Jharkhand: ज्योति अग्रवाल मर्डर केस का सरायकेला पुलिस ने किया खुलासा, हसबैंड रवि ने ही शूटरों से करायी थी मर्डर
झारखंड की सरायकेला जिला पुलिस ने ज्योति अग्रवाल मर्डर केस का खुलासा कर लिया है। ज्योति को रास्ते से हटाने के लिए हसबैंड रवि अग्रवाल ने शूटरों से मर्डर करायी थी। पुलिस ने आरोपी हसबैंड रवि अग्रवाल, शूटर पंकज सहानी, रोहित कुमार दुबे और ड्राइवर मुकेश मिश्रा को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है। यह जानकारी एसपी मनीष टोप्पो ने प्रेस कांफ्रेस में दी है।
जमशेदपुर। झारखंड की सरायकेला जिला पुलिस ने ज्योति अग्रवाल मर्डर केस का खुलासा कर लिया है। ज्योति को रास्ते से हटाने के लिए हसबैंड रवि अग्रवाल ने शूटरों से मर्डर करायी थी। पुलिस ने आरोपी हसबैंड रवि अग्रवाल, शूटर पंकज सहानी, रोहित कुमार दुबे और ड्राइवर मुकेश मिश्रा को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है। यह जानकारी एसपी मनीष टोप्पो ने प्रेस कांफ्रेस में दी है।
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दि०-29/03/24 को चाण्डिल थाना अंतर्गत कान्दरबेड़ा एवं वेब ईन्टनेशनल के बीच NH-33 के किनारे ज्योति अग्रवाल की अज्ञात अपराधियों द्बारा गोली मारकर हत्या किया गया। पुलिस अधीक्षक, सरायकेला द्वारा हत्याकांड का उद्भेदन हेतु निर्देश दिया। SDPO,चाण्डिल के नेतृत्व में S. I. T टीम गठित कर pic.twitter.com/j1TKhuiShz
— Saraikela Police (@SaraikelaPolice) April 1, 2024
एसपी ने बताया कि क्रिमिनलों के पास से पुलिस ने एक देसी कट्टा, घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार बरामद किये हैं। एसपी ने बताया कि पिछले ढाई वर्षों से ज्योति अग्रवाल से परेशान उसका हसबैंड वि अग्रवाल उसे अपने रास्ते से हटाना चाहता था। इसके लिए रवि ने कई बार प्रयास भी किये, लेकिन उसमें वह असफल रहा था, लेकिन 29 मार्च को ज्योति की हत्या कराने में वह सफल हो गया। रवि दो-तीन माह से अपनी वइफ की मर्डर की प्लानिंग पर काम रहा था।
रवि ने शुक्रवार (29 मार्च) की सुबह दोनों शूटरों को अपनी कार में बैठा कर प्लान के बारे में बताया था। इसके बाद सुबह दोनों शूटर को लेकर कांदरबेड़ा (घटनास्थल पर) गया था। कांदरबेड़ा में कार कहां रोकेंगे, उस जगह को भी दिखाया था। इसके बाद शूटरों को इस बात की भी जानकारी दी थी कि वह कितने बजे होटल से खाना खा कर बाहर आयेगा। रवि ने होटल से निकलने के दौरान भी शूटरों को इंस्टाग्राम पर निकलने की जानकारी अपने फोन से दी थी। इसके बाद वह मिनी पंजाब रेस्टोरेंट से बाहर निकला। कांदरबेड़ा में गाड़ी रोकने के बाद जैसे ही रवि अग्रवाल उल्टी करने के लिए अपना सिर नीचे झुकाया, तो रवि के सिर के पीछे से ज्योति अग्रवाल को शूटर ने सर में गोली मार दिया। मौके पर ही उसकी मौत हो गयी।
रवि के बयानों में था विरोधाभास, कई सबूत हाथ लगे
एसपी ने बताया कि रवि अग्रवाल अपनी वाइफ ज्योति से परेशान था। उसे अपने रास्ते से हटाने के लिए उसने पूर्व में कई बार प्रयास किया, लेकिन 29 मार्च को वह सफल हो गया। मर्डर के बाद ज्योति के पिता प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अपने दामाद रवि के खिलाफ साजिश के तहत मर्डर कराने का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराया। छानबीन के दौरान पुलिस को रवि के विरोधाभासी बयानों से पहले ही शक हो गया था। ज्योति पिता की ओर से दर्ज एफआइआर के आधार पर पुलिस को कई तकनीकी सबूत हाथ लग गये। हालांकि वाइफ-हसबैंड के बीच अनबन के असली कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। ऐसी कौन सी वजह थी जो रवि ने अपनी वाइफ को रास्ते से हटा दिया।एसपी ने बताया कि घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार मुकेश मिश्रा की है। वह वर्तमान में किराये पर कार चलाता है. वहीं, रोहित कुमार दुबे का कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है। वह उन लोगों के साथ मौके पर मौजूद था। इस मर्डर केस का मुख्य शूटर विशाल समेत दो क्रिमिनल अब भी फरार हैं। पुलिस दोनों फरार क्रिमिनलों गिरफ्तारी के लिए रेड कर रही है।
पंकज सहानी ने चलायी थी पहली गोली
