मन करता है कि राजनीति ही छोड़ दूं ,गांधी के समय पॉलिटिक्स विकास के लिए होती थी,अब सत्ता के लिए : गडकरी
सेंट्रल मिनिस्टर नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान साफ कहा कि कभी-कभी मन करता है कि राजनीति ही छोड़ दूं। समाज में और भी काम हैं, जो बिना राजनीति के किये जा सकते हैं।
- समाज में और भी काम हैं, जो बिना राजनीति के किये जा सकते हैं
नई दिल्ली। सेंट्रल मिनिस्टर नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान साफ कहा कि कभी-कभी मन करता है कि राजनीति ही छोड़ दूं। समाज में और भी काम हैं, जो बिना राजनीति के किये जा सकते हैं।
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Addressing Shri Girish Gandhi Amrut Mahotsav Satkar Programme, Nagpur https://t.co/nUoBvbw2N6
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 23, 2022
गडकरी ने कहा कि महात्मा गांधी के समय की राजनीति और आज की राजनीति में बहुत बदलाव हुआ है। बापू के समय में राजनीति देश, समाज, विकास के लिए होती थी, लेकिन अब राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए होती है। उन्होंने कहा कि हमें समझना होगा कि राजनीति का क्या मतलब है। क्या यह समाज, देश के कल्याण के लिए है या सरकार में रहने के लिए है?
राजनीति गांधी के युग से ही सामाजिक आंदोलन का रही है हिस्सा
उन्होंने कहा कि राजनीति गांधी के युग से ही सामाजिक आंदोलन का हिस्सा रही है। उस समय राजनीति का इस्तेमाल देश के विकास के लिए होता था। आज की राजनीति के स्तर को देखें तो चिंता होती है। आज की राजनीति पूरी तरह से सत्ता केंद्रित है। मेरा मानना है कि राजनीति सामाजिक-आर्थिक सुधार का एक सच्चा साधन है। इसलिए नेताओं को समाज में शिक्षा, कला आदि के विकास के लिए काम करना चाहिए।
गुलदस्ते और पोस्टर से नफरत
गडकरी ने दिवंगत समाजवादी राजनेता जॉर्ज फर्नांडीस की सादगीपूर्ण जीवन शैली के लिए उनकी प्रशंसा की। गडकरी ने कहा कि मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा क्योंकि उन्होंने कभी भी सत्ता की भूख की परवाह नहीं की। उन्होंने ऐसा प्रेरणादायक जीवन जिया...जब लोग मेरे लिए बड़े-बड़े गुलदस्ते लाते हैं या मेरे पोस्टर लगाते हैं तो मुझे इससे नफरत है।
सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश गांधी को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। पूर्व एमएलसी गिरीश गांधी पहले एनसीपी के साथ थे, लेकिन 2014 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी।गडकरी ने कहा कि जब गिरीश भाऊ राजनीति में थे, तो मैं उन्हें हतोत्साहित करता था क्योंकि मैं भी कभी-कभी राजनीति छोड़ने के बारे में सोचता हूं। राजनीति के अलावा, जीवन में कई चीजें हैं जो करने योग्य हैं।