झारखड: विधानसभा से रोते हुए निकले अमर बाउरी, कहा- स्पीकर ने दलित होने के कारण बोलने का मौका नहीं दिया
एक्स मिनिस्टर व चंदनकियारी से बीजेपी एमएलए अमर बाउरी गुरुवार को सदन से रोते हुए निकले। उन्होंरने कहा कि झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया।दलित होने के कारण उनके साथ ऐसा किया गया।
रांची। एक्स मिनिस्टर व चंदनकियारी से बीजेपी एमएलए अमर बाउरी गुरुवार को सदन से रोते हुए निकले। उन्होंरने कहा कि झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया।दलित होने के कारण उनके साथ ऐसा किया गया।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि आंसू मेरी कमजोरी नहीं, बल्कि मेरे समर्पण का संकल्प है। एक विधायक होने के नाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संरक्षण और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के साथ दलितों की आवाज के लिए मैं सड़क से सदन तक की लड़ाई लड़ने को संकल्पित हूं।सदन से बाहर निकल कर आये अमर कुमार बाउरी मीडिया से बात करते हुए रो पड़े। उन्होंने कहा कि मैंने पहली कार्य स्थगन का प्रस्ताव लाया था, लेकिन स्पीकर ने उसे नहीं माना। दलित होने की सजा दी गयी। स्पीकर पंच के समान होते हैं. उन्हें ऐसी अनदेखी नहीं करनी चाहिए थी। कम से कम स्पीकर को मेरा कार्य स्थगन प्रस्ताव को पढ़ लेना चाहिए था।
अमर बाउरी ने बुधवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज पर स्थगन प्रस्ताव लेकर आये थे, लेकिन उनके कार्य स्थगन को न ही विधानसभा अध्यक्ष ने पढ़ा और न ही उन्हें पढ़ने दिया।इससे वो नाराज हो गये और सदन से वॉकआउट कर दिया। सीपी सिंह ने इस मामले पर कहा कि जब हम विधानसभा अध्यक्ष थे, तब विपक्ष को ज्यादा से ज्यादा बोलने का मौका देते थे, लेकिन महागठबंधन की सरकार में हमारे दलित एमएलए को बोलने नहीं दिया गया, जो सरासर गलत है।