झारखंड: एक्स डीजीपी डीके पांडेय की परेशानी बढ़ी, एसी ने डीसी को सौंपी रिपोर्ट, कैंसिल हो सकती है जमीन की जमाबंदी
र मजरुआ जमीन पर घर बनाने के मामले में एक्स डीजीपी डीके पांडेय की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पांडेयका गैर मजरुआ जमीन पर उनका आलीशान आशियाना बना है उस जमीन की जमाबंदी रद की जा सकती है। एसी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट रांची के डीसी को सौंप दी है। अब इसके आधार पर कार्रवाई होनी है।
रांची। गैर मजरुआ जमीन पर घर बनाने के मामले में एक्स डीजीपी डीके पांडेय की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पांडेयका गैर मजरुआ जमीन पर उनका आलीशान आशियाना बना है उस जमीन की जमाबंदी रद की जा सकती है। एसी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट रांची के डीसी को सौंप दी है। अब इसके आधार पर कार्रवाई होनी है।
रांची जिला के कांके अंचल में डीजीपी डीके पांडेय ने अपनी वाइफ पूनम पांडेय के नाम पर जमीन ली थी। सरकारी रिकॉर्ड में यह जमीन लैंड बैंक के रूप में भी दर्ज है। जमीन का नेचर गैर मजरुआ है।चामा मौजा के खाता 87 में पूनम पांडेय सहित 29 लोगों ने गलत तरीके से जमीन ली थी। सीओ और डीसीएलआर ने जमाबंदी रद करने की प्रक्रिया के सुनवाई पूरी कर एसी के पास भेज दिया। इसके बाद संबंधित रिपोर्ट एसी की ओर से डीसी को दे दिया गया है।
भू-राजस्व विभाग ने कार्रवाई के लिए भेजा रिमाइंडर
सरकारी भूमि की गलत तरीके से जमांबदी करके रैयती बनाने का मामला कांके अंचल के चामा मौजा में किया गया था। विभाग की ओर से कांके अंचल के हल्का-03 ,मौजा चामा, खाता संख्या 87 और प्लॉट संख्या 1232 में पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय सहित 29 लोगों ने अपने नाम पर सरकारी भूमि का म्यूटेशन कराया था। इस पूरे मामले में भू-राजस्व विभाग ने भी जमाबंदी निरस्त करने और दोषी सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध प्रपत्र- क गठित कर कार्रवाई करने को कहा है। विभाग की ओर से इस मामले में गत 30 जून को दूसरा बार रिमांइडर भी भेजा गया है।
बीएलआर एक्ट के तहत कार्रवाई
गलत तरीके से सरकारी भूमि की खरीद-फरोख्त के मामले में जमाबंदी रद करने के लिए बीएलआर एक्ट के नियम फोर-एच के तहत प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। कांके के चामा मौजा की सरकारी जमीन की खरीद बिक्री और म्यूटेशन कराने के मामले में 29 लोगों की जमाबंदी को निरस्त करने के लिए सुनवाई पूरी कर ली गई थी। सीओ एवं डीसीएलआर ने मामले पर सुनवाई पूरी कर अभिलेख और रिपोर्ट एसी को सौंपी। एसी कोर्ट में जमाबंदी रद करने के मामले पर सुनवाई की गई। एसी के कोर्ट में इस मामले में 15 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी कर जमाबंदी रद करने के लिए सक्षम पदाधिकारी के समक्ष भेजा दिया।
एक्स डीजीपी से संबंधित कांके के चामा मौजा के खाता संख्या 87 के गैरमजरुआ जमीन में म्यूटेशन कराने वाले 34 लोगों के नाम पर अभिलेख खोला इस मामले में 105 एकड़ जमीन की मापी की गयी थी। आरोप है कि डीके पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय के नाम पर 50.9 डिसमिल जमीन चामा मौजा में लेकर बिना नक्शा पास करायेही अवैध तरीके से भवन का निर्माण कर लिया गया है। मौजा की सभी जमीन गैरमजरुआ है।इसका गलत तरीके से जमीन की जमाबंदी और रजिस्ट्री कर कई लोगों को बेच दी गई।
गरैमजरूआ जमीन के खरीदार
अमोद कुमार - 80.67 डिसमिल
पूनम पांडेय - 50.9 डिसमिल
सुलभ सिंह - 10.98 डिसमिल
मंजुला प्रभा - 8 डिसमिल
शोभा सिंह - 10 डिसमिल
शंकर प्रसाद शर्मा - 8.2 डिसमिल
अंजना नारायण - 8 डिसमिल
मांडवी सिंह - 8 डिसमिल
बीजेंद्र कुमार सिंह - 13 डिसमील
तालकेश्वर राम - 10 डिसमिल
उमरावती देवी - 10 डिसमिल
गायत्री देवी - 7 डिसमिल
रशिका सिंह - 8 डिसमील
आशा देवी - 7 डिसमील
भावना मिश्रा - 10 डिसमील
अनुपमा कुमारी - 8 डिसमील