झारखंड: IAS-IPS अफसरों का चेहता निकला विशाल चौधरी, 10 दिन में 10 करोड़ का ट्रांजेक्शन
झारखंड सस्पेंड आइएएस अफसर पूजा सिंघल पर नकेल कसने के बाद अब ईडी कार्रवाई से स्टेट में ब्यूरोक्रैट्स-दलाल सिंडिकेट की परत-दर-परत पोल खुल रही है। ईडी की मंगलवार को रेड में इसी सिंडिकेट का एक अहम कड़ी विशाल चौधरी की काररगुजारी का खुलासा हुआ है। ईडी ने ब्यूरोक्रैट्स की काली कमाई खपाने से लेकर उनके लिए मौज-मस्ती का इंतजाम करने वाला विशाल चौधरी कस्टडी में ले लिया है। उसके ठिकाने से पांच करोड़ रुपये कैश मिलने की सूचना है।
- कचरे से मिले दो दर्जन से अधिक IPS अफसरों के नाम
- शराब के कारोबार में शामिल विशाल का ब्यूरोक्रेट्स से करीबी संबंध
- ईडी ने विशाल चौधरी को लिया कस्टडी में
- ठिकाने से पांच करोड़ रुपये कैश बरामदगी की सूचना
- चौधरी ने दो साल में तीन करोड़ का का खर्च किया फोरेन ट्रिप पर
- सीएम के प्रिंसिपल सेकरेटरी सह होम सेकरेटरी राजीव अरुण एक्का के जीजा भी फंसे
रांची। झारखंड सस्पेंड आइएएस अफसर पूजा सिंघल पर नकेल कसने के बाद अब ईडी कार्रवाई से स्टेट में ब्यूरोक्रैट्स-दलाल सिंडिकेट की परत-दर-परत पोल खुल रही है। ईडी की मंगलवार को रेड में इसी सिंडिकेट का एक अहम कड़ी विशाल चौधरी की काररगुजारी का खुलासा हुआ है। ईडी ने ब्यूरोक्रैट्स की काली कमाई खपाने से लेकर उनके लिए मौज-मस्ती का इंतजाम करने वाला विशाल चौधरी कस्टडी में ले लिया है। उसके ठिकाने से पांच करोड़ रुपये कैश मिलने की सूचना है।
ईडी की टीम ने ने विशाल चौधरी के ठिकाना पर रेड किया तो उसने अपना एप्पल मोबाइल कचरे के डिब्बे में डाल दिया। ईडी को इसके पास से हाल के दिनों में लगभग 10 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के दस्तावेज मिले है। ईडी उसे कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है। ईडी सोर्सेज के अनुसार मंगलवार की रेड में झारखंड के ब्यूरोक्रैट्स की ब्लैकमनी इन्वेस्टर्स से संबंधित थी। सस्पेंड आइएएस पूजा सिंघल, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार से मिले इनपुट के अलावा पाकुड़, दुमका व साहिबगंज के डीएमओ से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर ही ईडी ने मंगलवार को झारखंड-बिहार में सात जगहों पर रेड किया है।
ईडी की टीम को देखते ही विशाल ने कचरे में फेंका एप्पल मोबाइल
ईडी की रेड में सबसे बड़ा इन्वेस्टर विशाल चौधरी ही मिला है। विशाल ने 10 दिन पहले 10 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया है। किसे कितनी राशि दी, कहां-कहां से रुपये आए और कहां-कहां ट्रांसफर हुए, उससे संबंधित कागजात ईडी को मिले हैं, जिसकी छानबीन की जा रही है। अरगोड़ा में किसी अनिल झा के यहां भी ईडी की टीम पहुंची थी, लेकिन बिना छानबीन के ही वहां से निकल गई।ईडी की एक टीम जैसे ही अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित विशाल चौधरी के आवास पर पहुंची, गेट खोलने से पहले विशाल चौधरी ने अपना एप्पल का मोबाइल कचरे में फेंक दिया। ईडी की टीम ने कचरे से उसका मोबाइल बरामद कर जब्त किया है। अब मोबाइल की छानबीन होगी। ईडी ने विशाल के आवास से करोड़ों रुपये के लेन-देन से संबंधित कई डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किये हैं।
कचरे से मिले दो दर्जन से अधिक IPS अफसरों के नाम
अरगोड़ा चौक के समीप स्थित फ्रंटलाइन एंड विनायका ग्रुप के ऑफिस में जब ईडी की रेड चल रही थी, उस समय बाहर कचरे में कई संदिग्ध दस्तावेज भी दिखे। उक्त दस्तावेज में एक पेपर ऐसा था, जिसमें दो दर्जन आइपीएस अफसरों के नाम थे। कई ऐसे कागजात दिखे जो झारखंड बिवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड में प्लेसमेंट एजेंसियों के टेंडर से संबंधित थे। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि विशाल चौधरी की उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में भी अच्छी पकड़ थी।
