Jharkhand: नेमरा की गलियों और खेतों में घूम रहे हेमंत सोरेन, जल-जंगल-जमीन संग बचपन की यादों में खोए"

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन नेमरा की गलियों और खेतों का भ्रमण कर रहे हैं। ग्रामीणों से मुलाकात, खेत-खलिहान में समय बिताया और जल, जंगल, जमीन के मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

Jharkhand: नेमरा की गलियों और खेतों में घूम रहे हेमंत सोरेन, जल-जंगल-जमीन संग बचपन की यादों में खोए"
नेमरा के खेतों में घूमते सीएम हेमंत सोरेन।
  • जीवन के हर कदम को बताया पिता की सीख से प्रेरित

रामगढ़। झारखंड के जननायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन की निधन के बाद उनके श्राद्धकर्म को लिए सीएम हेमंत सोरेन पिछले नौ दिनों से अपने पैतृक गांव रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड अंतर्गत नेमरा गांव में हैं। सीएम हमंत बुधवार को नेमरा गांव की गलियों, खेतों और पगडंडियों पर घूमते दिखे।
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किसानों से मिलते हुए जल, जंगल और जमीन के मुद्दों पर बोलते हुए हमंत सोरेन में अपने दिवंगत पिता की विरासत दिखी। उन्होंने कहा कि झारखंड की धरती अपनी प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगलों, कल-कल बहती नदियों और हरे-भरे खेतों के लिए जानी जाती है। उन्हें प्रकृति से गहरा लगाव है। यह लगाव केवल शब्दों में नहीं, बल्कि उनकी जीवनशैली में भी दिखती है।

गांव के प्राकृतिक वातावरण में पले-बढ़े हेमंत सोरेन सीएम की कुर्सी पर रहते हुए आज भी अपने व्यस्त राजनीतिक जीवन में प्रकृति के साथ समय बिता रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना। पै तृक गांव नेमरा में CM हेमंत सोरेन न केवल एक जनसेवक थे, बल्कि उस बेटे की तरह थे, जो अपने पिता की परछाई लेकर लौट आया हो। गांव की हर नजर में उन्हें केवल सीएम नहीं, बल्कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन की छवि के रूप में देखा गया। वही सरल मुस्कान, वही अपनापन, वही जल-जंगल-जमीन से अटूट मोह।
जीवन का हर कदम पिता की सीख से प्रेरित
सीएम किसानों से बातें कर रहे थे, बच्चों के सिर पर हाथ फेर रहे थे, और दूर तक फैले खेतों को देखकर जैसे खुद से वादा कर रहे थे, यह धरती हरियाली से भरी रहेगी, आने वाली पीढ़ियों के लिये।जल, जंगल और जमीन, उनके लिये ये सिर्फ प्राकृतिक संसाधन नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा हैं। यही आत्मा उनके हर फैसले में, हर योजना में और हर विकास कार्य में सांस लेती है। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि उनके जीवन का हर कदम पिता की सीख और आशीर्वाद से प्रेरित है। गुरुजी ने सिखाया कि राजनीति का अर्थ केवल सत्ता नहीं, बल्कि जनता की सेवा और अधिकारों की रक्षा करना है।
पहचान और अस्तित्व का आधार है जल, जंगल और जमीन 
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जल, जंगल और जमीन ही झारखंड की पहचान और अस्तित्व का आधार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इन तीनों संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन को अपनी प्राथमिकता में रखकर कार्य कर रही है।यह केवल प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा का विषय नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध झारखंड बनाने का संकल्प है। झारखंड की संस्कृति, परंपरा और आजीविका जल, जंगल और जमीन से अभिन्न रूप से जुड़ी है। यही कारण है कि राज्य सरकार जल संरक्षण, वनों की रक्षा और भूमि अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू कर रही है।