झारखंड की अस्मिता सर्वोपरि, परिभाषित होगी नई स्थानीय नीति: सीएम हेमंत सोरेन
सीएम हेमंत सोरेन ने 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उपराजधानी दुमका में मंगलवार को तिरंगा फहराया। गांधी मैदान में सीएम नौ बजे ध्वजारोहण किया। इसके बाद उन्होंने परेड की सलामी ली। विभिन्न विभागों की तरफ से झांकी निकाली गई
- गणतंत्र दिवस पर सीएम ने दुमका में किया ध्वजारोहण
दुमका। सीएम हेमंत सोरेन ने 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उपराजधानी दुमका में मंगलवार को तिरंगा फहराया। गांधी मैदान में सीएम नौ बजे ध्वजारोहण किया। इसके बाद उन्होंने परेड की सलामी ली। विभिन्न विभागों की तरफ से झांकी निकाली गई। समारोह को संबोधित करते सीएम कहा कि झारखंड में मजबूत सरकार चल रही है। झारखंड और झारखंड अस्मिता मेरे लिए सर्वोपरि है। सामाजिक न्याय के साथ एक सशक्त और विकसित झारखंड के निर्माण के लिए काम कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि संकल्प को लेकर मैं पूरी निष्ठा और तत्परता से काम कर रहा हूं जिसमें भरपूर जनसहयोग हासिल है। पिछला एक साल कोविड-19 की वजह से चुनौतीपूर्ण रहा लेकिन हम हर मोर्चा पर लड़े और महामारी को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। कोविड-19 की वजह से सामाजिक और आर्थिक तानाबाना को नुकसान हुआ है। इसके बावजूद सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों की शुरूआत की है।
झारखंड में राज्य कृषि ऋण माफी योजना की शुरुआत की गई है। झारखंड राज्य फसल राहत योजना की शुरुआत किसानों के हित में की गई है। बेरोजगारी को दूर करने और नौकरियों के लिए अवसर प्रदान करने के लिए जेपीएससी के द्वारा द झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज एक्जामिनेशन रूल्स 2021 का गठन कर लिया गया है। राज्य में खेलकूद को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को नौकरी मुहैया कराने के लिए पहली बार राज्य के सभी 24 जिलों में जिला खेलकूद पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के बेरोजगारों को रोजगार के लिए अनुदान पर 25 लाख रूपये तक लोन मुहैया कराया जायेगा। राज्य के मेधावी छात्र-छात्राओं को विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए मरड् गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है। दुमका में कन्वेंशन सेंटर का निर्माण हो रहा है जिसके माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जायेगा। दुमका में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज के लिए 500 बेड अस्पताल का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
परिभाषित होगी नई स्थानीयता नीति
त्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के लोगों की भावना के अनुरूप नई स्थानीयता नीति परिभाषित कर रहे हैं। झारखंडी सरकार निजी क्षेत्र में 75 परसेंट पदों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने जा रही है। अल्पसंख्यक विद्यालय में कर्मी की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाई जा रही है। शिक्षक एवं पुलिस भर्ती के लिए हम जल्द नियमावली ला रहे हैं।उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष हमलोगों के लिए कठिन दौर था। हम सबने मिलकर वैश्विक महामारी कोरोना से डटकर मुकाबला किया और इस प्रदेश को संकट से बाहर निकाला। बाहर के राज्यों में फंसे मजदूर भाईयों को स्पेशल ट्रेन और एयर लिफट के द्वारा वापस लाए। सरकार के ये कदम संवेदनशीलता के पुख्ता प्रमाण हैं। इससे पता चलता है कि सबसे अंतीम व्यक्ति हमारी प्राथमिकता में सबसे उपर है।
