झारखंड:CM हेमंत सोरेन की वाइफ, प्रेस सलाहकार व विधायक प्रतिनिधि के नाम आवंटित हुई इंड्स्ट्रीयल लैंड: रघुवर दास
बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह झारखंड के एक्स सीएम रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाया है। रघुवर दास बीजेपी हेडक्वार्टर में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में आरोप लगाया है कि सीएम हेमंत ने अपने पद का इस्तेमाल कर रांची के चान्हो ब्लॉक में वाइफ कल्पना के नाम 11 एकड़ औद्योगिक भूमि आवंटित की है। जो सोहराय लाइव प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जमीन आवंटित की गई है।
- साहिबगंज के पकड़िया में पिंटू को 11.70 एकड़ जमीन लीज पर मिली
- पंकज मिश्रा के फर्म महाकाल स्टोन के नाम पर साहिबगंज में 6.25 एकड़ माइंस आवंटित
रांची। बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह झारखंड के एक्स सीएम रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाया है। रघुवर दास बीजेपी हेडक्वार्टर में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में आरोप लगाया है कि सीएम हेमंत ने अपने पद का इस्तेमाल कर रांची के चान्हो ब्लॉक में वाइफ कल्पना के नाम 11 एकड़ औद्योगिक भूमि आवंटित की है। जो सोहराय लाइव प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जमीन आवंटित की गई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने अपने प्रेस सलाहकार और अपने विधायक प्रतिनिधि को भी खदान आवंटित कर दी है।
— Raghubar Das (@dasraghubar) April 25, 2022
झारखंड में हर तरफ लूट मची हुई है। हेमंत सरकार आदिवासियों का हक मार कर अपने परिवार का विकास करने में लगी हुई है।@PMOIndia @BJP4India pic.twitter.com/Q49NKQ3fnA
रघुवर दास ने कहा कि सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू की संस्था शिव शक्ति इंटरप्राइजेज के नाम पर साहिबगंज के पकड़िया गांव में 11.70 एकड़ जमीन 2021 को लीज पर दी गई है। सरकारी कागजात के अनुसार, उस पर 90 लाख का निवेश किया गया है। रघुवर ने कहा कि हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के फार्म महाकाल स्टोन वर्कर्स के नाम पर भी साहिबगंज के मारी मौजा में 6.25 एकड़ का माइंस 2021 में आवंटित किया गया।
त्यागपत्र दें सीएम
सीएम स्वयं उद्योग विभाग के मंत्री हैं इसीलिए उन्हें इस विषय पर सफाई देनी चाहिए। उनका आचरण भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत दंडनीय है। रघुवर दास ने कहा अबुआ राज के नाम पर एक परिवार का शासन चल रहा है। जो अपने परिवार, सगे संबंधी, सहकर्मी सहयोगियों के हित के लिए काम कर रहा है। इसका नुकसान राज्य की जनता को उठाना पड़ रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी भाई बहनों को हो रहा है। रघुवर दास ने सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पर भी आरोप लगाया। उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर खदान की लीज ली है। अभिषेक प्रसाद ने शिव शक्ति इंटरप्राइजेज के नाम पर साहिबगंज में और पंकज मिश्रा को महाकाल स्टोन के नाम से खदान आवंटित की गई है। रघुवर दास कहां मुख्यमंत्री अभिषेक प्रसाद और पंकज मिश्रा को तत्काल अपने पद से हटाए। बीजेपी पूरे मामले को लेकर राज्यपाल से मिलेगी।रघुवर दास ने यह भी स्पष्ट किया कि बीजेपी सीएम को हटाने के लिए लिए या विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने के लिए इन मामलों को नहीं उठा रही है। यहां कानून के प्रावधान के तहत सीएम स्वयं या उनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी ठेका पट्टा, लीज नहीं ले सकता। यहां भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है।
झारखंड में एक परिवार का शासन चल रहा
रघुवर दास ने कहा कि राज्य में एक परिवार के द्वारा परिवार के लिए शासन चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के नाम पर आयी ये सरकार आदिवासियों को छलने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में धर्म का कॉलम जोड़ा गया था, ताकि रोजी रोजगार में आदिवासियों को लाभ मिले। लेकिन हेमंत सरकार ने सत्ता में आते ही मिशनरियों के दबाव में फॉर्म से धर्म का कॉलम हटा दिया। इसका नुकसान सरना आदिवासियों को हो रहा, जबकि धर्मांतरित आदिवासी दोहरा लाभ ले रहे हैं।उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन का नारा देकर सत्ता में आयी हेमंत सरकार में जल, जंगल और जमीन तीनों के लिए हाहाकार मचा है। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिए लोग परेशान हैं। सभी जिलों में जंगलों की अवैध कटाई हो रही है। वहीं आदिवासियों की जमीन पर सरकार की गिद्ध दृष्टि पड़ गई है। आदिवासियों की जमीन को हड़पने का काम जोर-जोर से चल रहा है।
