Hit and Run : गवर्नमेंट व ट्रांसपोटर्स की बीच बनी बात, स्ट्राइक समाप्त करने की अपील, चर्चा के बाद ही लागू होंगे नये प्रविधान
भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में 10 वर्ष तक की कैद और सात लाख रुपये जुर्माने का विरोध कर रही अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और सेंट्रल गवर्नमेंट के बीच बातचीत में सहमिति बन गई है। इलके बाद में ट्रकों और अन्य व्यावसायिक वाहनों की अघोषित हड़ताल खत्म हो गई है। हालांकि हड़ताल को लेकर स्थानीय स्तर पर यूनियनों का रुख अभी स्पष्ट नहीं है।
नई दिल्ली। भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में 10 वर्ष तक की कैद और सात लाख रुपये जुर्माने का विरोध कर रही अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और सेंट्रल गवर्नमेंट के बीच बातचीत में सहमिति बन गई है। इलके बाद में ट्रकों और अन्य व्यावसायिक वाहनों की अघोषित हड़ताल खत्म हो गई है। हालांकि हड़ताल को लेकर स्थानीय स्तर पर यूनियनों का रुख अभी स्पष्ट नहीं है।
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#WATCH | Union Home Secretary Ajay Bhalla says, " We had a discussion with All India Motor Transport Congress representatives, govt want to say that the new rule has not been implemented yet, we all want to say that before implementing Bharatiya Nyaya Sanhita 106/2, we will have… pic.twitter.com/14QXaVUg7t
— ANI (@ANI) January 2, 2024
अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) के पदाधिकारियों और सेंट्रल होम सेकरेटरी अजय भल्ला के बीच मंगलवार देर शाम बातचीत में विवाद सुलझ गया है। इसके बाद सरकार और संगठन ने सभी वाहन चालकों से अघोषित हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की अपील की। बैठक के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि अभी नये कानून लागू नहीं हुए हैं। सरकार ने आश्वासन दिया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) को लागू करने से पहले एआइएमटीसी से विचार-विमर्श किया जायेगा और इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा।
होम सेकरेटरी अजय भल्ला ने भी बाद में कहा कि सरकार ने वाहन चालकों की 10 वर्ष कैद और सात लाख रुपये जुर्माने संबंधी प्रविधान पर चिंताओं का संज्ञान लिया है। हमारी बातचीत सफल रही। इस बीच, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने ट्रक संचालकों के प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन भी दिया है कि वह उनकी सभी चिंताओं पर खुले मन से विचार करने को तैयार है। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि मीटिंग हुई, जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। हम आपको यह सूचित करते हैं कि धारा 106(20) के तहत 10 साल की सजा और जुर्माने का कानून अभी तक लागू नहीं हुआ है। हम आपको (ड्राइवरों को) पूरा आश्वासन दिलाते हैं कि ये कानून लागू नहीं होने देंगे। आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। हम बातचीत में विश्वास रखते हैं। डायलॉग के माध्यम से ही इसका हल निकला है।'
बैठक के बाद एआइएमटीसी के प्रतिनिधियों ने बताया कि चर्चा के दौरान सरकार ने वाहन चालकों की चिंताओं को ध्यान से सुना।
एआइएमटीसी की कोर कमेटी के अध्यक्ष बाल मलकीत सिंह ने कहा कि यह कानून अभी तक लागू नहीं हैं। हम यह कानून लागू नहीं होने देंगे।' उल्लेखनीय है कि कई राज्यों में ट्रक चालकों की अघोषित हड़ताल के बाद सरकार ने एआइएमटीसी के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया था। एआइएमटीसी पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार से हिट एंड रन के नए प्रविधान तत्काल वापस लेने की मांग की थी। उनकी दलील है कि ये प्रविधान ड्राइवरों का काम मुश्किल करेंगे। इनके डर से ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं।
पहले आइपीसी में ऐसे मामलों में दो वर्ष की सजा का प्रविधान था। एआइएमटीसी के अध्यक्ष अमृतलाल मदान का दावा था कि राज्यों में ट्रक एसोसिएशनों की स्वत:स्फूर्त हड़ताल के कारण 60 से 70 प्रतिशत ट्रक नहीं चले। हड़ताल के चलते पश्चिमी और उत्तर भारत में लगभग दो हजार पेट्रोल पंपों पर स्टाक खत्म हो गया था या खत्म होने की कगार पर था।
, विषय को जटिल नहीं बनाएं
सरकार से वार्ता से पहले प्रेस कांफ्रेंस में हड़ताल के औचित्य और सड़क सुरक्षा के गंभीर मसले को लेकर उठे सवालों पर एआइएमटीसी पदाधिकारियों ने मीडिया को नसीहत दी कि वे इस मामले को जटिल न बनाएं। उन्होंने इन सवालों का कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि हिट एंड रन पर अधिकतम सख्ती तो तभी होगी जब दोषी ड्राइवर पुलिस अथवा मजिस्ट्रेट को सूचना नहीं देंगे, अभी तो केवल कानून बना है। इसके नियम तक नहीं बने हैं, फिर उनकी आशंका किस बात को लेकर है। सड़क सुरक्षा का मसला भारत के लिए बहुत गंभीर है, जिसमें केवल हिट एंड रन के मामले ही 50 परसेंट से ज्यादा हैं, अगर ये प्रविधान सख्त हैं तो उनकी नजर में इसमें क्या सुधार होना चाहिए आदि-आदि।