देश के शैक्षणिक एवं औद्योगिक विकास का दर्पण है IIT ISM धनबाद: गवर्नर संतोष कुमार गंगवार
रॉयल स्कूल ऑफ माइंस लंदन की तर्ज पर नौ दिसंबर 1926 को देश की कोयला राजधानी धनबाद में बना आईआईटी आइएसएम सोमवार को अपना 99वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर पैनमेन ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ झारखंड के गवर्नर संतोष कुमार गंगवार ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद और बर्नपुर एवं दुर्गापुर स्टील प्लांट के प्रभारी चेयरमैन ब्रिजेन्द्र प्रताप सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
- आईआईटी आईएसएम धनबाद का 99वां स्थापना दिवस समारोह
- स्टूडेंट अपनी शिक्षा केवल व्यक्तिगत सफलता तक सीमित न रखें
- समाज और राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दें
- सामाजिक समस्याओं को समझें और उनके समाधान के लिए कार्य करें
धनबाद। रॉयल स्कूल ऑफ माइंस लंदन की तर्ज पर नौ दिसंबर 1926 को देश की कोयला राजधानी धनबाद में बना आईआईटी आइएसएम सोमवार को अपना 99वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर पैनमेन ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ झारखंड के गवर्नर संतोष कुमार गंगवार ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद और बर्नपुर एवं दुर्गापुर स्टील प्लांट के प्रभारी चेयरमैन ब्रिजेन्द्र प्रताप सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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गवर्नर संतोष कुमार गंगवार ने आईआईटी आईएसएम धनबाद के 99वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह इंस्टीच्युट न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि यह एक ऐसी परंपरा का प्रतीक है, जिसने ज्ञान, नवाचार और राष्ट्रीय सेवा के मूल्यों को साकार किया है। उन्होंने इंस्टीच्युट के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी स्थापना 1926 में खनन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से की गयी थी। यह इंस्टीच्युट देश के शैक्षणिक एवं औद्योगिक विकास का दर्पण है। आज यह अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है।
सामाजिक बदलाव की प्रेरणा है आईआईटी आईएसएम
गवर्नर ने कहा कि आज जब देश पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है, तो आईआईटी आईएसएम जैसे इंस्टीच्युट्स की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में आईआईटी आइएसएम अपना अहम योगदान दे रहा है। उन्होंने मेरे दोनों बच्चे भी आईआईटी रुड़की से पास आउट है, इसलिए मैं आईआईटी की अहमियत को भली भांति समझता हूं। उन्होंने कहा कि आईआईटी आईएसएम से पढ़े स्टूडेंट्स ने न केवल शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल की हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में भी अपना अमूल्य योगदान दिया है। आईआईटी आईएसएम केवल तकनीकी और एकेडमिक सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह नवाचार, उद्यमशीलता और सामाजिक बदलाव की प्रेरणा भी है। गवर्नर ने कहा कि देश के आजाद होने के पहले से ही देश को आगे बढ़ाने की दिशा में सोचने वालों में आईआईटी आइएसएम भी है, इसके लिए इंस्टीच्युट को बहुत बहुत धन्यवाद।
सामाजिक समस्याओं को समझकर उनका समाधान निकालें
गवर्नर ने स्टूडेंट्स से कहा कि आपका दायित्व है कि सामाजिक समस्याओं को समझें और उनके समाधान के लिए कार्य करें। एक विकसित भारत तभी संभव होगा जब हम सभी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभायेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आईआईटी आईएसएम धनबाद आनेवाले वर्षों में और भी उत्कृष्टता प्राप्त करने की ओर अग्रसर होगा। वैश्विक स्तर पर अपने योगदान से अपनी विशिष्ट पहचान बनायेगा। इस मौके पर उन्होंने इंस्टीच्युट का डिजिटल कैलेंडर लॉन्च किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम स्थल के बाहर सुरक्षा बलों द्वारा महामहिम गवर्नर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहीं मंच पर आईआईटी आइएसएम के अध्यक्ष प्रो. प्रेम व्रत एवं निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने राज्यपाल को संस्थान का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर संस्थान के 99 वर्षों के गौरवपूर्ण इतिहास पर बने एक चलचित्र को भी ऑडिटोरियम में लगे स्क्रीन पर चलाया गया, जिसका शुभारंभ गवर्नर संतोष कुमार गंगवार ने बटन दबाकर किया ।99वें स्थापना दिवस पर आज कार्यक्रम में प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं एवं संस्थान में लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
मौके पर इस दौरान कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद और बर्नपुर एवं दुर्गापुर स्टील प्लांट के प्रभारी चेयरमैन ब्रिजेन्द्र प्रताप सिंह,उप निदेशक प्रो धीरज कुमार, बीबीएमकेयू के कुलपति प्रो रामकुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।
99 वें स्थापना दिवस समारोह को लेकर आइआइटी आइएसएम को दुल्हन की तरह सजाया गया है। शाम में के पैनमेन हॉल में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। जिसमे नाद समूह और श्रीधरा नृत्य अकादमी के सदस्यों और प्रतिष्ठित कलाकार प्रस्तुति दिये।
2027 तक चलेगा आइआइटी आइएसएम का शताब्दी वर्ष समारोह
आइआइटी आइएसएम का शताब्दी वर्ष समारोह का कैलेंडर जारी कर दिया गया है। इस कैलेंडर को 99वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान गवर्नर संतोष कुमार गंगवार ने जारी किया। स्थापना दिवस समारोह के तहत कुल 100 कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जो 99वें स्थापना दिवस समारोह के साथ शुरू हो गये हैं। शताब्दी वर्ष समारोह के तहत फरवरी 2025, फरवरी 2026 और फरवरी 2027 का बसंत कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इसी समारोह के तहत ही नौ दिसंबर 2026 को संस्थान के 101वें स्थापना दिवस के अवसर पर 2500 सीटों के शताब्दी सभागार का उद्घाटन किया जायेगा। इस दौरान कई अन्य कार्यक्रम जैसे सेमीनार, टॉक शो, पॉडकास्ट, फिल्म महोत्सव, फोटो ग्राफी शो जैसे कई कार्यक्रम आयोजित होंगे।