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लव जिहाद के नाम पर सरना समाज को टारगेट किया जा रहा
राज्य में लव जिहाद और धर्मांतरण के द्वारा सरना समाज को टारगेट किया जा रहा है। यही स्थिति रही तो, झारखंड का सरना समाज अल्पसंख्यक हो जायेगा। धर्मांतरित आदिवासी सरना आदिवासियों का हक मारकर दोहरा लाभ ले रहे हैं। वे अल्पसंख्यक के साथ साथ आदिवासी का लाभ भी ले रहे हैं। नौकरियों में सरना आदिवासियों के स्थान पर धर्मांतरित आदिवासी ज्यादा लाभ ले रहे हैं।
हेमंत सरकार गिराने या चुनाव कराने के लिए बीजेपी एक्टिव नहीं
रघुवर दास ने यह भी स्पष्ट किया कि सीएम हेमंत सोरेन को हटाने के लिए या विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने के लिए सक्रिय नहीं है। बीजेपी इन मामलों को नहीं उठा रही है। इस मामले से पार्टी का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून के प्रविधान के तहत मुख्यमंत्री या उनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी ठेका पट्टा, लीज नहीं ले सकता है। यह भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। भाजपा इस पूरे मामले को लेकर राज्यपाल रेमश बैस से जल्द ही मिलेगी।
रघुवर इससे पूर्व खनिज पट्टा लेने का भी कर चुके हैं खुलासा
उल्लेखनीय कि कुछ दिनों पहले रघुवर दास ने ही मीडिया के समक्ष खुलासा किया था कि सीएम हेमंत सोरेन विभागीय मंत्री होते हुए अपने नाम से खनिज लीज का पट्टा ले लिया है। रघुवर दास के इस खुलासे के बाद प्रदेश में राजनीति गरमा गई है। बीजेपी इसे भ्रष्टाचार का मामला बताते हुए लगातार हेमंत सोरेन पर राजनीतिक हमले कर रही है। रघुवर दास का कहना है कि सीएम हेमंत सोरेन स्वयं खनन विभाग के मंत्री भी हैं, ऐसे में अपने नाम उन्होंने खनन पट्टा लेकर पद का दुरुपयोग किया है। उनका यह कदम संविधान सम्मत नहीं है।चुनाव आयोग ने खनन पट्टा मामले में चीफ सेकरटेरी से रिपोर्ट मांगी है।
हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं सामाजिक कार्यकर्ता
रघुवर दास के इस खुलासे के बाद मामला झारखंड हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। झारखंड के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इस मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है। कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है। सीएम के पद पर रहते खनन पट्टा लिए जाने को लेकर संविधान विशेषज्ञों में भी बहस छिड़ी हुई है। कई विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि इस मामले में हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। हालांकि, अभी तक इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट का कोई फैसला नहीं आया है। मामले की सुनवाई चल रही है।हेमंत सोरेन ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में बुरी तरह घिरते दिख रहे हैं। उनके ऊपर जाने-अनजाने एमएलए व सीएम पद गंवाने का नया संकट छा गया है। झारखंड हाईकोर्ट व चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।
चान्हो के बाढ़े की जमीन पहले ही सरेंडर करने की चर्चा
सोहराय लाइवस्टाक कंपनी को चान्हो के बाढ़े स्थित औद्योगिक क्षेत्र में 11.85 एकड़ भूखंड 2020-21 में आवंटित हुए थे। ये भूखंड उसी वर्ष कुछ महीनों के बाद सरेंडर कर दिये गये थे। झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (जियाडा) के रांची क्षेत्रीय कार्यालय से चार प्लाट कंपनी आवंटित किये गये थे और ये चारों प्लाट पहले से ही अनुसूचित जनजाति अथवा अनुसूचित जाति के लाभुकों के लिए आवंटित थे। सोर्सेज के अनुसार भूखंडों को एससी अथवा एसटी लाभुकों को आवंटित करने के लिए दिसंबर 2020 में अधिसूचित किया गया था।र इसके कुछ महीनों के अंदर ही जमीन का आवंटन कंपनी को किया गया।जल्द ही कंपनी ने यह सरेंडर कर दिया। जियाडा के रिजनल डायरेक्टर अजय कुमार के अनुसार यह प्लाट लगभग दो वर्ष पूर्व सरेंडर किया जा चुका है।