झारखंड: हाईकोर्ट ने स्टेट में सरकारी विभागों प्रमोशन पर लगायी रोक, अगली सुनवाई 18 अगस्त

झारखंड हाईकोर्ट ने स्टेट के सभी विभागों के अधिकारियों की प्रोमोशन पर रोक लगा दी है। श्रीकांत दुबे व अन्य द्वारा राज्य के डीजीपी एवं राज्य के प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के तीन जून 2022 के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। एक मामले में सुनवाई करते हुए हाइ कोर्ट ने आदेश दिया है। 

झारखंड: हाईकोर्ट ने स्टेट में सरकारी विभागों प्रमोशन पर लगायी रोक, अगली सुनवाई 18 अगस्त

रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने स्टेट के सभी विभागों के अधिकारियों की प्रोमोशन पर रोक लगा दी है। श्रीकांत दुबे व अन्य द्वारा राज्य के डीजीपी एवं राज्य के प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के तीन जून 2022 के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। एक मामले में सुनवाई करते हुए हाइ कोर्ट ने आदेश दिया है। 

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हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने आदेश दिया की प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग व राज्य के डीजीपी शपथ पत्र दायर करके बताएं कि उक्त दोनों आदेश न्याय संगत है या नहीं। कोर्ट ने दो सप्ताह में उन्हें शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 18 अगस्त निर्धारित की है। तब तक प्रोमोशन प्रक्रिया पर रोक रहेगी।

उल्लेखनीय है कि 24 दिसंबर 2020 को स्टेट गवर्नमेंट ने फैसला लिया था कि किसी भी विभाग में अगले आदेश तक प्रोमोशन नहीं दी जायेगी। सरकार के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।इसके बाद में हाईकोर्ट ने 13 जनवरी 2022 को प्रमोश देने का आदेश दिया। सरकार के 24 दिसंबर 2020 के आदेश को निरस्त कर दिया। स्टेट गवर्नमेंट को आदेश दिया गया कि सभी विभागों में सक्षम पदाधिकारियों को प्रोन्नति का लाभ दिया जाए।
इसके बाद 3 जून 2022 को राज्य सरकार के प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने एक आदेश निकाला की प्रोन्नति सभी विभागों में तत्काल प्रभाव से दिया जायेगा। साथ ही यह शर्त लगा दिया कि एसटी / एससी के कर्मी जनरल कैडर में भी वरीयता के आधार पर प्रोमोशन ले सकते हैं। इसके आलोक में राज्य के डीजीपी ने 23 जून 2022 को एक आदेश निकाला जिसमें एएसआई से एसआई के लिए सभी वाहिनी एवं जिला में मनोनयन की मांग किया था। डीजीपी एवं प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक एवं सुधार राजभाषा विभाग के आदेश को प्रार्थी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की।
वर्ष 2020 में सरकार ने प्रमोशन पर रोक का आदेश जारी किया था. जिसके बाद जनवरी 2022 में हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि प्रमोशन पर लगी रोक हटाई जाये। हाईकोर्ट ने यह आदेश WPS-1390/2021 मामले में दिया था। उक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि सभी विभागों में सक्षम अफसरों को प्रमोशन दी जाये।