Jharkhand: नई नियोजन नीति के विरोध में विधानसभा घेराव करने पहुंचे छात्रों पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज, जयराम महतो समेत अन्य रिहा
झारखंड विधानसभा सेशन के अन्तिम दिन नई नियोजन नीति में व्याप्त विसंगतियों को लेकर गुरुवार को छात्रों ने विधानसभा मार्च निकाला। इस दौरान छात्रों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। आंसू गैस भी छोड़ने पड़े।
रांची। झारखंड विधानसभा सेशन के अन्तिम दिन नई नियोजन नीति में व्याप्त विसंगतियों को लेकर गुरुवार को छात्रों ने विधानसभा मार्च निकाला। इस दौरान छात्रों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। आंसू गैस भी छोड़ने पड़े।
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झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले गुरुवार को राज्यभर के छात्रों ने विधानसभा का घेराव किया। इस दौरान छात्रों की पुलिस से झड़प भी हो गई। राज्य भर से आ रहे छात्रों को जहां कई जगहों पर रोका गया। विधानसभा पहुंचे छात्रों को भी पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद छात्रों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी शुरु कर दी।
छात्रों ने पुलिस पर किया पथराव
पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लाठीचार्ज की। पुलिस के लाठीचार्ज से गुस्साए छात्रों ने इसके खिलाफ पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। लाठी चार्ज आधा दर्जन छात्रों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए हैं। हंगामे की सूचना पर भारी संख्या में पुलिस बल को भेजा गया।
छात्र नेताओं को पुलिस ने कस्टडी में लिया
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने एहतियातन छात्र नेता जयराम महतो, छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो और मनोज यादव को कस्टडी में ले लिया। बाद में सभी को छोड़ दिया गया। वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि हम लोग अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे।न अचानक पुलिस आई और हमारे नेता को कस्टडी में लेकर चली गई। बातचीत किए बगैर हमलोगों के साथ पुलिस गलत कर रही है। हमलोग अपना हक लेकर रहेंगे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य के छात्रों से अपील की है कि वे इस आंदोलन में यूनियन का साथ दें ताकि छात्रों की आवाज सरकार तक पहुंच सके और नियोजन नीति का लाभ यहां के स्थानीय लोगों को मिल सके।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद भी पुलिस ने बरसाईं लाठियां
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि वे लोग संवैधानिक तरीके से अनुशासित एवं शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। पुलिस ने सरकार के निर्देश पर छात्रों पर कार्रवाई शुरु कर दी और आंसू गैस के गोले तक बरसाये। लाठीचार्ज और गिरफ्तारी की गई। जो कि पूरी तरह से निंदनीय है। सरकार को इसका जवाब राज्य की जनता देगी।
चार दिनों का दिया था अल्टीमेटम
नई नियोजन नीति को लेकर स्टूडेंट का डेलीगेशन राज्य सरकार के संसदीय मामले के मंत्री आलमगीर आलम से 19 मार्च को मिला था। इसके बाद नीति में सुधार को लेकर चार दिनों का समय मांगा गया था। अस कारण छात्रों ने पूर्व प्रस्तावित आंदोलन को वापस ले लिया था। चार दिनों के बाद ही बातचीत करने की बात कही थी।चार दिन बीत जाने के बाद जब सरकारी तौर पर कोई आदेश या फिर दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया तो छात्रों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदाेलन करने का निर्णय लिया। इसी दौरान गुरुवार को छात्रों का एक जत्था विधानसभा मार्च के लिए कूच कर रहा था। इसी दौरान पुलिसिया कार्रवाई अमल में लाई गई और तीन बड़े नेताओं की गिरफ्तारी कर ली गई।
छात्रों की मांगें
60:40 नियोजन नीति वापस लेने सहित अन्य पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मंत्री की छात्रों से वार्ता हुई थी। इसके बावजूद वर्तमान राज्य सरकार के द्वारा 60:40 नियोजन नीति को ही जबरन लागू कर दिया गया है। इसके खिलाफ अब झारखंडी छात्रों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।