Jharkhand : पुत्र धर्म के साथ राजधर्म, सीएम हेमंत सोरेन का अफसरों को निर्देश, जनहित से जुड़े कार्यों में न हो देरी

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन विगत 10 दिनों से अपने पैतृक गांव नेमरा में पिता शिबू सोरेन का श्राद्धकर्म कर रहे हैं। वे पुत्र धर्म के साथ राजधर्म भी बखूबी से निभा रहे हैं। उन्होंने अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनहित से जुड़े कामों में किसी भी तरह की देरी न हो।

Jharkhand : पुत्र धर्म के साथ राजधर्म, सीएम हेमंत सोरेन का अफसरों को निर्देश, जनहित से जुड़े कार्यों में न हो देरी
प्रशासनिक कार्यों के प्रति सक्रिय सीएम हेमंत।

रांची। झारखंड के जनननायक, जेएमएम के संस्थापक व राज्यसभा एमपी शिबू सोरेन की निधन के बाद सीएम हेमंत सोरेन  अपनी वाइफ कल्पना सोरेन के साथ पारंपरिक रीती-रिवाज से श्राद्ध कर्म कर रहे हैं।  
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सीएम हेमंत सोरेन पिछले नौ दिनों से रामगढ़ जिले गोला ब्लॉक स्थित पैतृक गांव नेमरा के खुले आंगन, मिट्टी की महक और अपनत्व से भरे वातावरण में रहते हुए भी जनता की सेवा को ही प्राथमिकता देने में लगे हैं। सीएम नेमरा में रहकर एक साथ पुत्र धर्म और राज्य धर्म का निर्वहन कर रहे हैं। एक ओर जहां वे दिवंगत पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म की स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों का निर्वाह कर रहे हैं। वहीं राज्य के विकास और प्रशासनिक कार्यों के प्रति पूरी तरह सक्रिय हैं। गांव के सादगीपूर्ण माहौल में रहते हुए वे लगातार विभिन्न विभागों से प्राप्त फाइलों और प्रस्तावों पर निर्णय ले रहे हैं। अफसरों से फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर रहे हैं।
सीएम हेमंत सोरेन ने स्पष्ट किया है कि जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही न हो और योजनाओं का गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन निर्धारित टाईमलाईन से किया जाए। उन्होंने अफसरों  को निर्देश दिया है कि ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहते हुए उनके समाधान में पूरी तत्परता बरती जाए।
नेमरा के आंगन में पुत्रधर्म और राजधर्म 
नेमरा के खुले आंगन में, पिता की यादों से भरे वातावरण में, CM हेमंत सोरेन आज भी वही विनम्र बेटे हैं, जो अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन की परंपराओं और संस्कारों को जीते हैं। इन दिनों वे यहां पुत्र धर्म निभाने, पिता की स्मृति में श्राद्ध कर्म की हर रीति निभाने में हैं। लेकिन  राज्य की जनता भी कोई पराई नहीं, वह भी उनका परिवार है। यही वजह है कि इस सादगी भरे गांव के माहौल में भी वे सरकारी फाइलों का निबटारा कर रहे हैं। मोबाइल पर अफसरों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। वीडियो कॉल पर योजनाओं की प्रगति पर नजर रख रहे हैं।