नई दिल्ली: होली से पहले आ जायेगी कोरोना वैक्सीन: हर्षवर्धन
सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि COVID-19 Vaccine अगले तीन-चार महीनों में तैयार हो जायेगी। 135 करोड़ भारतीयों को इसे मुहैया कराने की प्राथमिकता वैज्ञानिक मूल्यांकन पर आधारित होगी।
नई दिल्ली। सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि COVID-19 Vaccine अगले तीन-चार महीनों में तैयार हो जायेगी। 135 करोड़ भारतीयों को इसे मुहैया कराने की प्राथमिकता वैज्ञानिक मूल्यांकन पर आधारित होगी। हेल्थ मिनिस्टर ने यह बात फिक्की एफएलओ के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए यह बात कही।
हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि 'मुझे विश्वास है कि अगले तीन-चार महीनों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जायेगी। वैक्सीन की प्राथमिकता वैज्ञानिक डेटा के आधार पर तय की जाएगी। स्वास्थ्य कर्मचारी और कोरोना वॉरियर्स को स्वाभाविक रूप से प्राथमिकता दी जायेगी। इसके बाद बुजुर्ग और रोग-ग्रस्त लोगों को टीका दिया जाएगा। टीकाकरण के लिए बहुत विस्तृत योजना पर काम चल रहा है। इसके ब्लूप्रिंट पर चर्चा करने के लिए एक ई-वैक्सीन इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बनाया गया है। उम्मीद है, 2021 हम सभी के लिए एक बेहतर वर्ष होगा।उन्होंने कोरोना के रोकथाम को लेकर केंद्र सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों में महामारी से लड़ने के लिए 'बहुत साहसिक कदम' उठाये गये हैं। जनता कर्फ्यू हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बहुत ही अनूठा प्रयोग था। इसमें नागरिकों की राष्ट्रव्यापी भागीदारी थी। लॉकडाउन और अनलॉक लागू करने का निर्णय महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा किए गए कुछ साहसिक निर्णय थे। हमने काफी अच्छा काम किया है।
हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार इस लड़ाई के दौरान काफी सक्रिय रही। कोरोना के मद्देनजर सही समय पर हवाई अड्डों, बंदरगाहों और भूमि सीमाओं पर सर्विलांस शुरू किया गया। पिछले 11 महीनों का लेखा-जोखा देते हुए, हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि कम समय में महामारी के प्रकोप को नियंत्रित करने वाले शीर्ष देशों में भारत शामिल है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में हमें पीपीइ किट, वेंटिलेटर और एन -95 मास्क की कमी का सामना करना पड़ा, लेकिन कुछ ही महीनों में, हम इन चीजों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में निर्यात करने में सक्षम हो गये। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक कोविड वैक्सीन बनाने की दिशा में बहुत आगे बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारतवासियों को पूरी तरह आश्वस्त किया है कि अगले कुछ महीनों में भारत का अपना कोरोना टीका आ जायेगा।जहां तक बाद वैक्सीन डिवेलपमेंट को लेकर रिसर्च की है तो हमारे वैज्ञानिक दूसरों से बहुत आगे हैं। हम इस स्थिति में हैं कि मैं भारतवासियों को पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अब से कुछ महीनों में हमारे पास
भारत में विकसित हो रही हैं ये तीन कोरोना वैक्सीन
भारत में तीन वैक्सीन कैंडिडेट्स के क्लीनिकल ट्रायल अडवांस्ड स्टेज में हैं। इनमें कोवैक्सीन (COVAXIN), कोवीशील्ड (Covishield) और जाइकोव-डी (ZyCoV-D) शामिल हैं। वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक कोवैक्सीन का निर्माण भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की मदद से कर रही है। यह वैक्सीन भारत बायोटेक के जैव सुरक्षा स्तर-3 (BSL-3) हाई कंटेनमेंट फैसिलिटी में हो रहा है। इसे इंसानों पर पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से मिल चुकी है।
कोवीशील्ड का निर्माण सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और आसीएमआर के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है। सीरम इंस्टिट्यूट भारत की कंपनी है और यह वर्ल्ड में सबसे बड़ी मात्रा में वैक्सीन का उत्पादन करती है। कोवीशील्ड क्लीनिकल ट्रायल के सेकेंड व थर्ड फेज में है। जायकोव-डी : दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला इसका निर्माण कर रही है। फस्ट फेज के क्लीनिकल ट्रायल में यह वैक्सीन सुरक्षा के पैमाने पर खरा उतरी है। अब जायकोवड-डी का सेकेंड फेज का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है।सेंट्रल गवर्नमेंट ने अलग-अलग कंपनियों से वैक्सीन की डील की है। सेंट्रल ने Novavax से एक अरब डोज,Oxford-AstraZeneca Vaccine से 500 मिलियन की डील, रूस की गेमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट से 100 मिलियन वैक्सीन की डील कर चुकी है।