राज्यसभा सदस्यों के दुर्व्यवहार से आहत उप सभापति हरिवंश 24 घंटे रखेंगे उपवास, निलंबत सांसदों का धरना खत्म,सत्र का बहिष्कार करेगा विपक्ष
राज्यसभा में सांसदों द्वारा किये गये दुर्व्यवहार से आहत उपसभापति हरिवंश ने एक दिन के उपवास करेंगे। उन्होंने सदन के सभापति को तीन पेज का लेटर लिखा है। उन्होंने लेटर में बताया है कि राज्यसभा में जो भी हुआ उससे वे पीड़ा और तनाव में है जिसके कारण रात भर सो भी नहीं पाए।
नई दिल्ली। राज्यसभा में सांसदों द्वारा किये गये दुर्व्यवहार से आहत उपसभापति हरिवंश ने एक दिन के उपवास करेंगे। उन्होंने सदन के सभापति को तीन पेज का लेटर लिखा है। उन्होंने लेटर में बताया है कि राज्यसभा में जो भी हुआ उससे वे पीड़ा और तनाव में है जिसके कारण रात भर सो भी नहीं पाए।
सांसदों का धरना खत्म, मॉनसून सत्र का बहिष्कार करेगा कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष
राज्यसभा से निलंबित हुए आठ सासंदों ने अपना धरना खत्म कर दिया है। कृषि विधेयकों और सांसदों के निलंबन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने संसद के बचे हुए पूरे मॉनसून सत्र का बहिष्कार करने का फैसला किया है। विपक्ष के आठ सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस ने राज्यसभा का वॉकआउट किया और गांधी की प्रतिमा के सामने आकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, एनसीपी, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राजद आदि समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने संसद के बचे हुए सत्र के बहिष्कार का ऐलान किया है।
आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची
हरिवंश ने राज्यसभा उपलभापति को लेटर में यह भी लिखा, '22 सितंबर सुबह से कल 23 सितंबर सुबह तक, इस अवसर पर चौबीस घंटे का उपवास मैं कर रहा हूं। काम काज की गति न रुके, इसलिए उपवास के दौरान भी राज्यसभा के कामकाज में नियमित व सामान्य रूप से हिस्सा लूंगा। उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी 20 सितंबर की घटना के संबंध में पत्र लिखा है।उपसभापति ने लेटर में लिखा है हरिवंश ने लिखा कि 20 सितंबर को उच्च सदन की जो तस्वीर थी, उससे सदन, आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची। लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ। आसन पर बैठे व्यक्ति को डराने की कोशिश हुई। नियम पुस्तिका फाड़ी गई।
पूरी रात सो नहीं पायाः
उपसभापति हरिवंश ने लिखा कि दो दिन से गहरी आत्मपीड़ा, आत्मतनाव और मानसिक वेदना में हूं। पूरी रात सो नहीं पाया। मुझे लगता है कि मेरे साथ अपमानजनक व्यवहार हुआ, उसके लिए मुझे एक दिन का उपवास रखना चाहिए। शायद उससे सदस्यों के अंदर आत्मशुद्धि का भाव जागृत हो।
कृषि विधेयक को लेकर विपक्षी सांसदों ने किया था हंगामा
कृषि विधेयक को लेकर विपक्षी सांसदों ने रविवार को सदन में जमकर हंगामा किया ।उपसभापति से दुव्यर्वहार भी किया।इसके बाद सोमवार को इन्हें संसद के बचे सत्र से निलंबित कर दिया गया। इसके खिलाफ निलंबित सांसदों ने विरोध प्रकट करते हुए संसद परिसर में ही चादर बिछाकर धरना दिया।सोमवार पूरी रात परिसर में ही रहे। बता दें कि लोकसभा में यह विधेयक ध्वनि मत से पारित हो चुका है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को स्वयं उपसभापति चाय और स्नैक्स के साथ संसद परिसर पहुंचे और धरना पर बैठे सांसदों से मुलाकात की।
निलंबित सांसदों को चाय पिलाने पहुंचे उप सभापति हरिवंश
राज्यसभा से निलंबित आठों सांसद रातभर गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे रहे। सभापति वेंकैया नायडू ने रविवार को सदन में हंगामा करने और उपसभापति से बदसलूकी के लिए इन सदस्यों को सस्पेंड किया था। सोमवार दोपहर से धरना दे रहे सांसदों से मिलने मंगलवार सुबह खुद उपसभापति हरिवंश वहां पहुंचे। वह अपने साथ एक झोला लाये थे जिसमें सांसदों के लिए चाय थी।
पीएम मोदी ने की हरिवंश की प्रशंसा
संसद परिसर में निलंबन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सांसदों को चाय पिलाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश जी के उदार हृदय और विनम्रता की ट्वीट कर प्रशंसा की। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी। आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने हरिवंश जी ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है। पीएम ने अगले ट्वीट में लिखा, 'यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है। मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
PM ने देशवासियों से राज्यसभा की घटना को लेकर हरिवंश की लिखी राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी पढ़ने की अपील
पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से राज्यसभा की घटना को लेकर हरिवंश की लिखी राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी पढ़ने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने चिट्ठी ट्वीट करते हुए कहा, 'माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें।