झारखंड: CM हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग को भेजा जवाब, कहा- नहीं पढ़ पाये नोटिस, एक महीने का समय चाहिए
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने माइनिंग लीज पट्टा मामले में भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा भेजी गई नोटिस का जवाब देने के लिए समय की मांग की है। भारतीय निर्वाचन आयोग को सोमवार को भेजे गये जवाब में उन्होंने अपनी मां की गंभीर बीमारी का हवाला उल्लेख करते हुए कहा है कि वे लगातार इलाज के सिलसिले में हैदराबाद में थे। इस वजह से भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा भेजी गई नोटिस का अध्ययन नहीं कर पाये हैं।
- मां की गंभीर बीमारी के इलाज में व्यस्तता का हवाला
- नोटिस का अध्ययन करने के लिए एक माह का समय मांगा
रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने माइनिंग लीज पट्टा मामले में भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा भेजी गई नोटिस का जवाब देने के लिए समय की मांग की है। भारतीय निर्वाचन आयोग को सोमवार को भेजे गये जवाब में उन्होंने अपनी मां की गंभीर बीमारी का हवाला उल्लेख करते हुए कहा है कि वे लगातार इलाज के सिलसिले में हैदराबाद में थे। इस वजह से भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा भेजी गई नोटिस का अध्ययन नहीं कर पाये हैं।
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पारिवारिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने के कारण उनको अध्ययन के लिए वक्त नहीं मिल पाया है। इसके लिए उन्हें समय चाहिए।उन्होंने एक माह का समय भारतीय निर्वाचन आयोग से मांगा है ताकि वे नोटिस का अध्ययन कर कानूनी विशेषज्ञों से मंतव्य लें सकें। निर्वाचन आयोग को विशेष प्रतिनिधि के जरिए जवाब भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने विशेष प्रतिनिधि भेजकर माइनिंग लीज पट्टा मामले में सीएम हेमंत सोरेन का पक्ष मांगा था। इसके लिए 10 मई की समय सीमा तय की गई थी। इससे पूर्व ही अतिरिक्त समय का आग्रह के साथ सीएम की ओर से निर्वाचन आयोग को जवाब प्रेषित कर दिया गया।
गवर्नर रमेश बैस ने बीजेपी डेलीगेशन द्वारा सीएम के खिलाफ गलत तरीके से स्टोन माइंस लीज लेने संबंधी शिकायत के आधार पर भारतीय निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था। इसी परिप्रेक्ष्य में आयोग ने नोटिस जारी कर सीएम का पक्ष मांगा। बीजेपी डेलीगेशन ने तर्क दिया था कि सीएम माइनिंग लीज लेकर जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन किया। उन्हें निर्वाचन आयोग अयोग्य करार दे। सीएम की तरफ से समय मांगे जाने के बाद अब इस पूरे मामले में भारतीय निर्वाचन आयोग पर निगाहें टिक गई है।
निर्वाचन आयोग का रोल होगा अहम
नोटिस का जवाब देने के लिए समय मांगने के बाद निर्वाचन आयोग का इस मामले में रुख अहम होगा। आयोग की नोटिस में इसका उल्लेख है कि 10 मई तक जवाब नहीं देने की स्थिति में वह अपने स्तर से निर्णय किया। अब समय मांगे जाने की स्थिति में आयोग विधि सलाहकारों से मंत्रणा कर निर्णय कर सकता है।
सीएम की मां हैं बीमार, हैदराबाद में इलाजरत
सीएम हेमंत सोरेन की मां रूपी सोरेन गंभीर रूप से बीमार हैं। पहले उनका रांची स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराया गया। यहां स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टर्स की सलाह पर उन्हें हैदराबाद ले जाया गया। वहां उनका इलाज चल रहा है। सीएम लगातार उनकी निगरानी और देखरेख में लगे हैं।
झारखंड हाई कोर्ट में दे चुके हैं जबाव
झारखंड हाई कोर्ट ने इलिगल माइनिंग लीज को लेकर याचिका की सुनवाई के दौरान से जवाब मांगा था। हाई कोर्ट को सौंपे गये जवाब में बताया गया है कि रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन का माइनिंग लीज 17 मई 2008 को दस साल के लिए मिला था। वर्ष 2018 में लीज नवीकरण के लिए उन्होंने आवेदन दिया था, लेकिन आवेदन अस्वीकार कर दिया गया था। डीसी ने वर्ष 2021 में नये सिरे से माइनिंग लीज के लिए आवेदन आमंत्रित किया। उन्होंने आवेदन दिया। इसके बाद उन्हें माइनिंग लीज आवंटित किया गया। इस दौरान उन्होंने नियमों के अनुसार सभी प्रक्रिया पूरी की। चार फरवरी तक उन्हें खनन करने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने बिना किसी खोदाई के ही लीज को सरेंडर कर दिया। इस आधार पर विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य किये जाने का कोई आधार नहीं बनता है।