झारखंड: पलामू पुलिस ने जिसकी मर्डर के जुर्म में सात लोगों को जेल भेजा वह जिंदा निकला

झारखंड के पलामू जिले में एक व्यक्ति ने किडनैपिंग व मर्डर की ऐसी साजिश रची कि इसके आरोप में पुलिस ने वाइफ समेत ससुराल के सात लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया। जेल से में बंद बेकसूर बाहर निकलने के लिए कोर्ट का चक्कर काटते रहे। पुलिस के समक्ष अपनी बेगुनाही का हवाला देते रहे, लेकिन पुलिस आंख बंदकर काम करती रही। अंतत: साजिश रचने वाला जीवित निकला।

झारखंड: पलामू पुलिस ने जिसकी मर्डर के जुर्म में सात लोगों को जेल भेजा वह जिंदा निकला

पलामू। झारखंड के पलामू जिले में एक व्यक्ति ने किडनैपिंग व मर्डर की ऐसी साजिश रची कि इसके आरोप में पुलिस ने वाइफ समेत ससुराल के सात लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया। जेल से में बंद बेकसूर बाहर निकलने के लिए कोर्ट का चक्कर काटते रहे। पुलिस के समक्ष अपनी बेगुनाही का हवाला देते रहे, लेकिन पुलिस आंख बंदकर काम करती रही। अंतत: साजिश रचने वाला जीवित निकला।

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पुलिस ने आरोपित राममिलन चौधरी उर्फ चुनिया को छतरपुर पुलिस की मदद से अरेस्ट कर लिया है। इस मामले में राममिलन चौधरी की वाइफ सहित छह लोग जेल काट चुके हैं। एक अन्य आरोपित दानिश अभी जेल में ही है। पलामू जिले के सतबरवा पुलिस स्टेशन एरिया के पोंची गांव की सरिता देवी पिता राधा चौधरी की शादी वर्ष 2009 में नावा बाजार के राममिलन चौधरी के साथ हुई थी। सरिता देवी के भाई दीपक चौधरी ने बताया कि विवाह के बाद से ही बहन को ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे। इससे तंग आकर वर्ष 2013 में कोर्ट में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज किया था।

पुलिस ने जांच बिना जांच किये ही सभी को अरेस्ट जेल भेजा

दीपक चौधरी के अनुसार केस चल ही रहा था कि तीन सितंबर 2016 को जीजा राममिलन चौधरी उर्फ चुनिया के भाई दिलीप चौधरी ने पुलिस स्टेशन में पिता राधा चौधरी, मां कलावती देवी, बहन सरिता देवी, चाचा बाबूलाल चौधरी, कुदरत अंसारी, ललन मिस्त्री, दानिश अंसारी पर राममिलन चौधरी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया। किडनैप कर मर्डर करने का आरोप लगाते हुए नावा बाजार पुलिस स्टेशन कांड संख्या 51/16 धारा 364, 147, 149, 120 बी में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने सभी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया।
छह बेल पर, एक अब भी जेल में बंद
किडनैपिंग व मर्डर उक्त मामले में अभी छह लोग बेल पर बाहर हैं। वहीं दानिश अंसारी अभी भी जेल में है। बेल मिलने के बाद राधा चौधरी इस सदमे को नहीं सह सके। जेल से आने के तीन माह के बाद उनका निधन हो गया। दीपक चौधरी ने बताया कि हम लोगों ने पुलिस प्रशासन से गुहार लगाते रहे  लेकिन पुलिस ने फैमिली के संभी मेंबर  को जेल भेज दिया।
पुलिस ने ऐसे किया आरोपित को अरेस्ट

पीड़ित परिजनों को लगातार सूचना मिल रही थी कि राममिलन चौधरी जिंदा है। वह अपने घर आता-जात रहता है। इस संबंध में कई बार पुलिस वालों से उसके जिंदा होने की जानकारी दी गई, लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। इस बीच छतरपुर पुलिस को पूरी जानकारी दी गई। सहयोग करने की अपील की गई। इस पर छतरपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मृत घोषित राममिलन चौधरी को भव पुलिया के पास से अरेस्ट कर सतबरवा थाने की पुलिस को सौंप दिया।