Jharkhand:गैंगस्टर अमन सिंह मर्डर केस में पिंटू सिंह को हाईकोर्ट से मिली बेल
गैंगस्टर अमन सिंह की धनबाद जेल में हुई मर्डर के आरोपी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को झारखंड हाईकोर्ट ने बेल दे दी है। अब पिंटू को जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। पिंटू सिंह धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों के मर्डर के केस में भी आरोपी है। सुप्रीम कोर्ट से पिछले छह अगस्त को नीरज सिंह मर्डर केस में बेल मिली थी। अमन सिंह मर्डर केस में बेल मिलने के बाद अब पिंटू जेल से बाहर आ सकेगा।
- धनबाद में हुई थी अमन सिंह की मर्डर
- नीरज सिंह मर्डर केस में पिंटू को मिल चुकी है बेल
रांची। गैंगस्टर अमन सिंह की धनबाद जेल में हुई मर्डर के आरोपी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को झारखंड हाईकोर्ट ने बेल दे दी है। अब पिंटू को जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। पिंटू सिंह धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों के मर्डर के केस में भी आरोपी है। सुप्रीम कोर्ट से पिछले छह अगस्त को नीरज सिंह मर्डर केस में बेल मिली थी। अमन सिंह मर्डर केस में बेल मिलने के बाद अब पिंटू जेल से बाहर आ सकेगा।
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पिंटू सिंह की बेल पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुभाष चांद की कोर्ट में सुनवाई हुई। पिंटू सिंह की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने बहस की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने पिंटू को बेल की सुविधा प्रदान कर दी। गैंगस्टर अमन सिंह मर्डर केस में सीआईडी ने पिंटू को भी आरोप बनाया है। इस मामले में रांची सीआईडी की स्पेशल कोर्ट से पिछले महीने पिंटू की बेल पिटीशन खारिज हो गई थी। पिंटू सिंह फिलहाल जमशेदपुर घाघीडीह जेल में बंद है। धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की हुई मर्डर में पिंटू सिंह की जमानत याचिका रांची सीआईडी के विशेष न्यायालय से 16 जुलाई को खारिज हुई थी।पिंटू सिंह 25 मार्च 2017 से जेल में बंद हैं। सात साल से जेल में बंद पिंटू अब जेल से बाहर आ जायेगा। नीरज सिंह मर्डर केस में पिंटू सिंह को पहले ही बेल मिल चुकी है।
नीरज मर्डर केस पिंटू सिंह दूसरी बार बेल के लिए पहुंचा था सुप्रीम कोर्ट
नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह की बेल पिटीशन पूर्व में धनबाद सेशन कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक खारिज हो चुकी थी। पिंटू सिंह की ओर से दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट में बेल पिटीशन दाखिल की यी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्रतिवादी को नोटिस जारी किया गया था। तीन महीना बीतने के बाद भी इस पर जवाब नहीं मिला है। एक नागरिक के व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में अभियोजन से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है। ऐसे मामलों में समय पर जवाब दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता सात से जेल में बंद है। इसलिए बेल पिटीशन मंजूर की जाती है।
पिंटू सिंह नहीं छोड़ सकेगा देश, नीरज सिंह मर्डर केस के हर डेट पर हाजिरी जरूरी
धनबाद। सात साल से अधिक समय से जेल में बंद सरायढेला के सीएमपीएफ कॉलोनी निवासी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह नीरज समेत चार लोगों की मर्डर केस की सुनवाई पूरी होनेतक देश नहीं छोड़ सकेगा। उसे नीरज मर्डर केस की हर डेट पर कोर्ट मेंहाजिर होना होगा। धनबाद सेशन कोर्ट ने पिंटू सिंह की जमानत की बंधपत्र में ये शर्तरखी है। सुप्रीम कोर्ट से जैनेंद्र सिंह को नीरज मर्डर केस में बेल मिली थी। इस मामले में संबंधित न्यायालय मेंपिंटू सिंह के बेलबांड की प्रक्रिया पूरी की गयी है। पिंटू सिंह की जमानत के साथ कोर्ट ने चार शर्त लगायी है। उसका बेलर कोई उसका अपना रिश्तेदार ही बनेगा। जेल से बाहर निकलनेके बाद पिंटू सिंह को नीरज हत्याकांड की हर तिथि पर कोर्ट मेंसशरीर हाजिर होना पड़ेगा। वह देश नहीं छोड़ सकेगा। यदि उसके पास पासपोर्ट है, तो उसे न्यायालय में जमा कराना होगा। एक मोबाइल नंबर भी कोर्ट में देना होगा, जिसे हमेशा एक्टि व रखना होगा। जमानत मिलने के बाद भी पिंटू सिंह जेल में है। दरअसल, जेल में रहते सीआईडी ने उसके खिलाफ अमन सिंह मर्डर केस में चार्जशीट सौंपी है।
21 मार्च 2017 की शाम हुई थी चार लोगों की मर्डर
धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को सरायढेला स्टील गेट के समीप वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह 21 मार्च 2017 की शाम अपनी फॉर्च्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। नीरज गाड़ी में ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की फॉर्च्यूनर की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी चारों तरफ से घेर फायरिंग करनी शुरु कर दिया था। चारों तरफ से नाइन एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गई थी। नीरज की मर्डर में अत्याधुनिक आर्म्स का इस्तेमाल किया गया था। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर 70 से अधिक गोलियां चली थीं। नीरज सिंह बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे।
एक्स एमएलए संजीव सिंह समेत 11 आरोपित जेल में हैं बंद
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने मामले में संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी थी। नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया था। पुलिस इस मामले 11 अप्रैल को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी , संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह को जेल भेजा था। बाद में घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने इस मर्डर में शामिल शूटरों उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह, अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह कोबारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी। ये सभी झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद है।धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की मर्डर कर दी गयी थी।
राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि के पकड़े जाने के बाद मिले अहम सुराग
नीरज मर्डर केस में पुलिस को राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि की गिरफ्तारी के बाद अहम सुराग हाथ लगे थे। डब्ल्यू पर यूपी से आये शूटरों को किराये का मकान दिलाकर ठहराने का आरोप है।पुलिस ने नीरज सिंह मर्डर केस में पहले राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी ( संजीव सिंह का प्राइवेट बॉडीगार्ड), संजय सिंह ( स्वर्गीय रंजय सिंह का भाई व एमएलए संजीव के अनुसेवक) व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ( सिंह मैंशन के करीबी) को अरेस्ट कर जेल भेजी। अभी संजीव सिह रांची के रिनपास में इलाजरत हैं।
केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी पुलिस
पुलिस अभी तक इस केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी है।पुलिस के पास संतोष सिंह उर्फ नामवर की फोटो तक नहीं है। हालांकि इस केस में नामवर नाम पंकज सिंह के साथ शूटरों को लाने में शामिल था। संतोष उर्फ नामवर की तलाश में पुलिस बिहार व यूपी में कई बार दबिश दे चुकी है। बलिया व कैमूर के चक्कर लगा चुकी है। लेकिन पुलिस को संतोष नहीं मिला। पुलिस की जांच में पता चला था पंकज सिंह के आदेश पर संतोष ने सारे शूटरों को लाइनअप किया था। संतोष पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद आज तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई है।