, "देश में ही आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बने, मेक इन इंडिया हथियार बनें, इसके लिए बड़े रिफॉर्म्स किए गए हैं। लंबे इंतज़ार के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अब हमारे सिस्टम का हिस्सा है। देश की सेनाओं की आवश्यकताओं के अनुसार प्रोक्योरमेंट और प्रॉडक्शन, दोनों में बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है।
उन्होंने कहा कि एयर फोर्स आधुनिक लड़ाकू विमान मांगती रही, लेकिन फाइल पर फाइल खोली गई। आयुध डिपो पर ध्यान नहीं दिया गया। तेजस को डिब्बे में बंद करने के प्रयास किए गए। सीडीएस से बेहतर समन्वय बना है। ब आर्मी के लिए देश में हथियार बनेंगे। भारतीय संस्थानों को बढ़ावा दिया गया है व कई विदेशी कंपनियों को वैन किया गया। पीएम मोदी ने बीआरओ को सुझाव दिया 1500 ऐसे लोग चिह्नित करें, जो अपना अनुभव लिखें। इसमें मजदूरों व इंजीनियरों को शामिल करें। शिक्षा मंत्रालय से आग्रह तकनीकी शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों से केस स्टडी करवाएं। दुनिया को हमारी इस ताकत का ज्ञान होना चाहिए। अटल टनल शिक्षा का हिस्सा बने।डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा मोदी ने हमेशा अटल टनल की चिंता की। अनुमानित लागत पर काम पूरा किया, बीआरओ बधाई का पात्र है। सामरिक दृष्टि से टनल महत्वपूर्ण है। अब रसद तेजी से सीमा पर पहुंचेगी। राजनाथ सिंह ने कहा जब टनल बननी थी तो मोदी हिमाचल के प्रभारी थे और आज पीएम के रूप में शुभारंभ कर रहे हैं, ये संजोग बहुत सुखद है।
डॉक्यूमेंट्री दिखाने के बाद सीएम जयराम ठाकुर ने पीएम मोदी का स्वागत किया। सीएम ने कहा आज ऐतिहासिक दिवस, प्रदेश ही नहीं देश का सपना साकार हुआ। रोहतांग दर्रा लाहुल के विकास में बाधा था, जो अब दूर हुआ। हिमाचल छोटा राज्य है, लेकिन इसका देश के लिए योगदान हमेशा बड़ा रहा है। कारगिल युद्ध में चार में से दो परमवीर चक्र हिमाचल के जांबाजों को मिले। पीएम मोदी ने टनल के लोकार्पण के बाद अंदर अकेले भ्रमण किया। बीआरओ के डीजी से सुरंग के बारे में जानकारी ली। पीएम ने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इसके बाद खुली जीप में सवार होकर टनल का भ्रमण किया। इसके बाद रोहतांग टनल के बाहर सामूहिक चित्र लिया गया।