झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को सफल बनाने को पब्लिक से मांगी मदद

सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड की जनता से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को सफल बनाने में मदद मांगी है। सीएम ने गुरुवार से कुछ रियायतों के साथ एक सप्ताह के लिये शुरू किये गये इस राज्यव्यापी अभियान के माध्यम कोरोना की चेन ब्रेक करने में सभी लोगों से गंभीरता दिखाने को कहा है।

झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को सफल बनाने को पब्लिक से मांगी मदद
  • सीएम बोले- कोरोना की चेन ब्रेक करने के लिए मिलकर आयें सामने
  • हॉस्पीटल संचालकों से मांगा बेहतर कोरोना मैनेजमेंट प्लान

रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड की जनता से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को सफल बनाने में मदद मांगी है। सीएम ने गुरुवार से कुछ रियायतों के साथ एक सप्ताह के लिये शुरू किये गये इस राज्यव्यापी अभियान के माध्यम कोरोना की चेन ब्रेक करने में सभी लोगों से गंभीरता दिखाने को कहा है।

सीएम गुरुवार को अपने आवासीय कार्यालय में गुरुवार को राज्य के मेडिकल कॉलेजों के डायरेक्टर, सुपरिटेंडेंट और प्राइवेट हॉस्पीटल के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचार विमर्श किया गया। बैठक में सीएस सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य विभाग) अरूण कुमार सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।

बैठक के बाद सीएम जनता के नाम संदेश भी जारी कर कहा कि 29 अप्रैल तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। सबों को मिलकर इसका पालन करना होगा। सबके सहयोग से ही इसे सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है।राज्यवासी और झारखंडवासी सुरक्षित रहें, इसके लिये यह पहल है. कुछ को दिक्कत भी इसके चलते होगी जिसके लिये वे क्षमा मांगते हैं पर कोरोना की चेन को तोड़ने को यह आवश्यक है।

चुनौतियों का सामना मिलकर करेंगे
सीएम ने भरोसा जताते हुए कहा, झारखंड के लोग अपने आप में इतनी क्षमता रखते हैं कि वे बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। उम्मीद है कि वे इस चुनौती को भी पूरा करेंगे। इससे निश्चित तौर पर चेन को तोड़ने में लाभ मिलेगा।गति में कमी आय़ेगी।घर से बेवजह नहीं निकलें। घर के अंदर भी सुरक्षित रहने का प्रयास हो। कुछ समय के लिये परिवार के बीच भी एक दायरा बनाकर रहें।इस सुरक्षा सप्ताह में सबों से भरपूर सहयोग की उम्मीद है।