विशाल चौधरी ने दो साल में विदेश भ्रमण पर तीन करोड़ खर्च किया
ईडी सोर्सेज से पता चला है कि विशाल चौधरी विदेश भ्रमण का शौकीन रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान उसने तुर्की, स्विट्जरलैंड, श्रीलंका, इंडोनेशिया, यूएई सहित कई देशों का दौरा कर चुका है। दो साल में विदेश भ्रमण पर वह तीन करोड़ रुपये से ज्यादा राशि खर्च कर चुका है। उसके नोएडा (दिल्ली) व नैनीताल में होटल खरीदने की चर्चा है। मुजफ्फरपुर में उसने पिता के लिए करोड़ों रुपये का फर्नीचर का शोरूम खोला है। देश के विभिन्न हिस्सों में 15 रेस्टोरेंट खोलने की भी सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि जिस स्कूल में विशाल का बेटा पढ़ता है, उसकी सालाना फीस 40 लाख रुपये हैं।
शराब के कारोबार में शामिल है विशाल चौधरी का ब्यूरोक्रेट्स से करीबी संबंध
विशाल चौधरी अरगोड़ा चौक के समीप स्थित फ्रंटलाइन एंड विनायका ग्रुप का संचालक है। उसकी विनायका फंडामेंटल रिसर्च एंड एजुकेशन सोसाइटी है जो गैर सरकारी संस्था है। संस्था कौशल विकास संस्थान के रूप में काम करती है। विशाल चौधरी की वाइफ श्वेता सिंह चौधरी व भाई त्रिवेणी चौधरी हैं। इनकी शराब के कारोबार में रुचि रही है। पूर्व में भी जब राज्य सरकार के माध्यम से शराब की बिक्री हो रही थी, तब विशाल ने मैनपावर उपलब्ध कराया था। झारखंड बिवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड में विशाल चौधरी की पकड़ रही है। इससे संबंधित कागजात भी विनायका ग्रुप के ऑफिस से मिले हैं।
ईडी को जानकारी मिली है कि कोरोना संक्रमण काल में विशाल चौधरी को करोड़ों रुपये के कोविड किट उपलब्ध कराने का कंट्रेक्ट मिला था। स्टेट के कई बड़े आइएएस अफसरों के ब्लैक मनी इन्वेस्ट करने संबंधित सबूत भी ईडी को मिली है। विशाल चौधरी के कई ब्यूरोक्रेट्स से करीबी संबंध हैं। वह इनके पैसे इन्वेस्ट करता था। वह अक्सर विदेश भ्रमण करता था। वह कई गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में ट्रांसफर-पोस्टिंग समेत टेंडर मैनेज करता था।
नोट गिनने की मशीन की उड़ी अफवाह
ईडी की टीम विशाल चौधरी के अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित आवास में प्रिंटर व दो बैग लेकर पहुंचे थे। अनुमान लगाया जा रहा था कि उस बैग में नोट गिनने की मशीन होगी। हालांकि, ईडी के ऑफिसियल सोर्सेज ने इसे खारिज किया। बताया कि उतनी राशि भी नहीं मिली है, जिसे गिनने के लिए मशीन लगाना पड़े।
हेमंत सोरेन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एक्का का बहनोई निशिथ निकला बड़ा खिलाड़ी
ईडी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के प्रिंसिपल सेकरटेरी सह होम सेकरटेरी वं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के बहनोई निशिथ केशरी के ठिकाने पर भी रेड की है। रेड में खुलासा हुआ है कि निशिथ केशरी डेढ़ दशक पहले रांची में पूनम ड्रेसेज नामक कपड़ा की दुकान चलाते थे। बाद में वह रियल इस्टेट का बड़ा बिजनसनमैन बन गया। उसने अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई, जिसका नाम निशिथ केशरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (एनकेसीपीएल) है। इस कंपनी ने रांची में अरगोड़ा से पुंदाग जाने वाले रास्ते में ओक फारेस्ट अपार्टमेंट बनवाया। ईडी की टीम ने उक्त अपार्टमेंट स्थित एनकेसीपीएल के ऑफिस में रेड मारकर कई दस्तावेज जब्त किया है।
पॉलिटिशयन व ब्यूरोक्रेट्स की ब्लैकमनी का इन्वेस्ट
ईडी सोर्सेज के अनुसार विशाल व निशिथ के ठिकाने पर रेड में पता चला है कि पॉलिटिशयन व ब्यूरोक्रेट्स की ब्लैकमनी का इन्वेस्ट करते थे। ईडी को छानबीन में इससे संबंधित कई अहम सबूत हाथ लगे हैं।