झारखंड: तीनों कांग्रेस MLA को देना होगा अपने व परिवार की संपत्ति का ब्यौरा, ED ने लेन-देन का भी हिसाब मांगा
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार को गिराने की साजिश मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच में तेजी आ गयी है। तीनों कांग्रेस MLA अपने व परिवार की संपत्ति का ब्यौरा देना होगा। ED ने लेन-देन का भी हिसाब मांगा है।
रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार को गिराने की साजिश मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच में तेजी आ गयी है। तीनों कांग्रेस MLA अपने व परिवार की संपत्ति का ब्यौरा देना होगा। ED ने लेन-देन का भी हिसाब मांगा है।
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मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने मामले में संदिग्ध जामताड़ा से कांग्रेस MLA डा. इरफान अंसारी, खिजरी के MLA राजेश कच्छप व कोलेबिरा MLA नमन विक्सल कोंगाड़ी को पूछताछ के लिए समन किया है। ईडी ने उनसे यह भी पूछा है कि एमएलए बनने के बाद उन्होंने अपने व परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर कितनी चल व अचल संपत्ति अर्जित की, उसका ब्यौरा पूछताछ में शामिल होने से पहले दें।
तीन एमएलए ने ईडी के जबाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। उनसे बैंकिंग लेन-देन का ब्यौरा भी मांगा गया है, जिसका ईडी अध्ययन करेगी। उसके अनुसार आगे की कार्रवाई करेगी। ईडी ने इस मामले में तीनों एमएलए के विरुद्ध रांची के अरगोड़ा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराने वाले कांग्रेस के ही बेरमो के MLA कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह का बयान ले चुकी है। डा. इरफान अंसारी को ईडी ने 13 जनवरी को बुलाया Le। डा. इरफान अंसारी ने ईडी को स्वास्थ्य कारणों से दो हफ्ते का समय मांगा है, हालांकि, उनके आवेदन पर ईडी ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। 16 जनवरी को राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगारी को 17 जनवरी को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी इन तीनों एमएलए से पूछताछ में यह जानने की कोशिश करेगी कि झारखंड में महागठबंधन की सरकार गिराने के लिए किसने क्या पहल की थी और इस आरोप में कितनी सच्चाई है।
कोलकाता पुलिस ने 49 लाख रूपये के साथ तीनों एमएलए को किया था अरेस्ट
कांग्रेस के जामताड़ा MLA डा. इरफान अंसारी, खिजरी MLA राजेश कच्छप और कोलेबिरा MLA नमन विक्सल कोंगाड़ी को पश्चिम बंगाल की हावड़ा पुलिस ने 2022 की 30 जुलाई को 49 लाख रुपये कैश के साथ पकड़ा था। हावड़ा जिला के पांचला में एनएच 16 पर हावड़ा रूरल पुलिस ने झारखंड के तीन एमएलए सहित पांच लोगों को 49 लाख रुपये कैश के साथ अरेस्ट किया था। रानीहाटी मोड़ पर 30 जुलाई की शाम पुलिस चेकिंग में 49 लाख रुपये कैश एमएलए की फारचुनर गाड़ी से मिली थी। गाड़ी में तीनों एमएलए के साथ ड्राइवर व एक नेता भी शामिल था। हावड़ा में तीनों एमएलए के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120बी, 171ई व 34 के साथ-साथ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 8 व 9 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
कोलकाता सीआईडी ने की थी जांच
पश्चिम बंगाल सरकार ने मामले की जांच सीआइडी को सौंप दी गयी।हावड़ा जिला कोर्ट ने तीनों एमएलए को 10 दिनों की सीआईडी हिरासत में भेजा था। सीजेएम कोर्ट ने सभी आरोपियों को चार दिन अर्थात् 14 अगस्त तक सीआईडी कस्टडी में भेज दिया था। 14 अगस्त को पूछताछ पूरी होने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआइडी ने तीनों को जेल भेज दिया था। झारखंड के तीन कांग्रेस एमएलए राजेश कच्छप, नमन बिक्सल कोंगारी और इरफान अंसारी,गाड़ी ड्राइवर चंदन कुमार और कांग्रेस लीडर कुमार प्रतीक को भी अरेस्ट किया गया था। झारखंड कांग्रेस ने तीनों एमएलए को पार्टी सस्पेंड कर दिया है। तीनों एमएलए के खिलाफ बेरमो एमएलए कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने 31 जुलाई को पुलिस में सरकार गिराने, नयी सरकार में मिनिस्टर बनाने व 10 करोड़ रुपये प्रलोभन देने का आरोप लगाया था। अनूप को फोन कर असम सीएम से मिलाने की बात कही गयी थी। तीनों एमएलए को 17 अगस्त को हाई कोर्ट से बेल मिली थी।
एमएलए बोले साड़ी खरीदने गये थे कोलकाता
हावड़ा में पकड़े जाने के बाद एमएलए ने बताया था कि उनका पैसा वैध था और वे अपने क्षेत्र की महिला मतदाताओं के लिए साड़ी खरीदने के लिए वहां गये थे। उनका दावा था कि सभी रुपये उसी मद के थे, जिसे बंगाल पुलिस ने पकड़ा था। तीनों ही एमएलए ने अनूप सिंह के दावे को एक सिरे से खारिज किया था।
ईडी ने 24 दिसंबर को एमएलए अनूप सिंह से की थी पूछताछ ईडी
हेमंत सरकार गिराने की साजिश मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच के दौरान ईडी ने 24 दिसंबर को बेरमो के कांग्रेस एमएलए अनूप सिंह ने पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद अनूप सिंह ने बताया था कि उन्हें ईडी ने हार्स ट्रेडिंग में मनी लांड्रिंग के तहत जांच के सिलसिले में सहयोग के लिए बुलाया था। उन्होंने कोलकाता सीआइडी के सामने जो बयान दिया था, उसी बयान को ईडी के सामने भी दुहराया है।उन्होंने कहा था कि इस जांच के सिलसिले में जो भी सहयोग उनसे मांगा जायेगा और आगे जब भी बुलाया जायेगा, तब वे आने को तैयार हैं। ईडी ने उनसे एमएलए की खरीद-फरोख्त से संबंधित लगाये गये आरोपों के समर्थन में साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा था।