झारखंड: जेल सुपरिटेंडट ने नहीं दी गवाही, रंगदारी के केस में एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव बरी
झारखंड के एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को रगंदारी के मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है। रांची के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने योगेंद्र साव को बरी किया है।
रांची। झारखंड के एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को रगंदारी के मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है। रांची के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने योगेंद्र साव को बरी किया है।
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योगेंद्र साव पर जेल में रहते हुए मोबाइल का इस्तेमाल कर रंगदारी मांगने का आरोप था। इस मामले में हजारीबाग सदर पुलिस स्टेशन में 2017 में FIR दर्ज करायी गई थी। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से चार गवाहों को प्रस्तुत किया गया। लेकिन मामले के सूचक तत्कालीन जेल सुपरिटेंडेंट डॉ रूपम प्रसाद गवाही देने कोर्ट नहीं पहुंचे। उनको गवाही के लिए कोर्ट ने कई बार समन भेजा। लेकिन वह नहीं पहुंचे। इसका लाभ योगेंद्र साव को मिला।
अभी 14 मामलों में कोर्ट से फैसला आनी बाकी
एनटीपीसी में माइनिंग कार्य बाधित करने के मामले में योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी शुक्रवार को एवीडेंस के अभाव में बरी कर दिये गये थे। दोनों पर एनटीपीसी के भूमिअधिग्रहण में बाधा डालने का आरोप था। दोनों के खिलाफ हजारीबाग जिले के बड़कागांव पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करायी गयी थी। कोर्ट में अभियोजन पक्ष लगाये गये आरोपों को साबित नहीं कर सका था। इसके बाद कोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया था।
योगेन्द्र साव की वाइफ निर्मला देवी एमएलए रह चुकी हैं। दोनों अभी जेल में बंद हैं। हसबैंड व वाइफ पर एक मामले में जानलेवा हमला करने का आरोप था, जिसमें उन्हें सजा मि ली है। योगेन्द्र सा व पर कुल 27 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 13 मामलों में फैसला आ चुका है। शेष मामलों में अभी फैसला आना बाकी है। बड़कागांव से अभी योगेंद्र साव की बेटी अंबा प्रसाद कांग्रेस की एमएलए हैं।