IND W vs SA W Final: भारत की ‘शेरनियां’ ने रचा इतिहास! हरमनप्रीत की कप्तानी में बेटियों ने जीता पहला वनडे वर्ल्ड कप

भारत की महिला क्रिकेट टीम ने 47 साल के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जीत लिया। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा के शानदार प्रदर्शन से भारत ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराया।

IND W vs SA W Final: भारत की ‘शेरनियां’ ने रचा इतिहास! हरमनप्रीत की कप्तानी में बेटियों ने जीता पहला वनडे वर्ल्ड कप
भारत की बेटियों ने दुनिया में लहराया तिरंगा।
  • भारत की ऐतिहासिक जीत
  • 47 साल का सपना हुआ पूरा

नई दिल्ली। भारत की महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में इतिहास रच दिया। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार आईसीसी महिला वनडे विश्व कप अपने नाम किया। यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के दिलों की धड़कन है जिसने पूरे देश को गौरवान्वित कर दिया।

यह भी पढ़ें: UPSC ने 10 नवंबर को बुलायी प्रोमोशन कमेटी की बैठक, DGP अनुराग गुप्ता की मौजूदगी पर फिर संशय!

दीप्ति शर्मा ने अर्धशतक के साथ लिए पांच विकेट

299 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीकी टीम ने शानदार शुरुआत की। पहले विकेट के लिए बिट्स और लौरा ने 51 रन की साझेदारी की, लेकिन अमनजोत के सटीक थ्रो ने बिट्स की पारी समाप्त कर दी। इसके बाद समय-समय पर विकेट गिरते रहे। हालांकि, कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने एक छोर संभालते हुए अर्धशतक जड़ा।

हरमनप्रीत कौर ने गेंदबाजी में प्रयोग करते हुए शेफाली को गेंद थमाई। उन्होंने कप्तान को निराश नहीं किया और पहले ही ओवर में सुने लुस (25) को आउट किया। इसके बाद अपने दूसरे ही ओवर में मारिजान काप (4) को विकेट के पीछे कैच आउट करवाया। एक तरफ विकेट गिरते रहे लेकिन दूसरे छोर पर खड़ी कप्तान ने कप्तानी पारी खेलते हुए 96 गेंद पर शतक पूरा किया, लेकिन दीप्ति शर्मा ने अमनजोत के हाथों कैच आउट कर उनकी 101 रन की पारी समाप्त की और भारत की जीत पक्की कर दी। दीप्ति ने मैच में पांच विकेट चटकाए।

शेफाली और दीप्ति का अर्धशतक

इससे पहले भारतीय टीम की ओर से शेफाली वर्मा ने रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में अपने करियर की सबसे यादगार पारी खेली और भारतीय टीम के पहली ट्राफी जीतने की उम्मीदों को पंख लगाए। शेफाली वर्मा के ताबड़तोड़ 87 रनों की बदौलत भारत ने साउथ अफ्रीका के विरुद्ध रविवार को फाइनल में सात विकेट पर 298 रन का स्कोर खड़ा किया।

शेफाली के अलावा ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा (54) ने भी अहम पारी खेली। सेमीफाइनल से ठीक पहले प्रतिक रावल के चोटिल होने पर शेफाली को भारतीय टीम में शामिल किया गया था। सेमीफाइनल में भले ही उनका बल्ला शांत रहा, लेकिन फाइनल में उन्होंने साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों की जमकर खबर ली। बारिश के कारण दो घंटे की देरी से शुरू हुए इस मुकाबले में शेफाली ने शुरुआती ओवरों से ही साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों पर दबाव बना दिया। उन्होंने स्मृति मंधाना (45 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 104 रन की साझेदारी कर मजबूत नींव रखी।

दोनों ने लगभग सात रन प्रति ओवर की रफ्तार से रन बटोरे। शेफाली ने तीन साल बाद अपना पहला वनडे अर्धशतक जमाया, जो उनके करियर का पांचवां अर्धशतक है। उनकी 78 गेंदों की शानदार पारी में सात चौके और दो छक्के शामिल थे। जब वे आउट हुईं, तब भारत की स्थिति बेहद मजबूत थी।हालांकि, दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाज आयाबोंगा खाका (3/58) और नोंकुलुलेको मलाबा (1/47) ने वापसी कर मिडल ओवर्स में भारतीय बल्लेबाजों को रोकने का काम किया। खाका ने पहले शेफाली और फिर जेमिमा रोड्रिग्स (24 रन) को आउट कर भारत को दो झटके दिए।

