कोविड-19 की उत्पत्ति पर ग्लोबल स्टडी को इंडिया का समर्थन, अमेरिका खुश, चीन नाराज
वैश्विक महमारी कोरोना वायरस संक्रण वुहान लैब से पनपा कोरोना या जानवरों से फैला इसकी जानकारी के लिए कोविड की उत्पत्ति की जांच को लेकर शुरू हुईं कवायदों का इंडिया ने समर्थन किया है।
नई दिल्ली। वैश्विक महमारी कोरोना वायरस संक्रण वुहान लैब से पनपा कोरोना या जानवरों से फैला इसकी जानकारी के लिए कोविड की उत्पत्ति की जांच को लेकर शुरू हुईं कवायदों का इंडिया ने समर्थन किया है।
इंडिया ने शुक्रवार को कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर आगे की जांच के आह्वान का समर्थन किया है। इस तरह के अध्ययन के लिए चीन और अन्य पक्षों के सहयोग की मांग की। एक दिन पहले अमेरिकी प्रसिडेंट जो बाइडेन ने खुफिया एजेंसियों को इस मुद्दे पर 90 दिन के भीतर एक जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इंडिया ने कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर WHO की अगुवाई में शुरू वैश्विक अध्ययन को पहला महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि इसके बारे में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने एवं आगे आंकड़ा जुटाने के लिये अगले चरण के अध्ययन की जरूरत है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में वैश्विक अध्ययन पहला महत्वपूर्ण कदम है। इस बारे में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने एवं आगे और आंकड़े जुटाने के लिये अगले चरण के अध्ययन की जरूरत को रेखांकित करता है। उन्होंने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई और आगे अध्ययन में सभी के सहयोग एवं समझ की जरूरत है ।
अमेरिकी कोशिश से चीन गरम
अमेरिकी प्रसिडेंट जो बाइडन ने बुधवार को खुफिया एजेंसियों से कहा कि वह कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच को लेकर प्रयास और तेज करें। बाइडन ने एजेंसियों को कहा है कि 90 दिन के भीतर वायरस की उत्पत्ति स्थल का पता करके रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा कि कोरोना किसी संक्रमित पशु से संपर्क में आने से इंसानों में फैला या इसे किसी प्रयोगशाला में बनाया गया, इस सवाल पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए अभी पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। उन्होंने चीन से अपील की कि वह अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग करे। उन्होंने अमेरिकी प्रयोगशालाओं को भी जांच में सहयोग करने को कहा। अमेरिका के इस कवायद पर चीन नाराज हो गया है। चीन ने गुरुवार को अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन पर कोरोना वायरस के उद्गम की दोबारा जांच कराने की मांग कर अपनी जिम्मेदारी से बचने और राजनीति करने का आरोप लगाया। इस वायरस का सबसे पहले पता चीन में वर्ष 2019 के आखिर में लगा था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने डेली प्रेस कांफ्रेस में कहा कि प्रसिडेंट जो बाइडन का आदेश दिखाता है कि अमेरिका तथ्यों और सच्चाई की परवाह नहीं करता और न ही उसकी रुचि वैज्ञानिक तरीके से वायरस के उद्गम का पता लगाने में है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल मार्च में डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर चीनी साइंटिस्ट के साथ संयुक्त रूप से लिखी गई एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया था कि इसके किसी प्रयोगशाला में शुरू होने की संभावना बेहद कम है। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों द्वारा चीन में महामारी के केंद्र वुहान सहित अन्य स्थानों पर अभियान के संचालल के तौर तरीकों तथा बीजिंग से पर्याप्त सहयोग की कमी को लेकर अमेरिका और कुछ अन्य देशों ने चिंता जताई है।बताया जाता है कि डब्ल्यूएचओ के डीजी टेड्रोस अदहानोम गेब्रिएसस ने भी इसपर सहमति व्यक्त की है कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर आगे और अध्ययन की आवश्यकता है। ग्लोबल स्टडी अमेरिका के लिए जहां खुशी तो चीन के लिए दुख की बात है। क्योंकि अमेरिका भी चाहता है कि कोरोना का सच सामने आए।