- पीएम ने की हाईलेवल मीटिंग, आज जायेंगे मोरबी
- हादसे अब तक 134 की मौत
अहमदाबाद। गुजरात के मोरबी जिले में मच्छू नदी पर रविवार को हुए केबल पुल हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने पुलस गिरने के मामले में सोमवार को नो लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें पुल का रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर, ब्रिज की रिपेयरिंग करने वाले दो कॉन्ट्रैक्टर, दो टिकट क्लर्क और तीन सिक्योरिटी गार्ड्स शामिल हैं।
मोरबी पुलिस हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम गांधीनगर में हाईलेवल मीटिंग की। पीएम ने कहा कि पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाए। बैठक में पीएम मोदी को मोरबी में हुई दुर्घटना के बाद से जारी बचाव और राहत कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। इस बैठक में केबल ब्रिज हादसे से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक में पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मिले। पीएम मंगलवार को दोपहर बाद मोरबी जायेंगे।बैठक में हादसे पर शोक व्यक्त करने के लिए दो नवंबर को गुजरात में राजकीय शोक मनाने का निर्णय लिया गया। इस दिन राज्य में सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इस दौरान कोई भी सरकारी सार्वजनिक समारोह, स्वागत या मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जायेगा।''
बैठक में सीएम भूपेंद्र भाई पटेल, स्टेट के होम मिनिस्टर हर्ष सांघवी और चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी समेत तमाम सीनियर ऑफिसर्स उपस्थित रहे। मोराबी हादसे के बाद अहमदाबाद नगर निगम ने अटल ब्रिज के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है। यहां एक घंटे में तीन हजार लोग ही जा सकेंगे। इस यह अलर्ट जारी किया है।
घटना की जांच के लिए SIT गठित
राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने कहा कि पुल के रखरखाव और संचालन का काम देखने वाली एजेंसियों के खिलाफ IPC की सेक्शन 304 और 308 के के तहत एफआइआर दर्ज किया गया है। मामले में अब तक नौ लोगों को अरेस्ट किया है। आईजी ने कहा कि घटना से संबंधित हमें जैसे ही और सबूत मिलेंगे हम आरोपी को अरेस्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच करने के लिए हमने एक स्पेशल जांच दल (SIT) का गठन किया है। उन्होंने कहा कि घटना की आगे जांच जारी है।
आठ महीने से उपयोग में नहीं था पुल
जानकारी के अनुसार, ‘बी’ डिवीजन के पुलिस इंस्पेक्टर प्रकाश देकीवाडिया द्वारा दर्ज एफआइआर में कहा गया है कि मोरबी शहर में मच्छू नदी पर बना पुल लगभग आठ महीने से उपयोग में नहीं था, क्योंकि लोकल प्रशासन ने इसके रखरखाव के लिए एक ‘निजी एजेंसी’को काम सौंपा था।अहमदाबाद रियासत काल में बना मोरबी का झूलता केबल पुल नगरपालिका मोरबी की संपत्ति है, लेकिन नगरपालिका ने ओरेवा समूह की अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड से हुए एक समझौते के तहत सात मार्च, 2022 को यह पुल लगभग 15 वर्ष के लिए कंपनी के सुपुर्द कर दिया था। कंपनी को इसकी मरम्मत कराकर मार्च, 2037 तक इसका संचालन व प्रबंधन करना था।पुल की सुरक्षा, सफाई, स्टाफ की नियुक्ति, टिकट बुकिंग, खर्च का हिसाब-किताब कंपनी को ही करना था। समझौते के बाद सरकार, नगरपालिका, महानगरपालिका, सरकारी अथवा गैर-सरकारी किसी एजेंसी का इसमें कोई हस्तेक्षप नहीं रह गया था।