रिटेलर्स, डिस्ट्रीब्यूटर पर नजर रखें
हॉस्पीटल संचालकों के साथ बातचीत में सीएम ने कहा कि वास्तविक स्थिति सबको मालूम है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, एक्सपर्ट यह बतायें कि आये दिन नयी चीजें, समस्याएं उभरकर सामने आ रही हैं। इसे कैसे डाउन किया जाये।स्टेट में कोरोना मैनेजमेंट की ओर बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार सुविधाओं को बढ़ाने में लगी है। जो स्थिति है, उसमें अफरातफरी का माहौल ज्यादा दिख रहा। कई लोग घरों में रहते भी ठीक हो सकते हैं। सभी को हॉस्पीटल तक आने या आक्सीजन बेड की जरूरत नहीं हैं।पर दो-तीन दिन होते ही सभी आइसीयू, वेंटिलेटर, आक्सीजन बेड तलाशने लगते हैं। अभी डबल बेड भी कर दें तब भी सबों को यह मिल पाना संभव नहीं। वर्तमान समय में मैनेजमेंट प्रॉपर तरीके से करना होगा।
उन्होंने कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर भगदड़ है जबकि सबों को इसकी जरूरत ही नहीं. इसका विकल्प देखना होगा। यह देखा जाये कि बाजार में साधारण मेडिसिन की भी उपलब्धता सुनिश्चित रहे. रिटेलर्स, डिस्ट्रिब्यूटर वगैरह पर भी नजर रहे।अभी ऑक्सीमीटर भी बाजार में नहीं, जो चिंता की बात है। लोगों को बताने की जरूरत है कि साधारण फ्लू दो-चार दिन तक चलता है। पर लोगों के अंदर जो भाव है कि हॉस्पीटल में ही एडमिट हो जायें, वह ठीक नहीं।
हॉस्पीटल ने उपलब्ध सुविधाओं के साथ आवश्यकताएं बताई
स्टेट के मेडिकल कॉलेजों के निदेशक / सुपरिटेंडेंट और प्राइवेट के प्रतिनिधियों ने कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर उनके द्वारा की गई व्यवस्थाओं की जानकारी से सीएम को अवगत कराया।इसके अलावा उन्होंने अपनी समस्याओं और परेशानियों को बताने के साथ कई अहम सुझाव भी दिए।
मीटिंग में आये सुझाव 
मीटिंग में कहा गया कि संक्रमितों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया जाए, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में एक व्यक्ति के संक्रमित होने से उसके घरवाले भी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। इस वजह से संक्रमण का खतरा काफी बढ़ता जा रहा है। ऐसे संक्रमितों को आइसोलेशन सेंटर में रखने से संक्रमण के फैलाव को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
प्राइवेट हॉस्पीटल ने सरकार से क्रिटिकल केयर बेड बढ़ाने की दिशा में सरकार से सहयोग मांगा, ताकि पेसेंट को बेड और बेहतर इलाज की सुविधा मिल सके।
हॉस्पीटल में ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार तेजी से कदम उठाए, क्योंकि अभी के हालात में गंभीर पेसेंट की संख्या के हिसाब से यह पर्याप्त नहीं है। इसकी कमी को दूर किया जाए।
रांची समेत अन्य शहरों के बड़े हॉस्पीटल में पेसेंट की संख्या उनके क्षमता के हिसाब से काफी ज्यादा है। इस वजह से बेड की समस्या पैदा हो गई है। ऐसे में छोटे-छोटे अस्पतालों को पूरी तरह कोविड हॉस्पीटल बनाने अथवा इन हॉस्पीटल में मेडिकल संसाधन उपलब्ध कराकर इंपावर बनाए जाए, ताकि वहां भी मरीजों का बेहतर इलाज हो सके।
कोरोना के बढ़ते मामले की वजह से हॉस्पीटल में ऑक्सीजन की मांग काफी बढ़ गई है, लेकिन वैसे अस्पताल जो सिलेंडर के जरिए आक्सीजन पेसेंट को उपलब्ध कराते है, वहां सिलिंडर की काफी किल्लत है। ऐसे मे ऑक्सीजन की नियमित सप्लाई बनाये रखने के लिए सिलेंडर की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
कई हॉस्पीटल ने मानव बल बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आज कई डॉक्टर, नर्स और अन्य पारा मेडिकल स्टाफ भी तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। वहीं प्राइवेट हॉस्पीटल में कई मेडिकल स्टाफ नौकरी छोड़ दे रहे हैं।इस वजह से संक्रमितों के इलाज में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि अभी की परिस्थिति में स्वास्थ्य को अनिवार्य सेवा घोषित कर एडवाइजरी जारी करे, ताकि कोई भी स्वास्थ्यकर्मी नौकरी नहीं छोड़े। इसके अलावा अतिरिक्त डॉक्टर्सऔर नर्सों की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए।

अंजुमन इस्लामिया हॉस्पीटल, रांची के प्रतिनिधि ने कहा कि बेड नहीं मिलने की वजह से पेसेंट व उसके परिजन हॉस्पीटलल में हंगामा करने लगते हैं।ऐसे में पर्याप्त सुरक्षा मुहैय्या कराया जाए। उन्होंने हज हाउस को कोविड केयर सेंटर बनाने का भी सुझाव दिया।
झारखंड में बढ़ाये गये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड
झारखंड में कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हॉस्पीटल में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या बढ़ा दी गयी है। कोविड पेसेंट की चिकित्सा और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही है। हाल के कुछ दिनों में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की काफी जरूरत महसूस की जा रही थी। सीएम ने खुद इस मामले की समीक्षा कर रहे थे।उन्होंने यथाशीघ्र बेड के इंतजाम करने का निर्देश दिया था।
सीएम के निर्देश के बाद राज्य के सभी जिलों में कम से कम 50 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई है।सिर्फ 15 दिनों में ही राज्य में 1824 नये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई है। स्टेट में कुछ दिनों पहले तक 7201 जेनरल बेड थे।अभी इनकी संख्या 12,012 हो गई है।इसी तरह ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या 1459 थी जो अब बढ़कर 5947 हो गई है। आईसीयू बेड (एनआइवी + नार्मल) की संख्या पहले 481 थी अब इनकी संख्या बढ़ाकर 3272 की गई है। वेंटिलेटर की संख्या को 502 से बढ़ाकर 634 किया गया है। स्टेट गवर्नमेंट के निर्देश के पर उन सभी जिलों में ज्यादा संख्या में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई है जहां से ज्यादा पेसेंट आ रहे हैं।रांची में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या 486 से बढ़ाकर 1362 कर दी गई है। आईसीयू बेड की संख्या 211 से बढ़ाकर 395 की गई है। वही वेंटिलेटर की संख्या 120 थी अब इनकी संख्या 169 की गई है। पूर्वी सिंहभूम में कोविड के पेसेंट की संख्या के मद्देनजर 263 नये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई है। बोकारो में 174, हजारीबाग में 90 और सिमडेगा में 200 नये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड लगाये गये हैं। 24 अप्रैल तक बेड की संख्या और भी बढ़ा दी जायेगी