झारखंड: IASअफसर पूजा सिंघल मामले में रवि केजरीवाल व अभिषेक झा से पूछताछ में ED को मिली अहम जानकारी
भ्रष्टाचार व ब्लैक मनी के गंभीर आरोपों में घिरी झारखंड की IASअफसर पूजा सिंघल मामले में ईडी ने लगाजार नयी- नयी जानकारियां मिल रही है। ईडी ने रविवार को सीएम हेमंत के करीबी रहे जेएमएम के एक्स कैशियर रवि केजरीवाल व पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा से घंटो पूछताछ की। दोनों से ED को कई अहम जानकारी मिली है।
- सफेदपोशों तक पहुंच सकती है जांच की आंच
रांची। भ्रष्टाचार व ब्लैक मनी के गंभीर आरोपों में घिरी झारखंड की IASअफसर पूजा सिंघल मामले में ईडी ने लगाजार नयी- नयी जानकारियां मिल रही है। ईडी ने रविवार को सीएम हेमंत के करीबी रहे जेएमएम के एक्स कैशियर रवि केजरीवाल व पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा से घंटो पूछताछ की। दोनों से ED को कई अहम जानकारी मिली है।
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रवि केजरीवाल और अभिषेक झा ने ईडी की पूछताछ में जो खुलासे किये हैं उससे जांच की आंच सफेदपोशों तक जा पहुंची है। ईडी सोर्सेज के अनुसार जेएमएम के एक्स कैशियर रवि केजरीवाल ने पूछताछ में पार्टी का पूरा खजाना और डिटेल का ब्योरा उपलब्ध कराया है।उसने जेएमएम को मिलने वाले चंदे के बारे में भी बताया है। चर्चा है कि रवि केजरीवाल ने जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन फैमिली के बिजनस, माइंस लीज, जमीन, मकान के अलावा सभी चल-अचल संपत्ति की जानकारी ईडी को दी है। रवि ने सीएम हेमंत सोरेन के करीबी अमित अग्रवाल की पोल भी खोली है। रवि से ईडी आगे भी पूछताछ करेगी।
जेएमएम से निष्कासित पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल रविवार की दोपहर लगभग डेढ़ बजे ईडी ऑफिस पहुंचे। ईडी की टीम ने उनसे देर शाम 5.30 बजे तक पूछताछ की। रवि केजरीवाल कभी झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के करीबी हुआ करते थे।और पार्टी का पूरा कोष संभालते थे। सूचना है कि ईडी के अफसरों ने केजरीवाल झामुमो में आने वाले चंदे के एक-एक पाई का हिसाब लिया है। ईडी यह भी जानकारी लिया कि जेएमएम सुप्रीमो की फैमिली का क्या-क्या बिजनस है? जैसे माइंस लीज, जमीन, मकान के अलावा चल व अचल संपत्ति कितनी है? झारखंड मुक्ति मोर्चा में कैशियर का पोस्ट उसने कब से कब तक संभाला।
रवि ने ही अमित अग्रवाल से करायी हेमंत सोरेन की पहचान
रवि केजरीवाल ने अपने कार्यकाल में अमित अग्रवाल से हेमंत सोरेन की पहचान कराई। यह वही अमित अग्रवाल है, जिसका कंस्ट्रक्शन व वनस्पति घी का बिजनस है। अमित के ठिकाने पर सितंबर 2020 में इनकम टैक्स ने रेड भी की थी। अमित अग्रवाल के कोलकाता, रांची व जामताड़ा के 11 ठिकानों पर रेड हुई थी। आईटी ने अमित अग्रवाल के कोलकाता ऑफिस के अलावा रांची में उनके करीबियों के कुसुम बिहार और पंडरा में वनस्पति घी के ठिकाने पर भी रेड की थी। उस समय यह जानकारी मिली थी कि झारखंड के किसी नेता के भी पैसे का भी जमीन में निवेश हुआ है। हालांकि मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
रवि केजरीवाल के खिलाफ अक्टूबर 2021 में दर्ज हुई थी FIR
अक्टूबर 2021 में घाटशिला से JMM एमएलए रामदास सोरेन ने रांची के धुर्वा पुलिस स्टेशन में रवि केजरीवाल व अशोक अग्रवाल के खिलाफ नेम्ड FIR दर्ज कराई थी। उन्होंने कंपलेन किया था कि जेएमएम के निष्कासित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल ने हेमंत सोरेन की सरकार गिराने के लिए प्रलोभन दिया था। पैसा व मंत्री पद का लालच देकर सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने के लिए कह रहे थे।केजरीवाल कहा था कि झामुमो के कई एमएलए उनके साथ हैं।रवि केजरीवाल कभी शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन का काफी करीबी था। कई शिकायतें मिलने के बाद केजरीवाल को कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव-2019 से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा में सेंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाये थे। यह केस रांची पुलिस के इन्विस्टीगेशन अभी पेंडिंग है।
हेमंत सोरेन का बेहद करीबी था रवि केजरीवाल, संभालता था सारा खजाना
रवि केजरीवाल कभी सीएम हेमंत सोरेन का करीबी हुआ करता था। इसकी वजह उसके फैमिली का झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व से गहरा जुड़ाव था। केजरीवाल कका फैमिली छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला है। बाद में इस विरासत को रवि केजरीवाल ने संभाला। लगभग 11-12 वर्ष तक वह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के विश्वस्त लोगों में शुमार था। उसके जिम्मे पार्टी के लिए फंड जुटाने से लेकर तमाम वित्तीय व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी थी। लेकिन दिसंबर, 2019 में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के कुछ माह बाद रवि केजरीवाल की दूरी झामुमो से बढ़ने लगी। उसे संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
विधानसभा चुनाव के पहले जेएमएम में तोड़फोड़ की कोशिशों में था केजरीवाल
बताया जाता है कि रवि केजरीवाल विधानसभा चुनाव के पूर्व झामुमो में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की कोशिशों में जुटा था। जब शीर्ष नेतृत्व को इसकी भनक लगी तो तत्काल कार्रवाई की गई। झारखंड मुक्ति मोर्चा से बाहर निकाले जाने के बाद भी रवि केजरीवाल का नाम सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों में कई बार उठा। घाटशिला के झामुमो विधायक रामदास सोरेन ने इस संबंध में एफआइआर भी दर्ज कराई, जिसमें केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। केजरीवाल के बारे में दावा किया गया कि वह झामुमो और कांग्रेस के एमएलए से संपर्क कर उन्हें प्रलोभन दे रहा है।
केजरीवाल सफल हो जाता तो जेएमएम को लगता तगड़ा झटका
रवि केजरीवाल 2019 में विधानसभा चुनाव के पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की कोशिशों में लगा था। उसने अपने स्तर से कई नेताओं से संपर्क साधा और संगठन छोड़कर साथ देने की अपील की। इसके बदले चुनाव में हर तरह से मदद का भी प्रलोभन दिया। बताते हैं कि कई नेता उसके झांसे में आ गये थे, लेकिन चुनाव की अंदरूनी हवा झामुमो गठबंधन के पक्ष में देखते हुए केजरीवाल को कामयाबी नहीं मिली। चुनाव परिणाम के बाद झामुमो के शीर्ष नेतृत्व ने शिकायतों की पड़ताल की तो उसके कान खड़े हुए। तत्काल उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।