उन्होंने कहा कि सोना सोबरन धोती साड़ी वितरण योजना शुरू होने वाली है। सरना कोड लागू करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाकर केंद्र को भेजा जा चुका है। लगभग 32.2 लाख परिवारों को सखी मंडल से जोड़ा गया है। संथाल परगना के सम़द्ध संस्क़ति और विरासत को संरक्षित करने के लिए दुमका में कन्वेंशन सेंटर बनाया जा रहा है। स्वस्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए दुमका में 500 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य प्रगती पर है। 15 लाख लाभुकों को झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत एक रूपए में 5 किलो चावल प्रतिमाह उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए 181 हेल्पलाईन शुरू की गई है जो 24X 7 काम कर रहा है। सरकार नीजि क्षेत्र के 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने जा रही है। शिक्षक और पुलिस भर्ती के लिए हम जल्द ही नियमावली लाने जा रहे हैं। सीएम ने कहा कि इसके अलावा बहुत सारे काम है जिसे पूरा कर झारखंड को विकास के पथ पर आगे ले जाना है। आइए ! इस गणतंत्र दिवस पर हम सब मिलकर संकल्प लें कि झारखंड को सवांरने के लिए निष्ठा से अपनी भूमिका निभायेंगे।
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने इस वर्ष को नियुक्ति वर्ष घोषित किया है और इस दिशा में कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। रिक्तियों को शीघ्र भरने के लिए विभागों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है। झारखंड लोक सेवा आयोग से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने द झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन रूल्स, 2021 का गठन किया है। जेपीएससी द्वारा अब प्रत्येक वर्ष इस नियमावली के तहत सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। प्रति वर्ष 50 खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति भी की जायेगी।
महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार गठन के उपरांत मंत्रिपरिषद् की प्रथम बैठक में ही हमने यह स्पष्ट संदेश दिया था कि महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य की महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए 181 हेल्पलाइन की शुरुआत की गयी है। महिलाओं को ये सभी सहायता एक स्थान पर ही उपलब्ध हो सके, इस उद्देश्य से “सखी वन स्टॉप सेंटर”का संचालन राज्य के प्रत्येक जिले में किया जा रहा है। साथ ही इसके माध्यम से महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी जायेगी।उन्होंने कहा कि महिलाओं के अवैध एवं अनैतिक व्यापार की रोकथाम, पीड़ितों के बचाव, पुनर्वास एवं स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। पलामू प्रमंडल मुख्यालय (मेदिनीनगर) एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल मुख्यालय(हजारीबाग) में उज्जवला होम स्थापना के बाद अन्य तीन प्रमंडलों मुख्यालयों में उज्जवला होम शीघ्र चालू किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार ने सरना आदिवासी धर्म कोड को जनगणना में शामिल करने के लिए विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाकर प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा है। हो, कुडुख एवं मुंडारी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भी राज्य सरकार की तरफ से प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया हैआइए! हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि झारखंड को संवारने में हम सब पूरी जिम्मेवारी एवं निष्ठा से अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे, संविधान के आदर्शों के अनुरूप एक ऐसे झारखंड के निर्माण में अपनी महती भूमिका निभायेंगे, जहां ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, अगड़ा-पिछड़ा का कोई भेदभाव न हो तथा सबों को गरिमामयी जीवन एवं सर्वांगीण विकास के लिए समुचित अवसर प्राप्त हों।
बिहार के जमाने से चली आ रही परंपरा दुमका में ध्वजारोहण की पंरपरा
बिहार को विभाजित कर 15 नवंबर, 2000 को एक अलग झारखंड राज्य का निर्माण हुआ। झारखंड बनने से पहले रांची बिहार की उपराजधानी थी। 15 अगस्त पर पटना में सीएम तो रांची में राज्यपाल ध्वजारोहण करते थे। इसी तरह गणतंत्र दिवस पर पटना में राज्यपाल तो रांची में मुख्यमंत्री के ध्वजारोहण करने की बारी आती थी। अलग झारखंड राज्य बना तो रांची को राजधानी के साथ ही दुमका को उपराजधानी बनाया गया। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर बिहार के जमाने से चली आ रही ध्वजारोहण की परंपरा को अपना लिया गया।