Jharkhand: सीजीएल एग्जाम में हुई गड़बड़ियों की जांच करेगी सीआइडी
झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के माध्यम से संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) एग्जाम में हुई गड़बड़ियों की जांच सीआइडी करेगी। जानकार सोर्सेज का कहना कि सीएम का आदेश मिलने के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सीआइडी को पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया है।
रांची। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के माध्यम से संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) एग्जाम में हुई गड़बड़ियों की जांच सीआइडी करेगी। जानकार सोर्सेज का कहना कि सीएम का आदेश मिलने के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सीआइडी को पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया है।
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JSSC-CGL परीक्षा में धांधली की साजिश के पीछे मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM का हाथ साफ नजर आता है। पहले हेमंत सोरेन द्वारा सीआईडी जांच का झूठा आश्वासन दिया गया, फिर JSSC ने खुद को क्लीन चिट दे दी। अब छात्र आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी के सख्त आदेश जारी कर सरकार ने युवाओं की आवाज दबाने… pic.twitter.com/wedl7KPqjb
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 15, 2024
2025 पदों के लिए विगत 21 व 22 सितंबर को एग्जाम हुई थी। इसमें 3.04 लाख कैंडिडेट्स ने स्टेट के 823 सेंटरों पर एग्जाम दी थी। इसका रिजल्ट भी प्रकाशित हो चुका है। सीजीएल एग्जाम के दौरान पेपर लीक सहित अन्य गड़बड़ियों को लेकर छात्र आंदोलनरत हैं। धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं। दूसरी ओर जेएसएससी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके बाद भी छात्रों का विरोध-प्रदर्शन नहीं रुका है।
JSSC पर लगाया जांच को प्रभावित करने का आरोप
सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा में अपने को क्लीन चिट देते हुए प्रेस कांफ्रेंस की है। बीजेपी का कहना है कि पीसी से जांच प्रभावित हो सकती है। इस मामले में CBI जांच होनी चाहिए। BJP प्रवक्ता ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया है कि जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा में अपने को क्लीन चिट देते हुए, जो प्रेस कांफ्रेंस की है उससे इसकी जांच प्रभावित हो सकती है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही सीजीएल परीक्षा की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं। जेएसएससी का प्रेस कान्फ्रेंस सीधे तौर पर मुख्यमंत्री द्वारा सीआइडी जांच के आदेश को प्रभावित करने का मामला प्रतीत होता है।
प्रतुल ने कहा यह हड़बड़ी पूरे मसले को और भी संदिग्ध बना देती है। ये सारे तथ्य जेएसएससी सीआइडी जांच के क्रम में संबंधित अधिकार को बताती तो बेहतर होता। प्रेस कान्फ्रेंस करके आयोग ने सीधे तौर पर पब्लिक ओपिनियन बनाने और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की है।प्रतुल ने कहा कि अब मुख्यमंत्री को पहल करते हुए सीबीआई जांच की अनुशंसा करनी चाहिए। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जेएसएससी के अधिकारियों को ईमेल से जो धमकियां मिली है, बहुत ही गंभीर मामला प्रतीत होता है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर जिन अधिकारियों को धमकी दी गई है उनको सरकार सुरक्षा भी मुहैया कराए।