जेमिमा और हरमन हुई फेल
इसके बाद मलाबा ने कप्तान हरमनप्रीत कौर (20 रन) को उस वक्त पवेलियन भेजा जब वे दीप्ति शर्मा के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाने की कोशिश कर रही थीं। हालांकि, दीप्ति ने अपनी अनुभवी बल्लेबाजी से टीम को संभाला। उन्होंने 58 गेंदों में 58 रन बनाकर पारी को स्थिर किया और यह उनका इस टूर्नामेंट का तीसरा अर्धशतक था।दीप्ति ने रिचा घोष घोष (34) के साथ मिलकर भारत को 250 के पार पहुंचाया। ऋचा ने अपने छोटे लेकिन प्रभावशाली कैमियो में दो चौके और एक छक्का लगाया, हालांकि खाका ने उन्हें पारी के अंतिम ओवरों में चलता किया।

भारत ने पहली बार जीता महिला वनडे वर्ल्ड कप

1978 में पहली बार महिला विश्व कप में हिस्सा लेने के बाद से भारतीय टीम कई बार करीब पहुंची लेकिन ट्रॉफी हाथ से फिसल गई। 2005 और 2017 में फाइनल हारने के बाद आखिरकार हरमनप्रीत की अगुआई में भारत ने वह मुकाम हासिल किया जिसका इंतजार 47 साल से था।पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने सात विकेट पर 297 रन बनाये — जो महिला विश्व कप फाइनल इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 246 रन पर ऑलआउट हो गयी।

शेफाली और दीप्ति की धमाकेदार जोड़ी

शेफाली वर्मा ने फाइनल में अपने करियर की सबसे शानदार पारी खेलते हुए 87 रन बनाए। उन्होंने स्मृति मंधाना (45 रन) के साथ 104 रन की साझेदारी कर मजबूत नींव रखी।वहीं, ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने 54 रन बनाने के साथ 5 विकेट झटके और ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुनी गईं। शेफाली वर्मा को उनके तूफानी प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ घोषित किया गया।

 मुकाबले का रोमांच

बारिश के कारण दो घंटे की देरी से शुरू हुए मैच में भारत ने शानदार बल्लेबाजी की। शेफाली की आक्रामक पारी के बाद मिडल ऑर्डर में दीप्ति और ऋचा घोष (34 रन) ने अहम योगदान दिया। साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने 101 रनों की कप्तानी पारी खेली, लेकिन दीप्ति के जादू के आगे टिक नहीं पाईं। भारत की गेंदबाजी और फील्डिंग दोनों ही लाजवाब रहीं।

पीएम मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा – “भारतीय बेटियों ने विश्व मंच पर इतिहास रचा है। यह जीत अद्भुत कौशल, आत्मविश्वास और टीम वर्क की मिसाल है। हमारी महिला क्रिकेट टीम को ढेरों बधाई। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।”

अवॉर्ड्स और रिकॉर्ड्स

प्लेयर ऑफ द मैच: शेफाली वर्मा (87 रन, 2 विकेट)

प्लेयर ऑफ द सीरीज: दीप्ति शर्मा (54 रन, 5 विकेट)

विजेता टीम: भारत ????????

उपविजेता: दक्षिण अफ्रीका

जीत का अंतर: 52 रन

इनामी राशि:

भारत – ₹40 करोड़

दक्षिण अफ्रीका – ₹19.77 करोड़

सेमीफाइनल टीमें – ₹9.89 करोड़ (प्रत्येक)

भारत के क्रिकेट इतिहास का स्वर्ण अध्याय

यह जीत 1983 (कपिल देव) और 2011 (महेंद्र सिंह धोनी) की पुरुष टीम की विश्व कप जीत की याद दिलाती है। अब हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने भी उस गौरवशाली सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया है।यह सिर्फ ट्रॉफी नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है — “हर मन में अब भारत की बेटियां बस गई हैं।”

 निष्कर्ष
यह जीत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। भारत की महिला टीम ने दिखा दिया कि जज़्बा और मेहनत से हर मंज़िल पाई जा सकती है। अब हरमनप्रीत की टीम भारत के हर कोने में उम्मीद, गर्व और शक्ति की पहचान बन गयी है।