पुलिस के अनुसार, कांदरबेड़ा में गाड़ी रोकने के बाद जैसे ही रवि अग्रवाल उल्टी करने के लिए अपना सिर नीचे झुकाया, तो रवि के सिर के पीछे से ज्योति अग्रवाल की मर्डर करने के लिए पहली गोली पंकज साहनी ने चलायी। लेकिन गोली मिस फायर हो गयी। इस दौरान फरार शूटर विशाल ने कार के बायीं ओर की खिड़की के पास गया और ज्योति को सीधे सिर में गोली मार दी। ज्योति को गोली मारने के बाद स्विफ्ट कार से सभी फरार हो गये। मर्डर के दौरान पांच क्रिमिनल मौजूद थे. घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपने-अपने घर चले गये। इसके बाद जब पुलिस ने रवि अग्रवाल से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने मर्डर की पूरी कहानी बतायी। रवि अग्रवाल की निशानदेही पर पुलिस ने सभी की बारी- बारी से अरेस्ट कर लिया.।पंकज की निशानदेही पर पुलिस ने आर्म्स भी बरामद कर लिये।
रवि ने आर्म्स खरीदने के लिए एडवांस दिये थे तीन लाख रुपये
विशाल और पंकज ने आर्म्स खरीदने के लिए रवि अग्रवाल से तीन लाख रुपये एडवांस लिये थे। रवि को विशाल ने कहा था कि पिछली बार अच्छे आर्म्स नहीं होने के कारण सफलता नहीं मिल पायी थी। विशाल ने आर्म्स कहां से और कितने रुपये में खरीदे, इस बारे में गिरफ्तार क्रिमिनलों को कोई जानकारी नहीं है। पंकज कुमार साहनी और विशाल के खिलाफ पूर्व से केस दर्ज हैं।
डाइवोर्स पेपर और एग्रीमेंट पर साइन नहीं करने से भी परेशान था रवि
अपनी वाइफ से परेशान रवि अग्रवाल ने सबसे पहले डाइवोर्स का पेपर तैयार किया। वह ज्योति को डाइवोर्स पेपर पर साइन करने करने को कहा। लेकिन ज्योति और उसके मायके पक्ष के लोगों ने विरोध कर दिया। उसके बाद रवि ने एक एग्रामेंट तैयार करवाया, जिसमें लिखा था कि उनकी बेटी बीमार रहती है, ऐसे में अगर कोई घटना होती है, तो उसकी जिम्मेवारी उनकी नहीं होगी। लेकिन ज्योति के पिता के एडवोकेट ने इस एग्रामेंट पर भी साइन करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद रवि लगातार वाइफ से हो रहे झगड़े से परेशान था।
मर्डर के दूसरे दिन ज्योति के पता केस दर्ज कराया FIR
प्रेमचंद अग्रवाल ने ज्योति के मर्डर के दूसरे दिन 30 मार्च को चांडिल पुलिस स्टेशन में रवि अग्रवाल के खिलाफ अपनी बेटी की साजिश कर मर्डर कराने का FIR दर्ज कराया। FIR दर्ज कराने के बाद पुलिस को रवि पर और शक हो गया। इसके बाद पुलिस ने रवि से कड़ाई से पूछताछ शुरू की। प्रेमचंद्र अग्रवाल द्वारा दर्ज FIR के अनुसार, वर्ष 2009 में शादी के बाद से ही रवि और ज्योति में अनबन शुरू हो गयी थी। दो-तीन साल से विवाद काफी बढ़ गया था। रवि व ज्योति दोनों बच्चों के साथ . 26 मई 2023 को घूमने गैंगटॉक गया था। वहां रवि ने ज्योति का मुंह और गला दबा कर बाथ टब में घुसा कर जान से मारने का प्रयास किया था। लेकिन ज्योति खुद को बचाकर वापस आयी। रवि ज्योति को जबरन शराब पिलाने की कोशिश करता था। वह खुद भी शराब पीने का काफी आदि है।
पुलिस के अनुसार, ज्योति भी शराब पीने लगी थी। विवाद होने पर कई बार उनके परिवार ने समझा बुझाकर मामले को शांत करने की कोशिश की। एक बार ज्योति ने सुसाइड की भी कोशिश की थी। इसके बाद रवि अग्रवाल ने एक एफिडेविट तैयार किया था कि ज्योति कुछ भी ऐसा करती है तो वह या उसका परिवार जिम्मेदार नहीं होगा। प्रेमचंद के अनुसरा, रवि अग्रवाल ने कहा था कि कुछ असामाजिक तत्व उसे धमकी दे रहे हैं। रंगदारी की मांग कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने एसएसपी से मिलने की बात कही, तो रवि ने इंकार कर दिया था। आरोप है कि 21 मार्च 2024 को रवि ने ज्योति को मायके भेजने की बात यह कहकर की कि या तो घर पर वो रहेगा या ज्योति. तब मायके के लोग ज्योति को लेकर जुगसलाई आ गये थे। फिर 24 मार्च को समझा- बुझाकर वापस ज्योति को रवि के पास भेजा गया था।
टीम में शमिल पुलिसकर्मी होंगे सम्मानित
एसपी मनीष टोप्पो ने कहा कि ज्योति हत्याकांड मामले का उद्भेदन कम समय में बेहतर ढंग से किया गया। इस मामले के उद्भेदन टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जायेगा। टीम में एडीपीओ सुनील कुमार रजवार, सर्किल इंस्पेक्टर अजय कुमार, चांडिल थाना प्रभारी वरुण कुमार, चौका थाना प्रभारी बजरंग महतो, कपाली ओपी प्रभारी सोनू कुमार, ईचागढ़ प्रभारी विक्रमादित्य पांडेय आदि शामिल थे।