- SIT को लीड करेंगे डीआइजी
- 24 घंटे में होगा मामले का खुलासा
रांची। झारखंड में क्राइम कंट्रोल व राजधानी रांची, जमशेदपुर, धनबाद समेत अन्य जिलों घटित क्राइम की घटना की खुलासे को लेकर डीजीपी नीरज सिन्हा ने हाइ लेवल बैठक की। पुलिस हेड्कार्वटर में आयोजित बैठक में रांची में ज्वेलरी बिजनसमैन राजेश पाल मर्डर मामले का खुलासा करने के लिए एसआइटी का गठन किया गया।
रांची के डीआइजी अनीश गुप्ता के नेतृत्व में गठित एसआइटी में रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा, सिटी एसपी अंशुमन कुमार वएसआइटी के एसपी प्रशांत आनंद को शामिल किया गया है। एसआइटी के अफसर अपनी सुविधा के अनुसार डीएसपी, इंस्पेक्टर व पुलिसकर्मियों की संख्या जोड़ सकते हैं। एसआइटी को पूरे मामले का गहन अनुसंधान, अपराधियों की गिरफ्तारी का जिम्मा सौंपा गया है।
रांची जिलो में एंटी क्राइम चेकिंग व अपराध नियंत्रण के लिए झारखंड सशस्त्र पुलिस (जैप) व इंडियन रिजर्व बटालियन (आइआरबी) की दस इको कंपनियों को तैनात किया गया है। डीजीपी ने जिलों में क्राइम कंट्रोल के लिए एक का र्ययोजना तैयार की है। इसके अनुपालन की जिम्मेदारी रेंज डीआइजी को सौंपी गई है। संबंधित रेंज डीआइजी अपनी अनुपालन रिपोर्ट आइजी को देंगे। आइजी उक्त अनुपालन की रिपोर्ट आइजी अभियान व सीआइडी को देंगे, जहां उसकी समीक्षा की जायेगी।
चार जिलों के एसपी, डीआइजी के साथ बैठक
डीजीपी नीरज सिन्हा ने गुरुवार को चार जिलों के एसएसपी, एसपी व रेंज डीआइजी तथा सीनियर पुलिस अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। वीडियो कांफ्रेंसिंग में आइजी बोकारो, डीआइजी रांची, डीआइजी बोकारो, रांची, धनबाद व जमशेदपुर के एसएसपी तथा सरायकेला के एसपी शामिल हुए। इस बैठक में डीजीपी ने हाल के दिनों में रांची, जमशेदपुर, सरायकेला, बोकारो व धनबाद जिले में घटित घटनाओं की चर्चा की। उसके खुलासे तथा घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी का निर्देश जारी किया।
पुलिस का एक्शन प्लान
डीजीपी ने स्टेट में क्राइम कंट्रोल के लिए एक्शन प्लान बनाया है। एक्शन प्लान में राज्य में वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी व कुर्की-जब्ती, लंबित कांडों का खुलासा, अनुसंधान, अपराधियों की जमानत की निगरानी, न्यायालय में लंबित कांडों का स्पीडी ट्रायल, कुख्यात अपराधियों की जमानत रद कराने की कार्रवाई शामिल है। इसके अलावा महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों (रेप, छेडखानी आदि) के अनुसंधान एवं उनकी सुरक्षा की निगरानी, जिलों में कार्यरत आपराधिक गिरोहों, अपराधियों का सत्यापन करते हुए उनको प्राप्त होने वाले वित्तीय स्रोतों को रोकने की कार्रवाई भी करनी है। अपराधियों का डाटाबेस तैयार करना है। क्रिमिनलों का भौतिक सत्यापन व उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करनी है। आवश्यकता के आधार पर बल की तैनाती करनी है।
सीसीटीवी कैमरा का प्रभावी उपयोग व आम जनता एवं पीडितों के साथ व्यवहार में सुधार का भी आदेश दिया गया है। एक्शन प्लान में थाना में प्रतिदिन पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर लक्ष्य निर्धारित करना एवं पिछले दिये गये लक्ष्यों की समीक्षा करना व जिला स्तर पर अभियान चलाना भी शामिल किया गया है। डीएसपी को कांडों के सुपरविजन का टारगेट दिया जायेगा। शहरी क्षेत्र में बीट पुलिसिंग होगी, पुलिस स्टेशन लेवल पर आसूचना संकलन होगा व वैज्ञानिक तकनीक से अनुसंधान होगा। रंगदारी रोकने के लिए रेलवे साइडिंग पर नजर, जेल में बंद अपराधियों की निगरानी, टीओपी में बलों की प्रतिनियुक्ति, हेल्पलाइन नंबर जारी कर एंटी क्राइम चेकिंग करना व व्यापार के समय पदाधिकारियों का गश्त तेज करना भी एक्शन प्लान में शामिल किया गया है।
अनुपालन कराने की जिम्मेदारी डीआईजी को
डीजीपी ने 24 बिंदु में दिये गये निर्देशो का अनुपालन कराने की जिम्मेवारी क्षेत्रीय डीआईजी को दी है। डीआईजी संबंधित आईजी को अनुपालन प्रतिवदेन समर्पित करेगे। आईजी उक्त कार्य योजना के अनुपालन की मॉनिटरिंग करते हुए आईजी अभियान और सीआईडी को प्रतिवेदन देंगे।